Result Scam : पूर्व BSEB सचिव हरिहरनाथ गये जेल, कहा- सब कुछ अनजाने में हो गया
पटना : बिहार बाेर्ड के पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा को तीन दिन तक चली पूछताछ के बाद चौथे दिन सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें आठ जुलाई तक के लिए बेऊर जेल भेज दिया गया. एसआइटी ने पेशी के दौरान कोर्ट […]
पटना : बिहार बाेर्ड के पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा को तीन दिन तक चली पूछताछ के बाद चौथे दिन सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें आठ जुलाई तक के लिए बेऊर जेल भेज दिया गया.
एसआइटी ने पेशी के दौरान कोर्ट में पूर्व सचिव के खिलाफ प्रथमदृष्टया कई सबूत रखे. एसआइटी ने कहा कि शालिनी राय के अधूरे एडमिट कार्ड पर हरिहरनाथ झा के हस्ताक्षर मिले हैं. बोर्ड के प्रशाखा पदाधिकारी शंभुनाथ ने पूछताछ के क्रम में बताया है कि पूर्व सचिव ने रिजल्ट घोषित होने के पूर्व अभियुक्तों की उत्तर पुस्तिकाओं को मूल्यांकन केंद्र से बिना किसी लिखित आधार के लाया. उन उत्तर पुस्तिकाओं में काफी अनियमितता बरती गयी.
ये उत्तर पुस्तिकाएं पुलिस को अनुसंधान के क्रम में इनकी कस्टडी में ही मिली थीं, जिन्हें जब्त कर लिया गया. बोर्ड में सहायक रंजीत मिश्रा ने भी पूछताछ में इन बातों का समर्थन किया था. हरिहरनाथ स्कूलों की मान्यता को लेकर बनी कमेटी के भी सदस्य थे. उन्होंने मान्यता को लेकर हुई बैठकों में भाग लिया, जिस पर उनके हस्ताक्षर पाये गये.
एसआइटी ने संकेत दिया है कि स्कूलों की मान्यता देने संबंधी बैठकों में भाग लेनेवाले कमेटी के दूसरे सदस्यों से भी पूछताछ हो सकती है.
पुलिस इसकी तैयारी कर रही है. इन सदस्यों पर अर्हता पूरा नहीं करनेवाले स्कूलों को भी मान्यता देने का आरोप है.एसआइटी ने शुक्रवार को ही पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा को हिरासत मेें ले लिया था. विकास चंद्रा और लालकेश्वर ने भी पूछताछ में हरिहरनाथ का नाम लिया था. लालकेश्वर ने तो यहां तक कहा था कि जिन फाइलों पर हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया जा रहा है, उन पर पहला हस्ताक्षर सचिव ने किये और फिर मैंने किये. इसके बाद से ही पुलिस ने सीज किये गये दस्तावेजों से उन फाइलों को निकालना शुरू किया, जिनमें सचिव के हस्ताक्षर मिले.
इस पर शालिनी के एडमिट कार्ड और मान्यतावाली फाइल सामने आयी. इसके आधार पर सचिव को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया. कोलकाता से आयी प्रोसेसिंग रिपोर्ट के आधार पर भी पूछताछ की गयी. इसमें सचिव की संलिप्तता सामने आयी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
लालकेश्वर के दामाद समेत छह आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट का कोर्ट में आवेदन
एसआइटी ने लालकेश्वर के दामाद व पूर्व वीसी अरुण कुमार के बेटे विवेक कुमार समेत छह लोगों की गिरफ्तारी के लिए एक तरफ छापेमारी कर रही है, तो दूसरी तरफ गिरफ्तारी वारंट के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है. एसआइटी अन्य आरोपितों के नामों का खुलासा नहीं कर रही है, जिनके खिलाफ वारंट के लिए आवेदन किया गया है. इसके अलावा विवेक कुमार, सभी आरोपित टॉपर, उनके अभिभावक की तलाश चल रही है.
