कौटिल्य विहार : कमरे 36, बुकिंग पांच की ही

पर्यटन निगम को हर दिन हजारों का नुकसान हो रहा है. वहीं, राजस्व बढ़ाने की बात पर ऑफ सीजन का हवाला अधिकारी दे रहे हैं. पटना : बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित कौटिल्य विहार इन दिनों नुकसान का सबब बन गया है. यहां 36 में से महज चार-पांच कमरों की ही रोजाना बुकिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2016 6:35 AM
पर्यटन निगम को हर दिन हजारों का नुकसान हो रहा है. वहीं, राजस्व बढ़ाने की बात पर ऑफ सीजन का हवाला अधिकारी दे रहे हैं.
पटना : बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा संचालित कौटिल्य विहार इन दिनों नुकसान का सबब बन गया है. यहां 36 में से महज चार-पांच कमरों की ही रोजाना बुकिंग हो पा रही है. पांच कमरों पर अधिकारियों का कब्जा है, तीन कमरे गोदाम के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं.
वहीं, 15 कमरे रंग-रोगन नहीं होने से महीनों से बंद पड़े हैं. इससे निगम को हर दिन हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है. लेकिन कम कमाई के बावजूद पर्यटन निगम के अधिकारी आमदनी बढ़ाने के बाबत बेपरवाह नजर आते हैं.
कौटिल्य विहार में व्यवसाय के लिए 36 कमरे हैं. पहले तल्ले पर नौ कमरों में से एक कमरा कंपनी सचिव को आवंटित है. द्वितीय तल पर 13 तथा तृतीय तल पर 14 कमरे हैं. इनमें से चार कमरे प्रबंधक प्रशासन, कार्यपालक अभियंता, उपमहाप्रबंधक (वित्त व लेखा) तथा कार्यपालक अभियंता (बिजली) के हैं. 16 कमरे पर्यटकों के लिए हैं. लेकिन सिर्फ पांच-छह कमरों की ही बुकिंग हो पा रही है. यानी दस कमरे प्रतिदिन खाली रह रहे हैं.
नहीं हाे रही मार्केटिंग
निगमकर्मियों की मानें तो अभी आॅफ सीजन चल रहा है. इस कारण कमरे की बुकिंग कम हो रही है. जबकि अास-पास के होटलों की बुकिंग प्राय: हाउसफुल ही रहती है. कर्मचारियों का कहना है कि निगम की ओर से मार्केटिंग नहीं हो रही है, जिससे यहां पर्यटक कम आते हैं.
डोरमेट्री सेवा है बंद
कौटिल्य विहार में डोरमेट्री की सुविधा के लिए 40 बेड हैं, लेकिन यह सेवा पिछले कई माह से बंद पड़ी है. निगम ने इस सुविधा की शुरुआत कम बजट वाले पर्यटकों के लिए की थी. पर्यटकों से प्रति बेड 200 रुपये लिये जाते हैं. प्रति दिन आठ-दस पर्यटक आते हैं, लेकिन डोरमेट्री सेवा बंद रहने से वे लौट जाते हैं.
कमरों के प्लास्टर भी झड़ रहे हैं
कौटिल्य विहार में हर तरफ मेंटेनेंस की कमी साफ दिखती है. हर तल्ले पर जहां-तहां पुराने फर्नीचर, कुरसी, सोफा, एसी, कूलर, आदि बेकार सामान बिखरे पड़े हैं. उचित रख-रखाव नहीं होने से कई कमरों में जगह-जगह प्लास्टर भी झड़ रहे हैं. इस कारण जो पर्यटक यहां एक बार आता है, वह दुबारा यहां नहीं आता है.
क्या कहते हैं प्रबंध निदेशक
हमारे ही अधिकारी यहां रहते हैं. समय पर काम निबटाने के लिए निगम में कार्यरत अधिकारियों को कौटिल्य विहार में ही कमरा आवंटित की गयी है. दूसरी जगह कार्यालय होने पर निगम पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ेगा और काम भी प्रभावित होगा. मेंटेनेंस के लिए अगले तीन-चार माह में री-माॅडलिंग का काम शुरू हो जायेगा. कुछ कमरों की स्थिति अच्छी नहीं है.
उमा शंकर प्रसाद, प्रबंध निदेशक, पर्यटन विकास निगम
कौटिल्य विहार में लगे चार पंखे और सोफे
पटना : कौटिल्य विहार होटल की लॉबी में चार वाल फैन, साेफा और फूलदान लगाये गये हैं. कर्मचारी सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. यह सब बदलाव शनिवार को प्रभात खबर में ‘कौटिल्य विहार में न तो सुरक्षा, न सुविधा’ खबर प्रकाशित होने के बाद आया है. खबर को बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने काफी गंभीरता से लेते हुए तत्काल कदम उठाया है.

Next Article

Exit mobile version