घपले का बोर्ड : लालकेश्वर टॉपर की उत्तरपुस्तिका लेने खुद गये थे मूल्यांकन केंद्र पर
अनुसंधान. परीक्षा व मूल्यांकन केंद्र से बिहार बोर्ड के खंगाले जा रहे ‘रिश्ते’ टॉपर्स घोटाला मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे गोरखधंधे की पुष्टि होती जा रही है. साथ ही इसमें शामिल लोगों के चेहरे से नकाब उतरता जा रहा है. वहीं आरोपितों को जेल भेज दिया. पटना : बिहार बोर्ड के […]
अनुसंधान. परीक्षा व मूल्यांकन केंद्र से बिहार बोर्ड के खंगाले जा रहे ‘रिश्ते’
टॉपर्स घोटाला मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे गोरखधंधे की पुष्टि होती जा रही है. साथ ही इसमें शामिल लोगों के चेहरे से नकाब उतरता जा रहा है. वहीं आरोपितों को जेल भेज दिया.
पटना : बिहार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद कुछ टॉपर की उत्तरपुस्तिका लेने के लिए मूल्यांकन केंद्र पर गये थे. यह पुलिस के जांच में सामने आया है. इसके आधार पर ही केंद्र के प्राचार्य विशेश्वर प्रसाद यादव को पकड़ा गया है. सूत्रों के अनुसार इसमें सह संयोजक संजीव कुमार सुमन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. आरोपितों से पूछताछ के बाद यह बात सामने आयी है कि बोर्ड अध्यक्ष खुद उत्तरपुस्तिका लेने बालक उच्च विद्यालय राजेंद्र नगर मूल्यांकन केंद्र पर आये थे. उनके साथ कुछ और लोग भी थे. पुलिस उन सभी लोगों के संबंध में जानकारी ले रही है.
सूत्रों के अनुसार परीक्षा केंद्र से लेकर मूल्यांकन केंद्र तक उत्तरपुस्तिका आने के क्रम में कहीं भी किसी प्रकार की लिखित कार्रवाई नहीं की गयी थी और न ही कोई लिखित आदेश था. बिना कोई लिखित आदेश के सीधे उत्तरपुस्तिका को बालक उच्च विद्यालय राजेंद्र नगर में जांच के लिए भेज दिया गया था. यह सारी बात पुलिस की जांच में सामने आ चुकी है. इसके साथ ही जीए इंटर स्कूल हाजीपुर परीक्षा केंद्र पर भी गड़बड़ी होने के पुख्ता साक्ष्य पुलिस को हाथ लग चुके है और इसके कारण ही शैल कुमारी को पकड़ा गया है.
रिमांड पर लिया जायेगा सभी को
पकड़े गये सभी आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया. लेकिन उन सभी को पुलिस जल्द ही रिमांड पर लेगी. दूसरी आेर लालकेश्वर प्रसाद व बच्चा राय की गिरफ्तारी वारंट के लिए पटना पुलिस ने न्यायालय में शुक्रवार को अर्जी दी है.
कॉपी में गोलमाल
टॉपर्स की उत्तर पुस्तिकाओं में गोलमाल किये जाने की पुष्टि के बाद पटना पुलिस की टीम परीक्षा केंद्र, मूल्याकंन केंद्र से लेकर बिहार बोर्ड के बीच के तमाम चैनल को बारीकी से खंगाल रही है.
उत्तर पुस्तिकाओं में सेटिंग इन चैनलों के बीच ही हुई है. फिलहाल इस गोरखधंधे में शामिल पांच लोगों को पुलिस ने शुक्रवार को जेल भेज दिया. सूत्रों के अनुसार कुछ टॉपर्स की उत्तर पुस्तिकाओं में मिले प्राप्तांक को काट कर अंक बढ़ाये भी गये हैं. इसका अर्थ यह है कि उन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याकंन कर दिया गया था और फिर गड़बड़ी की गयी थी. इससे यह अब पूरी तरह स्पष्ट है कि मूल्याकंन केंद्र पर ही यह गड़बड़ी संभव है और फिर उसी प्राप्तांक को बिहार बोर्ड भेज दिया गया. इन उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी के लिए मूल्याकंन केंद्र के प्राचार्य व सह संयोजक को पुलिस ने फिलहाल दोषी माना है. लेकिन, इस मामले में पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि कोई तीसरा तो इस गोरखधंधे में शामिल नहीं है..
ऑरिजिनल सीरियल नंबर जानने का प्रयास
कुछ उत्तर पुस्तिकाओं के सीरियल नंबर को भी काला कर दिया गया है और उसके ऑरिजिनल नंबर को हटा कर दूसरा नंबर दे दिया गया है. पुलिस उन उत्तर पुस्तिकाओं के ऑरिजिनल सीरियल नंबर की जानकारी ले रही है. इसके लिए बिहार बोर्ड प्रशासन से भी पुलिस ने संपर्क किया है. पुलिस अब इस मामले में साक्ष्य जुटा रही है. अगर ऑरिजिनल सीरियल नंबर की जानकारी हो जाती है, तो फिर पुलिस के लिए न्यायालय में यह स्पष्ट करना आसान हो जायेगा कि उत्तर पुस्तिकाओं में छेड़छाड़ की गयी थी. पकड़े गये लोगों से जब मीडियाकर्मियों ने सवाल किये और उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, तो उन लोगों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि वे निर्दोष हैं.
