गांधी सेतु के पाये दुरुस्त
सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदल देने से ही हो जायेगा कायाकल्प पटना : महात्मा गांधी सेतु का पाया दुरुस्त है. सेतु के पाये की निरीक्षण कर रहे आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों का मानना है कि सेतु के पाये की स्थिति में कोई गड़बड़ी नहीं है. सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदल दिया जाये तो […]
सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदल देने से ही हो जायेगा कायाकल्प
पटना : महात्मा गांधी सेतु का पाया दुरुस्त है. सेतु के पाये की निरीक्षण कर रहे आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों का मानना है कि सेतु के पाये की स्थिति में कोई गड़बड़ी नहीं है. सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदल दिया जाये तो वाहनों का दवाब झेलने में पाये सक्षम है. सेतु की जांच के लिए आइआइटी रुड़की के इंजीनियरों की टीम ने सभी पाये का निरीक्षण किया है. अब एक-दो दिनों में पाये के कुछ हिस्से की कंक्रीट की कटिंग का काम बाकी है. जिसे जांच के लिए लेबोरेटरी ले जाना है.
आइआइटी के इंजीनियरों का कहना है कि ओवरलोडेड वाहन के चलने पर रोक लग जाये तो पाये में गड़बड़ी नहीं है. महात्मा गांधी सेतु के पाये दुरुस्त होने पर सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदला जायेगा. ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने का काम अप स्ट्रीम यानि पश्चिमी लेन से शुरू होगा. ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने में कम से कम चार साल लगेंगे. इंजीनियर द्वारा सेतु के सभी पाये के समीप की मिट्टी व कंक्रीट का संग्रह कर उसकी जांच के लिए रुड़की भेजा जा रहा है. सेतु के पाये की जांच के लिए दस सदस्यीय टीम आयी थी. पाये की जांच के लिए आयी इंजीनियर टीम के आधे सदस्य वापस चले गये हैं. आइआइटी रुड़की के इंजीनियर मई के दूसरे सप्ताह में आये थे. एक माह से टीम द्वारा सभी पाये का निरीक्षण किया गया.
बदल जायेगा सेतु का ऊपरी स्ट्रक्चर
सेतु को नया जीवन देने के लिए इसके ऊपरी स्ट्रक्चर को बदला जायेगा. सेतु के ऊपरी ढांचे(सड़क भाग) को बदल कर कंक्रीट की जगह स्टील स्ट्रक्चर बनेगा. ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने के लिए 15 जुलाई को खुलने वाले टेंडर में कांट्रैक्टर का चयन होगा. कांट्रैक्टर को काम मिलने के बाद उसकी प्रक्रिया पूरी होने में लगभग एक माह लगेगा. जानकारों के अनुसार अगर टेंडर में कांट्रैक्टर का चयन सफल रहा तो सितंबर से सेतु पर काम शुरू होगा. सेतु के ऊपरी स्ट्रक्चर को बदलने में लगभग चार साल लगेंगे. इस पर लगभग 2000 करोड़ खर्च होगा.
सरकते हुए निकले एनएच व गांधी सेतु पर वाहन
बालू लदे ट्रकों की संख्या में निरंतर इजाफा होने व यात्री वाहनों का दबाव बढ़ने की वजह से कायम जाम की समस्या सोमवार को भी महात्मा गांधी सेतु व एनएच पर बनी रही. मालवाहक वाहनों व ट्रकों को रोके जाने की स्थिति में यात्री वाहन सरकते हुए आगे निकल रहे थे. जाम का सिलसिला रुक-रुक कर बना रहा.