नीतीश के जनता दरबार खत्म करने पर सियासत तेज
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने गत पांच जून को लोक शिकायत निवारण अधिनियम के लागू होने के बाद से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम को समाप्त करने पर नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए आज कहा कि जनता से सीधे रूबरू होकर इसके जरिये मुख्यमंत्री को अपने सरकार की […]
पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने गत पांच जून को लोक शिकायत निवारण अधिनियम के लागू होने के बाद से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम को समाप्त करने पर नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए आज कहा कि जनता से सीधे रूबरू होकर इसके जरिये मुख्यमंत्री को अपने सरकार की जमीनी स्तर पर कार्यशैली के बारे में जानकारी प्राप्त होती.
ग्रामीण इलाके के लोगों को होता था लाभ
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ग्रामीण इलाके लोगों को आये दिन समस्याएं झेलनी पड़ती हैं और उनकी शिकायतें स्थानीय स्तर पर आमतौर पर नहीं सुनी जाती या उसका समाधान नहीं निकाला जाता जिसके कारण उन्हें जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम का दरवाजा खटखटाना पड़ता था.
जनता दरबार बंद करना ठीक नहीं-सुशील
सुशील ने नीतीश पर अपने राजनीतिक महात्वकांक्षा की पूर्ति के लिए जनता दरबार को छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वे अपने बाकी बचे समय में देश में घूम-घूमकर रैली और राजनीतिक सभाओं को संबोधित करना शुरू कर दिया है. उल्लेखनीय है कि बिहार की पिछली राजग सरकार में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे सुशील ने भी नीतीश की तर्ज पर अपने सरकारी आवास पर जनता दरबार का आयोजन शुरु किया था, पर जून 2013 में सत्ता में बाहर हो जाने के बाद सुशील ने आज के दिन इसका आयोजन अभी भी जारी रखा है.
जांच की मांग
सुशील ने पूर्वी चंपारण जिला में एक किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले की धीमी जांच के लिए सरकार पर हमला बोलते हुए इसकी निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग की.