आपातकाल काला अध्याय : शिवानंद तिवारी
पटना : पूर्व शिवानंद तिवारी ने कहा कि आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का काला अध्याय है. लोकतंत्र और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का मोल आपातकाल में हमें महसूस हुआ था. आज देश में आपातकाल नहीं है. लेकिन, अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर चिंताजनक माहौल बना हुआ है. लिखने, बोलने या अभिव्यक्ति के अन्य माध्यमों […]
पटना : पूर्व शिवानंद तिवारी ने कहा कि आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का काला अध्याय है. लोकतंत्र और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का मोल आपातकाल में हमें महसूस हुआ था.
आज देश में आपातकाल नहीं है. लेकिन, अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर चिंताजनक माहौल बना हुआ है. लिखने, बोलने या अभिव्यक्ति के अन्य माध्यमों के जरिये अपनी भावनाओं या विचारों को सहजता से प्रकट करना जोखिम का काम हो गया है. तथाकथित देशभक्तों की भावना कब आहत हो जायेंगी, यह अनुमान लगाना कठिन है.