बिहार : RLSP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण हटाये गये, प्रदेश कमेटी भी भंग
पटना : केंद्र की एनडीए सरकार की सहयोगी रालोसपा दो फाड़ होती दिखी. गुरुवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जहानाबाद के सांसद डाॅ अरुण कुमार को पद से हटा दिया गया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा के दिल्ली स्थित आवास पर हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश […]
पटना : केंद्र की एनडीए सरकार की सहयोगी रालोसपा दो फाड़ होती दिखी. गुरुवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जहानाबाद के सांसद डाॅ अरुण कुमार को पद से हटा दिया गया. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा के दिल्ली स्थित आवास पर हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश कमेटी को भंग करने का फैसला लिया गया.
बैठक में बिहार में पार्टी संगठन का चुनाव दो माह में कराने का निर्णय लेते हुए सभी प्रकोष्ठों को भी भंग कर दिया गया. प्रदेश कमेटी को भंग करने के फैसले को प्रदेश अध्यक्ष डाॅ अरुण कुमार को किनारे करने के रूप में देखा जा रहा है. विधानसभा चुनाव के समय से ही प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के बीच विवाद चल रहा था. इधर प्रदेश कमेटी को भंग करने के फैसले का डाॅ अरुण कुमार के समर्थकों ने विरोध किया है.
दोपहर बाद दिल्ली में अरुण कुमार की गैर मौजूदगी में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता फजल इमाम मलिक ने कहा कि संगठन चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम शीघ्र ही घोषित कर दिया जायेगा. प्रदेश कमेटी को भंग करने के फैसले से पार्टी का संकट और गहरा गया है.
डॉ अरुण कुमार गुट के प्रवक्ता मनोज लाल दास मनु ने कहा कि बिहार में डाॅ अरुण के बिना पार्टी का स्वरूप संभव नहीं है. सूत्र बताते हैं कि पार्टी में विधानसभा चुनाव के वक्त से ही गुटबंदी चल रही थी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने दो माह तक किसी के कार्यकारी अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा नहीं की है. विधानसभा चुनाव बाद जब पार्टी की कमेटी भंग हुई थी, तब विधायक ललन पासवान को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था.
पटना : प्रदेश कमेटी भंग किये जाने के बाद रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पर सीधा हमला बोला. कहा कि वे कुछ चाटुकारों से घिर गये हैं. हवाला के आरोपित प्रदीप मिश्रा के साथ उनकी घनिष्ठता पर बार-बार सवाल उठ रहे थे.
किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुशवाहा ने कई बार सवाल खड़े किये, पर उसका जवाब उपेंद्र जी ने नहीं दिया. आनन-फानन में राष्ट्रीय कमेटी की बैठक बुलायी व फैसला ले लिया. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में महत्वपूर्ण पदाधिकारियों की गैर मौजूदगी में प्रदेश कमेटी भंग करने का निर्णय लिया गया. बैठक में न प्रधान सचिव थे, न दोनों विधायक. मैं भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य हूं, पर मुझे भी कोई सूचना नहीं दी गयी. मैं पार्टी के साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहूंगा.