पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि पूर्वी चंपारण के रामगढ़वा में एक नाबालिग लड़की के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना को सरकार के इशारे पर पुलिस रफा दफा करने में लगी हुई है. सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई लड़की जहां मौत से जूझ रही है वहीं नामजद प्राथमिकी के बावजूद एक भी आरोपित अब तक पकड़ा नहीं गया है. अब तक हुई पुलिस की कार्रवाई से अनेक सवाल खड़ा हुआ है . उन्होंने सरकार से इसका जवाब देने को कहा.
प्राथमिकी दर्ज होने में देरी क्यों ?
मोदी ने कहा कि बलात्कार की घटना की परिजनों द्वारा सूचना दिये जाने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज होने में पांच दिन क्यों लगे. 10 दिन बाद पीड़िता की मेडिकल जांच कराने का क्या औचित्य है. नाबालिग से बलात्कार के आरोप के बावजूद पोक्सो के तहत मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया गया? बलात्कार से जुड़े मामले की किसी महिला पुलिस पदाधिकारी से जांच के प्रावधान के बावजूद एक पुरुष एएसआई को जांच का जिम्मा क्यों दिया गया है. बलात्कार जैसे गंभीर आरोप होने के बावजूद अब तक सेक्शन 164, सीआरपीसी के तहत पीड़िता का बयान दर्ज क्यों नहीं किया गया है.
लीपापोती में जुटी है सरकार
भाजपा नेता ने कहा कि पूर्वी चंपारण के एसपी यह तो स्वीकार करते हैं कि बलात्कार के एक आरोपित पर पीड़िता ने ब्लेड से प्रहार किया, जिससे उसके गुप्तांग सहित अन्य अंगों में 11 टांके लगे हैं, मगर बलात्कार की घटना से इनकार करते हैं. पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पांच बलात्कारियों ने 12 जून को पहली बार बलात्कार करने के तीन बाद दूसरी बार उसके साथ दुराचार किया तथा उसके गुप्तांग में लकड़ी डाल दिया. पीड़िता की स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है. सरकार को बदनामी से बचाने के लिए पुलिस इस मामले की लीपा पोती में जुटी हुई है.