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ट्वीटर पर Dear विवाद, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मांगी स्मृति ईरानी से माफी

पटना / नई दिल्ली : बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने आज केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को ‘डियर’ कहकर संबोधित किया जिसके बाद दोनों के बीच ट्विटर पर शब्द युद्ध छिड़ गया.एक दूसरे के खिलाफ जारी ट्वीटों में सरकारी संवाद के शिष्टाचार का मुद्दा भी उठा. कांग्रेस नेता चौधरी ने आज […]

पटना / नई दिल्ली : बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने आज केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को ‘डियर’ कहकर संबोधित किया जिसके बाद दोनों के बीच ट्विटर पर शब्द युद्ध छिड़ गया.एक दूसरे के खिलाफ जारी ट्वीटों में सरकारी संवाद के शिष्टाचार का मुद्दा भी उठा. कांग्रेस नेता चौधरी ने आज एक ट्वीट में एचआरडी मंत्री को ‘डियर’ स्मृति ईरानी जी लिखा और कहा कि उन्हें राजनीति और भाषणों पर ध्यान देने के बजाय नई शिक्षा नीति पर ध्यान देना चाहिए.

स्मृति ने किया पलटवार

फिलहाल बिहार के दौरे पर गयीं स्मृति ने पलटवार करते हुए चौधरी से कहा कि महिलाओं को ‘डियर’ कह कर कब से संबोधित करने लगे अशोक जी?’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी ने लिखा कि यह कि अपमान के लिए नहीं है बल्कि सम्मान के लिए था. पेशेवर ईमेल ‘डियर’ शब्द के साथ शुरू होते हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में स्मृति ईरानी से वास्तविक मुद्दे का जवाब देने और बात को नहीं घुमाने को कहा. स्मृति ईरानी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि अशोक चौधरी, आपसे या अन्य किसी व्यक्ति से मेरा सारा संवाद आदरणीय शब्द के साथ शुरू होता है. उन्होंने बिहार के मंत्री से कहा कि शिक्षा नीति पर उनके राज्य की ओर से विचार नहीं मिले हैं और न ही चौधरी ने आमने-सामने बातचीत में कोई सुझाव दिया.

बिहार ने नहीं की है चर्चा-केंद्रीय मंत्री

उन्होंने दावा किया कि संभवत: बिहार ही एकमात्र राज्य है जिसने शिक्षा नीति के लिए जमीनी विचार-विमर्श नहीं किया है. चौधरी ने हालांकि जवाबी हमले में ट्वीट किया कि स्मृति ईरानी जी ने मोदी जी से बहुत कुछ सीखा है. झूठे वादे करना और काम नहीं करने की जिम्मेदारी दूसरों पर डालना संघ की किताब में पहला अध्याय है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के साथ उनकी मुलाकात का पूरा ब्योरा सार्वजनिक किया जाये ताकि ‘दूध का दूध, पानी का पानी हो जाय.

अशोक चौधरी को काम पर ध्यान देने की सलाह

स्मृति ने फिर ट्वीट किया कि श्रीमान, मुझे उम्मीद है कि आप अपने व्यस्त समय में से शिक्षा नीति के लिए समय निकाल पाएंगे. राज्य की प्रतिक्रिया का इंतजार है.’ बिहार के मंत्री ने चुटीले अंदाज में ट्वीट किया कि इतने अधिक सम्मान के लिए शुक्रिया. एनईपी पर काम करने और नहीं करने की जिम्मेदारी मेरे उपर है, यह जानकर खुशी हुई. उम्मीद है कि इसका श्रेय मेरे साथ मोदीजी को भी मिलता है. दोनों नेताओं की जुबानी जंग यहीं नहीं रुकी. बाद में स्मृति ने चौधरी से कहा कि दो लाख शिक्षकों के खाली पद भरिये, केंद्रीय विद्यालयों की जमीन, केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी पर ध्यान दीजिए.

अशोक चौधरी ने मांगी मांफी

चौधरी ने जवाब दिया कि मुझे पता है कि अपने वादों पर कैसे काम करना है. आपसे अनुरोध है कि अपने किये वादों पर काम कीजिए. बाद में उन्होंने कहा है कि मैं ट्वीट में बेहद सम्मानजनक तरीके से पूछा था डियर स्मृति जी नई शिक्षा नीति कब आ रही है. उन्होंने कहा कि पता नहीं उन्हें डियर में क्या अपमानजनक लगा. लेकिन मैं फिर भी स्मृति जी से माफी मांगता हूं, अगर मैंने उनकी भावना को किसी तरह आहत की हो.स्मृति की बिहार के शिक्षा मंत्री के साथ यह जुबानी जंग ऐसे दिन हुई जब वह राजग के सत्ता में दो साल पूरे होने पर आयोजित कि विकास पर्व के सिलसिले में वह भागलपुर के दौरे पर थीं.

बैठक में कोई नहीं आया था श्रीमान अशोक चौधरी-स्मृति ईरानी

जब स्मृति ने जोर दिया कि बिहार सरकार शिक्षा नीति पर अपने विचार दे तो चौधरी ने बातचीत का लिंक डालने का दावा किया. चौधरी ने लिखा कि ऐसा लगता है कि स्मृति जी को इस बारे में जानकारी नहीं है कि उनके मंत्रालय की वेबसाइट पर बिहार समेत पूर्वी क्षेत्र के साथ विचार-विमर्श का उल्लेख है. ईरानी ने जवाब दिया कि अशोक चौधरी, श्रीमान हमने आमंत्रित किया था, ना तो मंत्री आये और ना ही शिक्षा सचिव आये. पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी की गयी. प्लीज. हालांकि चौधरी ने कहा कि उन्होंने परामर्श के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिंक को साझा किया था.

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