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एससी-एसटी परिवारों को शेडनेट हाउस में जैविक खेती की सुविधा

9600 एससी-एसटी परिवार 90 प्रतिशत सब्सिडी पर मिलेगा शेडनेट हाउस और फल-सब्जी के बीज पटना : राज्य के एससी-एसटी परिवारों को आधुनिक खेती के लिए सरकार 90 प्रतिशत अनुदान देगी. इसके लिए 2016-17 में राज्य के 9600 परिवार को विभिन्न सब्जियों के बीज और शेडनेट हाउस मिलेगा. जैविक खेती करने वाले एससी-एसटी परिवार को 90 […]

9600 एससी-एसटी परिवार 90 प्रतिशत सब्सिडी पर मिलेगा शेडनेट हाउस और फल-सब्जी के बीज
पटना : राज्य के एससी-एसटी परिवारों को आधुनिक खेती के लिए सरकार 90 प्रतिशत अनुदान देगी. इसके लिए 2016-17 में राज्य के 9600 परिवार को विभिन्न सब्जियों के बीज और शेडनेट हाउस मिलेगा. जैविक खेती करने वाले एससी-एसटी परिवार को 90 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. यह शेड नेट हाउस 75 वर्गमीटर का होगा. इसमें तापमान और अन्य प्राकृतिक परेशानियों के बावजूद बेहतर सब्जी का उत्पादन होगा. बागवानी मिशन के अधिकारी ने बताया कि एससी-एसटी परिवारों को आमदनी बढ़ाने के लिए नींबू के 25, अमरूद के पांच, पपीता के 10 और टीश्यु कल्चर के पौधा और दस मशरूम के दस बैग दिया जायेगा.
इसके लिए उन्हें मात्र 1200 रुपये ही खर्च करना होगा. वहीं 21 सौ परिवार को शेड नेट हाउस दिया जायेगा. जहां वे अधिक तामपान और बारिश से होने वाली परेशानी में भी बेहतर सब्जी की खेती कर सकेंगे. बागवानी बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि शेडनेट हाउस का आकार पोलीहाउस से छोटा होता है. इसलिए इसे अनुसूचित जाति के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, क्योंकि एससी-एसटी परिवारों को आमताैर पर छोटे आकार की जमीन होता है.
इसलिए शेडनेट पोलीहाउस से छोटा होता है. जल्द ही 21 सौ एससी-एसटी परिवारों को शेडनेट हाउस का वितरण शुरू हो जायेगा. वहीं 7500 परिवार को सब्जी और पौधे के बीज 90 प्रतिशत सब्सिडी पर दिया जायेगा.
22500 एकड़ में होगी जैविक सब्जी की खेती : राज्य में इस साल 25500 हेक्टेयर में जैविक सब्जी की खेती होगी. जैविक सब्जी की बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने कृषि विभाग को इसकी खेती को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है. विभाग का मानना है कि जैविक खेती से जहां भूमि की उर्वरा क्षमता खत्म नहीं होगा, वहीं रासायनिक खाद से हो रही विभिन्न प्रकार की क्षति को कम किया जा सकेगा. किसानों को पुन: पारंपरिक खेती की ओर ले जाना होगा. हालांकि अब तक जैविक खेती के मामले में राज्य लगभग शून्य उत्पादन की स्थिति में है. इसके पूर्व भी कृषि रोड मैप में जैविक खेती की बढ़ावा के लिए 2015-16 में 32297 हेक्टेयर में खेती कराने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन किसी जिले या दियारा क्षेत्र में जैविक सब्जी की खेती नहीं हो सकी.
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बना देसरी और चंडी
सब्जी और फल की आधुनिक खेती और इसके प्रसार के लिए वैशाली जिले के देसरी और नालंदा जिले के चंडी में एक-एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया गया है. यहां किसानों को एक निश्चित तापमान पर फल और सब्जी की खेती की जानकारी दिया जाता है. बताया जाता है कि एक पौधा को अच्छी उपज के लिए कितने पानी और कितने तापमान की आवश्यकता है. यहां ऐसे उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है जिससे पौधों की आवश्यकता के अनुसार पानी, तापमान और रसायनिक खाद दिया जाता है. जल्द ही यहां किसानों को जैविक सब्जी की खेती का प्रशिक्षण दिया जायेगा.

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