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उषा सिन्हा ने मारे दो थप्पड़, तो तमतमाये बच्चा ने खोली घोटाले की दास्तां
काम आयी प्लानिंग. बीमार बनकर खामोश रहने वाले लालकेश्वर ने भी खोल दिया मुंह लालकेश्वर ने बच्चा से दागे सवाल, यह बताओ 2015 की इंटर की परीक्षा के दौरान तुम्हारे स्कूल से 222 उत्तर पुस्तिकाएं एक ही राइटिंग की कैसे आयी थीं बच्चा का जवाब, क्यों नहीं करायी एफआइआर विजय सिंह पटना : जिस काम […]
काम आयी प्लानिंग. बीमार बनकर खामोश रहने वाले लालकेश्वर ने भी खोल दिया मुंह
लालकेश्वर ने बच्चा से दागे सवाल, यह बताओ 2015 की इंटर की परीक्षा के दौरान तुम्हारे स्कूल से 222 उत्तर पुस्तिकाएं एक ही राइटिंग की कैसे आयी थीं
बच्चा का जवाब, क्यों नहीं करायी एफआइआर
विजय सिंह
पटना : जिस काम के लिए एसआइटी पसीने बहा रही थी. वह जब भी आरोपितों से पूछताछ शुरू करती, तो दवा और डॉक्टर को जरूर में साथ रखती थी. लेकिन यह काम तब आसान हो गया जब आमने-सामने पूछताछ हुई. एक दूसरे पर आरोप लगने शुरू हुए, तो घोटाले का जिन्न बोतल से बाहर आ गया.
पूछताछ में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब लालकेश्वर व उषा सिन्हा पर आरोप लगा रहे बच्चा राय से उषा सिन्हा उलझ गयी. उषा को बच्चा के आरोप बरदाश्त नहीं हुए. वह अपना गुस्सा रोक नहीं सकीं और अपनी जगह से उठ कर बच्चा के पास गयीं और उसके गाल पर ताबड़तोड़ दो थप्पड़ जड़ दिये. इसका अंदाजा किसी को नहीं था, न बच्चा को और न ही पुलिस को.
इसके बाद तो बच्चा गुस्सेे से तमतमा उठा. उसने एक सुर में वह सब कुछ बोल गया जो राज उसके सीने में अब तक दबे थे. बस आरोपितों की इस लड़ाई ने पुलिस का काम पूरा कर दिया. पुलिस पूरे 11 घंटे तक सभी आरोपितों की स्वीकारिता बयान तैयार करती रही.
दरअसल जब पूछताछ के दौरान लड़ाई का माहौल बना तो पुलिस सबको डांट-फटकार जरूर रही थी पर पूरी सख्ती नहीं बरत रही थी. यह पुलिस की प्लानिंग थी. जब उषा ने थप्पड़ छोड़ दिया तो तब पुलिस सतर्क हो गयी. इस दौरान बच्चा ने कबूल किया वह रिजल्ट के लिए उषा सिन्हा को पैसे देता था. इसके बाद लालेकश्वर से मिलता था. स्कूलों की मान्यता के लिए भी पैसा देता था. टाॅपर कैसे बनेंगे इसके लिए लालकेश्वर और उषा सिन्हा अाश्वस्त करते थे.
इस आरोपों के बीच अब तक बीमार बनकर खामोश रहने वाले लालकेश्वर ने भी मुंह खोल दिया. उसने बच्चा से सवाल दागे, कहा……यह बताओ 2015 की इंटर की परीक्षा के दौरान में तुम्हारे स्कूल से 222 उत्तर पुस्तिका एक ही राइटिंग की कैसे मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचा गयी थी.
इसके लिए कदाचार समिति को हमने रिपोर्ट भी किया था. लेकिन कदाचार समिति ने रिपोर्ट नहीं दिया. इस पर बच्चा ने जवाब दिया, क्यों नहीं एफआइआर करवा दिये. कैसे मैनेज हुआ यह आप बताइए. यह भी बताइए मेरे स्कूल का सेंटर इस बार कैसे चेंज हुआ. बच्चा ने एसएसपी को बताया, साहब पहले गुरुकुल हाइस्कूल वैशाली में सेंटर गया था. लालकेश्वर ने चेंज करके जीए इंटर कॉलेज किया था. इसके लिए हमसे पैसा भी लिये थे.
यहां बता दें कि पुलिस ने लालकेश्वर, उषा सिन्हा, प्रभात जायसवाल, बच्चा राय, शंभु नाथ दास,रंजित मिश्रा को रिमांड पर लिया था. वहीं हिरासत में लिये गये बोर्ड सचिव हरिहर नाथ झा, विकास कुमार, विनोद कुमार, राम भूषण झा सबको एक साथ बैठा कर पूछताछ किया गया, जिसमें पूरा खुलासा हुआ.
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