थाली से गायब हुई दाल, टमाटर हुआ लाल

पटना : दाल के दाम लगातार बढ़ने से हर तबके के लोग परेशान हैं. खासकर गरीब व मध्यम वर्ग की थाली से दाल गायब सी हो गयी है. दालों के दाम में पहले की तुलना में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. यही स्थिति रही तो किचेन का बजट गड़बड़ होना तय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2016 6:22 AM
पटना : दाल के दाम लगातार बढ़ने से हर तबके के लोग परेशान हैं. खासकर गरीब व मध्यम वर्ग की थाली से दाल गायब सी हो गयी है. दालों के दाम में पहले की तुलना में 25 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. यही स्थिति रही तो किचेन का बजट गड़बड़ होना तय है. चना दाल की कीमत जनवरी 2016 में 62 रुपये के आसपास थी, जो अब 90 रुपये हो गयी है. एक सप्ताह में चना दाल का भाव आठ से दस रुपये उछल चुका है, वहीं अरहर दाल की कीमत 140 रुपये थी, जो 155 रुपये हो गयी है.
टमाटर के हो गये डबल दाम
इन दिनों टमाटर के तेवर भी काफी तेज हैं. शुक्रवार को टमाटर 80 रुपये की दर से बिका, जबकि एक सप्ताह पूर्व टमाटर की कीमत 40 रुपये थी. शुक्रवार को मीठापुर सब्जी मंडी में भी टमाटर होल सेल 50 रुपये थी, लेकिन खुदरा में 70 से 80 रुपये किलो बिक रहा था. विक्रेताओं की मानें तो वर्षा नहीं होने से टमाटर महंगा हो गया है. अधिक गरमी रहने के कारण टमाटर कम समय में सड़ जा रहे हैं. बहुत से थोक विक्रेताओं ने तो टमाटर मंगाना कम कर दिया है. इसके अलावा हरी सब्जियों के भाव में तेजी आयी है.
कहां से आती है दाल
बिहार की मंडी में दाल मुख्य रूप से राजस्थान, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश से आती है. वहीं 10 से 15 फीसदी मसूर, चना और अरहर की दाल स्थानीय होती है.
भाव एक नजर में
दाल जनवरी जून
चना 62 90
अरहर 140 160
उड़द 160 190
मसूर 70 85
मूंग 110 110
क्या कहता है संघ
बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष रमेश तलरेजा ने बताया कि दाल की बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए सरकार ने कहा है कि डिमांड और सप्लाइ के अंतर को कम किया जायेगा. यह आश्वासन सरकार पिछले कई माह से लगातार दे रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं, सुखाड़ के कारण इस साल दाल का उत्पादन कम हुआ है. इसके कारण भी दाल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.

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