अब तक 20 लोग भेजे जा चुके हैं जेल
एसआइटी ने रिजल्ट घोटाले में अब तक 20 लोगों को जेल भेजा है. इनमें रंजीत मिश्रा, शंभु नाथ दास, अजित शक्तिमान, विशेश्वर यादव, संजीव सुमन, विकास चंद्रा, लालकेश्वर प्रसाद, उषा सिन्हा, प्रभात जायसवाल, अनिल कुमार, संजीव कुमार, शैल कुमारी, बच्चा राय, नीशू, शकुंतला, रीता, नंद किशोर राय, राम भूषण झा, रुबी राय, हरिहर नाथ झा शामिल हैं.
ये बने हैं सरकारी गवाह
विकास कुमार, विनोद कुमार, देव नारायण सिंह, लालकेश्वर के बाॅडीगार्ड संजय कुमार को सरकारी गवाह बनाया गया है.स्कूल-कॉलेजों को मान्यतावाली फाइलों में पहले सचिव के हस्ताक्षर थे, बाद में अध्यक्ष केगंगा देवी महिला कॉलेज, पटना से मिले बच्चा राय की बेटी शालिनी के अधूरे एडमिट कार्ड पर भी सचिव के थे हस्ताक्षरडाक विभाग में संस्कृत बोर्ड की िडग्री पर नियुक्तियां, होगी सीबीआइ जांचपटना : राज्य में डाक विभाग में पिछले 10 साल में ग्रामीण पोस्टमास्टर और इससे जुड़े कनीय पदों पर हुई नियुक्तियों की सीबीआइ जांच होगी. पटना हाइकोर्ट ने सोमवार को इसका आदेश दिया.
जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह और नीलू अग्रवाल के काेर्ट ने सीबीआइ को छह सप्ताह में प्रदेश भर में हुई ऐसी सभी नियुक्तियों की जांच कर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है. राज्य संस्कृत शिक्षा बाेर्ड की डिग्री के आधार पर डाक व तार विभाग में पिछले 10 सालों में 2300 नियुक्तियां कर ली गयी हैं.
ये सारे पद ग्रामीण पोस्टमास्टर और ग्रामीण डाक सेवा के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के हैं. अधिकतर मामले मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों के हैं, जहां फर्जी डिग्री दिखा कर ऐसी नियुक्तियां हुई हैं.
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड को भी पार्टी बनाने का आदेश दिया. कोर्ट ने बोर्ड को भी छह सप्ताह के अंदर अपना जवाब देने को कहा है. कोर्ट को शक है कि संस्कृत शिक्षा बोर्ड से फर्जी डिग्री जारी हो रही है और इसी के आधार पर पर डाक व तार विभाग में अवैध नियुक्तियां हुई हैं.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीखी टिप्पणी भी की. कोर्ट ने कहा कि सूबे में फर्जी डिग्री निर्गत हो रही है. संस्कृत शिक्षा बोर्ड का नाम लेते हुए कोर्ट ने कहा कि यहां से जारी डिग्री के आधार पर डाक व तार विभाग में ग्रामीण इलाके में नियुक्तियां हुई हैं. सरकार और प्रशासन को इस पर सरसरी निगाह रखनी चाहिए.
सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट में सीबीआइ के वकील विपिन कुमार सिन्हा भी मौजूद थे. सीबीआइ की ओर से कोर्ट को बताया गया कि डाक विभाग में ग्रामीण पदों पर हुई नियुक्तियों की वह पहले से कुछ जिलों की जांच कर रहा है. इनमें सौ से अधिक मामले चिह्नित भी हुए हैं. कोर्ट यदि चाहे, तो जांच का दायरा बढ़ा सकता है. इस पर कोर्ट ने सभी जिलों में जांच कर छह सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया.
हाइकोर्ट का आदेश
10 सालों में हुईं 2300 नियुक्तियां
सीबीआइ को छह सप्ताह में देनी है स्टेटस रिपोर्ट
संस्कृत बोर्ड से छह सप्ताह में मांगा जवाब
अधिकतर मामले मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर व समस्तीपुर जिलों के