एमएलए व पूर्व एमएलसी आमने-सामने

आरोप-प्रत्यारोप. दो गुटों में बंटी प्रतिनिधि सभा, पद को लेकर बढ़ा िववाद पटना : वर्षों से चल रही बिहार राज्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान पद को लेकर एक बार फिर विवाद उभर गया है. इस बार भी प्रधान पद का लेकर पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद और राजद विधायक भाई वीरेंद्र आमने-सामने हैं. बीते दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2016 6:55 AM
आरोप-प्रत्यारोप. दो गुटों में बंटी प्रतिनिधि सभा, पद को लेकर बढ़ा िववाद
पटना : वर्षों से चल रही बिहार राज्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान पद को लेकर एक बार फिर विवाद उभर गया है. इस बार भी प्रधान पद का लेकर पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद और राजद विधायक भाई वीरेंद्र आमने-सामने हैं.
बीते दो दिन पहले भाई वीरेंद्र ने मीठापुर स्थित दयानंद विद्यालय के प्लस टू स्कूल में जाकर प्रतिनिधि सभा के प्रधान होने का दावा किया और पूर्व में प्रधान पद के गंगा प्रसाद के बोर्ड को हटवा दिया. विधायक का दावा था कि बतौर आर्य प्रतिनिधि प्रधान होने के नाते इस विद्यालय के अध्यक्ष हैं. वहीं दूसरी तरफ पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर भाई वीरेंद्र के दावे को सिरे से से खारिज कर दिया.
गंगा प्रसाद ने भाई वीरेंद्र पर आरोप लगाया कि नयी दिल्ली स्थित आर्य समाज के सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा की ओर से निष्कासित उप प्रधान आनंद कुमार आर्य के फर्जी पत्र के आधार पर खुद को बिहार के प्रतिनिधि सभा का प्रधान बता रहे हैं, जो बिल्कुल निराधार है.
राज्य के कई शहरों में आर्य समाज की काफी संपत्ति है. जमीन से लेकर स्कूल और अतिथिशाला आर्य समाज के करोड़ों के जायदाद हैं. अकेले राजधानी में आर्य समाज के चार स्कूल हैं और मछुआ टोली में आर्य समाज की एक अतिथिशाला भी है, जिस पर कथित रूप से विधायक का कब्जा है.
जब भी कोई बिहार में आर्य प्रतिनिधि सभा का प्रधान होता है, तो इन संपत्तियों का बतौर अध्यक्ष रखरखाव के साथ अतिथिशाला को किराये पर देने की जिम्मेवारी उसकी होती है. संपत्ति के आय-व्यय का हिसाब प्रधान ही रखते हैं. इसी कारण से बिहार में आर्य समाज के प्रतिनिधि सभा के प्रधान पद को लाभ के पद से जोड़ कर देखा जा रहा है और विवाद का कारण भी.
स्कूल को आर्य समाज से मतलब नहीं : मीठापुर स्थित दयानंद प्लस टू विद्यालय के प्रधानाचार्य रमेश चंद्र ने भी विधायक भाई वीरेंद्र पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि स्कूल एक अल्पसंख्यक विद्यालय है और इस स्कूल को बिहार राज्य आर्य प्रतिनिधि सभा से कोई मतलब नहीं है. इसका अलग बाइलाॅज है. गंगा प्रसाद इसके बतौर दानदाता अध्यक्ष हैं.
भाई वीरेंद्र जबरन स्कूल में घुस कर स्कूल के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. शुक्रवारको भाई वीरेंद्र और उनके लोगों के डर से वे स्कूल में आयी पुलिस या मीडिया के सामने कुछ नहीं बोल सके थे. शनिवार को भी उनके लोग आये थे, जिनकी शिकायत पुलिस से की गयी. विधायक के इस तरह की गैर कानूनी हरकत पर सरकार को रोक लगानी चाहिए.
आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रदेश अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने कहा कि सरकार राजद विधायक भाई वीरेंद्र पर अंकुश लगाये, अन्यथा वे आर्य प्रतिनिधि सभा की संपत्तियों पर कब्जा कर लेंगे.
वे गलत पत्र के आधार पर आर्य प्रतिनिधि सभा के स्कूलों पर कब्जा कर रहे हैं. दस माह पूर्व भाई वीरेंद्र ने नया टोला स्थित आर्य प्रतिनिधि सभा की एक धर्मशाला पर कब्जा कर लिया है. सभी साक्ष्य और प्रशासनिक आदेश के बावजूद सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
दयानंद प्लस टू स्कूल में जबरन नेम प्लेट लगाने और स्कूल के प्रधानाचार्य को धमकाने का भी आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाई वीरेंद्र का कभी आर्य प्रतिनिधि सभा से कोई लेना-देना नहीं रहा है. पूर्व विधायक प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कब्जा अभियान के तहत ही राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने दयानंद स्कूल में आतंक फैलाया है. प्रधानाचार्य के साथ हाथापाई की है. सरकार इस पर रोक लगाये. पत्रकार सम्मेलन में आर्य कन्या स्कूल के सचिव राजीव रंजन यादव, राजीव चौरसिया, सत्यदेव प्रसाद गुप्त भी मौजूद थे.

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