एक्सरसाइज से दूर होगा गठिया रोग

सेमिनार. पीएमसीएच सहित पूरे मेडिकल कॉलेजों से जुटे थे डॉक्टर पटना : अगर घुटने में गठिया है और उसका शुरुआती लक्षण है, तो इसे एक्सरसाइज के माध्यम से ठीक किया जा सकता है. वहीं अगर यह रोग अधिक दिन से है, तो यह दवा के माध्यम से ठीक हो सकता है. यह कहना है पटना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2016 6:58 AM
सेमिनार. पीएमसीएच सहित पूरे मेडिकल कॉलेजों से जुटे थे डॉक्टर
पटना : अगर घुटने में गठिया है और उसका शुरुआती लक्षण है, तो इसे एक्सरसाइज के माध्यम से ठीक किया जा सकता है. वहीं अगर यह रोग अधिक दिन से है, तो यह दवा के माध्यम से ठीक हो सकता है.
यह कहना है पटना एम्स फिजिकल मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ संजय पांडे का. बुधवार को इंडियन एसोसिएशन फिजिकल मेडिसिन की ओर से गठिया रोग के लक्षण और बचाव को लेकर एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें पटना सहित पूरे बिहार के मेडिकल कॉलेज के फिजिकल मेडिसिन के डॉक्टरों ने भाग लिया. कार्यक्रम का उद्घाटन आइजीआइएमएस के डॉक्टर राज कुमार आैर पीएमसीएच के डॉक्टर एके वर्मा व संजय पांडे ने किया. डॉ एके वर्मा ने कहा कि गठिया पहले बुजुर्गों में होता था, लेकिन अब 24 से 30 साल के युवा लोगों में भी हो रहा है.
पटना : राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में कुपोषण, निमोनिया और डायरिया का कहर जारी है. यही वजह है कि यहां बच्चों की मौत की संख्या तेजी से बढ़ रही है. जागरूकता नहीं होने और सही इलाज नहीं मिलने के कारण बच्चों की मौत का आकड़ा बढ़ता जा रहा है.
यह कहना है डॉक्टर शशि कोल्हापुरे का. बुधवार को गांधी मैदान स्थित एक होटल में अलग-अलग बीमारी को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें डॉ शशि ने बताया कि बिहार में कुपोषण, निमोनिया और डायरिया जैसी बीमारी यहां तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में इस बीमारी को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है. वहीं, स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एससी भवनानी ने बताया कि महिलाओं में इन दिनों सर्वाइकल कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ने लगी है. बच्चेदानी में कैंसर से पीड़ित ऐसी कई महिलाएं हैं, जो इलाज नहीं मिलने के चलते दम तोड़ देती हैं.
उन्होंने कहा कि 9 से 26 साल की महिलाओं में वैक्सीन लाया जा सकता है. तीन वैक्सीन छह महीने तक लगाया जाता है. वहीं, डॉ विभासीनी प्रसाद ने कहा कि कुत्ते के काटने का मामला हल्के में नहीं लेना चाहिए. कई बार वह खतरनाक हो जाते हैं. पहले 14 इंजेक्शन लेने पड़ते थे, लेकिन अब पांच इंजेक्शन का डोज आ गया है, जिससे बचा जा सकता है.

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