सड़क हादसे में बाप-बेटे की मौत

दर्दनाक . बाइक से दादी के श्राद्ध का कार्ड बांटने जा रहे थे ऋषिकेश बख्तियारपुर : शनिवार को बख्तियारपुर पटना फोरलेन पर हुए सड़क हादसे में बाइक सवार पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं बाइक पर सवार एक अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गया. घटना सालिमपुर गांव के समीप स्थित ममता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2016 7:21 AM
दर्दनाक . बाइक से दादी के श्राद्ध का कार्ड बांटने जा रहे थे ऋषिकेश
बख्तियारपुर : शनिवार को बख्तियारपुर पटना फोरलेन पर हुए सड़क हादसे में बाइक सवार पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गयी. वहीं बाइक पर सवार एक अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गया. घटना सालिमपुर गांव के समीप स्थित ममता होटल के पास की है.
मृतक ऋषिकेश कुमार (28) पुत्र हरिओम सिंह खुसरूपुर थाने के जगमाल बीघा गांव का निवासी था और वह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का जवान था. वह नासिक में पदस्थापित था. सबसे दुखद बात रही कि जवान के साथ उसका तीन साल के बेटे की भी मौत हो गयी.
वहीं बाइक चला रहे उसके फुफेरे भाई अथमलगोला थाने के सबनिमा गांव निवासी गौरव कुमार गंभीर रूप से जख्मी हो गया. सालिमपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार घटनास्थल पर पहुंचे व दोनों शवों व जख्मी युवक को लेकर पीएचसी पहुंचे. प्राथमिक उपचार किये जाने के बाद जख्मी युवक गौरव की स्थिति नाजुक रहने के कारण डॉक्टरों ने उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
ऋषिकेश की दादी की मौत पिछले 20 जून को हो गयी थी. वह दादी के श्राद्ध कार्यक्रम में शामिल होने के लिए छुट्टी लेकर घर आया था. शनिवार को सुबह आठ बजे वह श्राद्ध का कार्ड बांटने के लिए अपने फुफेरे भाई गौरव कुमार के साथ बाइक पर सवार हो घर से निकलने ही वाला था कि उसका तीन वर्षीय पुत्र आर्यन भी साथ चलने के लिए रोने लगा.
पल भर में उजड़ी दुनिया
इसे कुदरत का कहर कहें या फिर विधि का विधान कि पल भर में ही एक हंसते-खेलते परिवार की दुनिया ही उजड़ गयी. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक ऋषिकेश कुमार अपने मां-बाप की इकलौता संतान थी. इससे भी दुखद बात यह है कि इस हादसे का शिकार हुए तीन वर्षीय मासूम बच्चा आर्यन भी अपने मां-बाप की एक मात्र संतान थी. दोनों के असमय ही गुजर जाने से ऋषिकेश के परिवार का स्वरूप ही बदल गया.
बेटे-पोते का अंतिम दर्शन भी मयस्सर नहीं
एक पिता के लिए इससे दुखद स्थिति और क्या हो सकती है कि उसे अपने मृत पुत्र व पौत्र का अंतिम दर्शन भी मयस्सर नहीं हो सका. जानकारी के अनुसार मृतक ऋषिकेश के पिता हरिओम सिंह जेल में बंद है. वह एक मामले में लंबे समय से बेऊर जेल में हैं. जेल में बंद व्यक्ति को अपने बेटे व पोते की मौत की सूचना मिले, तो उसकी हालत क्या होगी. इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. ऐसे में उसे सूचना नहीं दी गयी है.

Next Article

Exit mobile version