अल्लाह को इबादत कर राजी करना ही रोजा

पटना सिटी. रमजान में सिर्फ भूखे-प्यासे रहना ही नहीं, बल्कि अल्लाह के प्रति अपनी वचनबद्धता कायम रखते हुए इबादत कर राजी करना अहम है. ये बातें खानकाह मुनएमिया मीतन घाट दरगाह शरीफ के सज्जादननशीन सैयद शाह शमीमद्दीन मुनएमी ने शुक्रवार को पहले जुमे की नमाज में तकरीर के दौरान कहीं. पहले जुमे की नवाज को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2016 7:01 AM
पटना सिटी. रमजान में सिर्फ भूखे-प्यासे रहना ही नहीं, बल्कि अल्लाह के प्रति अपनी वचनबद्धता कायम रखते हुए इबादत कर राजी करना अहम है. ये बातें खानकाह मुनएमिया मीतन घाट दरगाह शरीफ के सज्जादननशीन सैयद शाह शमीमद्दीन मुनएमी ने शुक्रवार को पहले जुमे की नमाज में तकरीर के दौरान कहीं.
पहले जुमे की नवाज को रोजेदारों ने अकीदत के साथ अदा की. इस दौरान अधिकतर मसजिदों में तकरीर का भी आयोजन किया गया था. बौली इमामबाड़ा स्थित शिया मसजिद में आयोजित तकरीर में मौलाना सैयद मुजफ्फर रजा ने कहा कि रमजान के पाक महीने में अल्लाह रहमतों की बारिश करती है. सबसे अहम बात यह कि भूखे-प्यासे रह कर दूसरों के दुख-दर्द को समझने का नाम ही रोजा है.

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