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सीएम नीतीश ने दिया निर्देश, संभावित बाढ़-सुखाड़ से मुकाबले की पूरी हो तैयारी

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को इस वर्ष संभावित बाढ़ और सुखाड़ से मुकाबले के लिये मुस्तैद रहने को कहा है. बुधवार को राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसपी और प्रमंडलीय आयुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उन्होंने ताजा हालात की जानकारी ली और किसी भी स्थिति से निबटने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2016 7:19 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को इस वर्ष संभावित बाढ़ और सुखाड़ से मुकाबले के लिये मुस्तैद रहने को कहा है. बुधवार को राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसपी और प्रमंडलीय आयुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उन्होंने ताजा हालात की जानकारी ली और किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने को कहा.
मुख्य सचिवालय के सभागार में तकरीबन तीन घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में बारी-बारी से सभी अधिकारियों से वहां की जा रही तैयारियों का ब्योरा लिया और सरकार के मानक के अनुसार निर्धारित समय पर काम पूरे कर लेने के निर्देश दिये.
बैठक में आपदा प्रबंधन, सिंचाई और कृषि विभाग की ओर से पावर प्रजेंटेशन भी दिये गये. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मौसम के बदलाव से बाढ़ या सूखे की स्थिति बन सकती है. इसके लिए हमेशा अधिकारियों को तैयार रहना चाहिए. आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किसी भी आपदा से निपटने के लिये एसओपी का निर्माण किया जा रहा है.
मॉनसून के फ्लैˆक्चुएशन से बाढ़ या सुखाड़ की स्थिति बन सकती है. बैठक में आपदा प्रबंधन मंत्री चंद्रशेखर, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, डीजीपी पीके ठाकुर, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, कृषि उत्पादन आयुक्त विजय प्रकाश, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार,अतीश चंद्रा,सहित सभी संबंधित विभागों के प्रधान सचिव, सचिव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
11 जिलों की 14 नदियों व तटबंधों पर 24 घंटे नजर: बाढ़ व बारिश में नदियों पर बने तटबंध को नुकसान न हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग ने चौकसी बढ़ा दी है. 150 दिनों तक 11 जिलों की 14 नदियों और तटबंधों पर सेवानिवृत्त अभियंताओं को तैनात किया गया है.
नदियों और तटबंधों पर उन्हीं सेवानिवृत्त मुख्य और अधीक्षण अभियंताओं को तैनान किया गया है, जिन्हें पूर्व के वर्षों के बाढ़ और आपदा से निपटने का खासा अनुभव रहा है. सेवानिवृत्त मुख्य व अधीक्षण अभियंता तटबंधों की सुरक्षा और नदियों के आस-पास के इलाकों की बाढ़ से सुरक्षा के लिए वहां बहाल सहायक व कनीय अभियंताओं को सुझाव देंगे.
जल संसाधन विभाग ने सेवानिवृत्त अभियंताओं को नेपाल सीमा से सटी कोसी के पूर्वी-पश्चिमी एफलेक्स बांधों पर कड़ी निगरानी रखने का टॉस्क दिया है. पिछले तीन वर्षों से नेपाल सीमा के कोसी के पूर्वी-पश्चिमी एफलेक्स बांधों में जल प्लावन को ले कर उत्तर बिहार के आधा दर्जन जिलों को बाढ़ और जलजमाव की त्रासदी झेलनी पड़ी थी. पुन: इस बार भी वह संकट न हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग विशेष सतर्कता बरत रहा है.
बाढ़ व आपदा से निपटने के अनुभवी सेवानिवृत्त अभियंताओं को जल संसाधन विभाग ने सहरसा, कटिहार, भागलपुर, खगड़िया, पटना, बक्सर, गोपालगंज, सीवान, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर में तैनात किया है. इन सबके अलावा विभाग ने तीन सेवानिवृत्त अभियंताओं की सुरक्षा-टीम भी बनायी है. नदियों व तटबंधों पर सेवानिवृत्त अभियंताओं को जल संसाधन विभाग ने संर्घात्मक बल के अध्यक्ष का पद दिया है. 15 अक्तूबर तक सभी सेवानिवृत्त अभियंता अपना-अपना परामर्श देंगे.
सरकार आपदा से निबटने को हर समय तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपदा से निपटने के लिये हमेशा तत्पर है. उन्होंने कहा कि 2007 में बाढ़ से काफी लोग प्रभावित हुए थे. सरकार द्वारा ससमय सहायता उपलब्ध करायी गयी थी. 2008 में कोसी त्रासदी के दौरान भी सरकार द्वारा विस्तृत एवं अच्छी सहायता कार्य की गयी थी. आज के तिथि में कोई भी कार्य करने के लिये किसी प्रकार का कनफ्यूजन नहीं है.
सभी के लिये मापदंड बनाये गये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी आवश्यक सामग्रियों को खरीद लें तथा उनका पहले से ही भंडारण करके रखें. वीडियो कांफ्रेंसिंग में उन्होंने सभी डीएम से कहा कि एक-एक चीज को आप अच्छी तरह देख लें. दोनों परिस्थितियों के लिये तैयार रहें.
जिलास्तर पर आपदा प्रबंधन के मामले में सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत विशेष अधिकार प्राप्त है. डीएम अपने स्तर पर संबंधित विभागों के साथ बैठक करके सभी तैयारी पूर्व में करना सुनिश्चित कर लें. उन्होंने सभी डीएम को प्रखंड स्तर से वर्षा के आंकड़ों को प्राप्त कर मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
आपदा, सिंचाई और कृषि विभाग ने दिये पावर प्रेजेंटेशन
समीक्षात्मक बैठक आपदा प्रबंधबन विभाग के प्रधान सचिव ब्यासजी द्वारा आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों से संबंधित जानकारी दी गयी. उन्होंने मॉनसून विज्ञान द्वारा की गयी मानसून वर्षा का पूर्वानुमान, रिवर बेसिन से संबंधित जानकारी, बाढ़ पूर्व तैयारी, संसाधन मानचित्र, कम्युनिकेशन प्लान आदि बिन्दुओं को विस्तार से बताया. जल संसाधन विभाग द्वारा विभिन्न नदियों के तटबंध के सुरक्षा के लिये की गयी कार्रवाई की जानकारी दी गयी. आइएमडी द्वारा मानसून से संबंधित जानकारी दी गयी.
कृषि विभाग द्वारा आकस्मिक फसल योजना एवं अन्य कृषि के मुद्दे को बताया गया. इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, नागरिक सुरक्षा, पथ निर्माण विभाग द्वारा भी मुख्यमंत्री के समक्ष की अपनी ओर से की गयी तैयारियों का प्रजेंटेंशन दिया.

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