पटना. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के इंटर काउंसिल और मैट्रिक दोनों ही प्रभार के परीक्षा विभाग को सेंट्रलाइज किया जायेगा. इसको लेकर समिति कार्यालय में योजना बनाने का काम शुरू हो गया है. इससे परीक्षा विभाग के कार्यों को गोपनीय रखा जा सकेगा. कंप्यूटर विभाग को भी एक जगह करने की बात चल रही है. अपने कार्यकाल के दूसरे दिन समिति अध्यक्ष आनंद किशोर ने सभी शाखाओं के कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक की.
इसमें इंटर और मैट्रिक दोनों ही विंग के शाखाओं को शामिल किया गया था. अध्यक्ष आनंद किशोर ने कहा कि 5000 ऐसे छात्र हैं, जो किसी प्रतियोगिता परीक्षा में सफल हुए है. छात्रों के भविष्य को देखते हुए तीन दिन में स्क्रूटनी का काम पूरा किया जायेगा. अध्यक्ष आनंद किशोर के निर्देश पर जल्द ही 2013 से 2015 तक के सारे लंबित सर्टिफिकेट को बांटा जायेगा. अध्यक्ष किशोर ने बताया कि जो भी काम कर्मचारियों को दिया जायेगा, उसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए. जो भी ऐसा करेंगे उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा.
इंटर काउंसिल के बाहर हटीं सारी दुकानें
बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर और सचिव अनूप सिन्हा के एक आदेश के बाद सारी दुकानों को हटा दिया गया. जो एक-दो दुकानें बच गयी थीं, वे भी शनिवार को हट जायेंगी. अब वहां पर पौधारोपण किया जायेगा. सुबह सचिव अनूप सिन्हा इंटर काउंसिल पहुंचे. काउंसिल के बाहर लगी दुकानें देख कर सचिव काफी नाराज हुए. उन्होंने तुरंत दुकानों को हटाने का आदेश दिया. दोपहर तक लगभग सारी दुकानें हटा ली गयीं. वहीं अध्यक्ष आनंद किशोर जब इंटर काउंसिल निरीक्षण के लिए पहुंचे, तो सबसे पहले उन्होंने काउंसिल के बाहर आकर सारे अतिक्रमण वाली जगहों को देखा. काउंसिल कर्मचारियों को अतिक्रमण हटा कर उसे घेरने का आदेश दिया. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर मैट्रिक प्रभार के हर शाखा कार्यालय में जाकर कर्मचारियों से मिले.
रूबी राय का आज तीन बजे होगा इंटरव्यू
पटना. इंटर ऑर्ट्स की टॉपर रूबी राय को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कार्यालय में शनिवार को अपना पक्ष रखने को कहा गया है. इसकी जानकारी रूबी राय को एक सप्ताह पहले अखबार और पत्र के माध्यम से दिया जाचुका है. शनिवार को तीन बजे रूबी राय की योग्यता की जांच होगी. समिति की आेर से एक्सपर्ट की टीम रखी गयी है. एक्सपर्ट की टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
फाइल और अंकित प्राप्तांक में काफी अंतर
पटना. पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि अारोपितों को जिन फाइलों के रखरखाव की जिम्मेवारी मिली थी, उनमें उन्होंने हेर-फेर करते हुए मनचाहे नंबर दिये. उन्होंने अापसी षड्यंत्र कर बड़े पैमाने पर व्हाइटनर लगा कर मार्क्स बदले. बिहार बोर्ड के मार्क्स की फाइल और अंकित प्राप्तांक में काफी भिन्नता पायी गयी है. 2016 का रिजल्ट घोषित होने के पूर्व ही उत्तर पुस्तिकाओं को इन आरोपितों ने बिहार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद को हस्तगत करा दिया गया था. इसके बाद अप्राथमिकी अभियुक्त लालकेश्वर प्रसाद ने उत्तर पुस्तिकाओं में अंकित प्राप्तांक को काट कर तथाकथित टॉपरों को मनोनुकूल अंक दिये. इन टॉपरों की उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन के लिए कहां-कहां भेजा गया, संचिका में इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया.
बच्चा राय से लगातार संपर्क में बने थे आरोपित
जांच में यह साफ हुआ है कि इस कांड के मुख्य सूत्रधार व फरार चल रहे बच्चा राय गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों से लगातार लगातार संपर्क बनाये हुए थे. अभियुक्तों के मोबाइल के सीडीआर से इस बात का खुलासा हुआ है. गिरफ्तार अभियुक्त संजीव कुमार सुमन और विशेश्वर प्रसाद यादव उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन का कार्य कर रहे थे. इस कार्य के लिए उनको किसी तरह का लिखित आदेश नहीं मिला था.
कोड नंबर फाड़ दिये गये
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि उत्तर पुस्तिकाओं के कोड नंबर को फाड़ कर नया कोड नंबर अंकित किया गया. उत्तर पुस्तिकाओं में केंद्राधीक्षक के हस्ताक्षर की जगह इन अभियुक्तों ने अपने हस्ताक्षर कर उत्तर पुस्तिकाओं को जमा करा दिया. जांच के दौरान कुछ उत्तर पुस्तिकाएं गायब मिली.