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जांच आयोग ने सीएम नीतीश को सौंपी रिपोर्ट
पुलिस फायरिंग में कुल छह लोगों की मौत हुई थी और 21 लोग घायल हो गये थे. पटना : बगहा पुलिस फायरिंग न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने अपनी जांच रिपोर्ट शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दी है. 1, अणे मार्ग स्थित आवास पर उन्होंने जांच रिपोर्ट दी. बगहा पुलिस […]
पुलिस फायरिंग में कुल छह लोगों की मौत हुई थी और 21 लोग घायल हो गये थे.
पटना : बगहा पुलिस फायरिंग न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने अपनी जांच रिपोर्ट शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंप दी है. 1, अणे मार्ग स्थित आवास पर उन्होंने जांच रिपोर्ट दी.
बगहा पुलिस फायरिंग न्यायिक जांच आयोग का गठन 24 जून, 2013 को पश्चिम चंपारण के नवरंगिया थाना क्षेत्र में थारू जाति के आदिवासियों के साथ टकराव के दौरान पुलिस की ओर से की गयी फायरिंग की जांच करने के लिए किया गया था. पुलिस फायरिंग में कुल छह लोगों की मौत हुई थी और 21 लोग घायल हो गये थे. घटना में कुल 25 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. घटना का संभावित कारण नवरंगिया थाना प्रभारी द्वारा गुमशुदगी के एक मामले की सूचना मिलने की तुरंत बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं करने और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं किया जाना था.
नवरंगिया थाने के थानाध्यक्ष को 25 जून, 2013 से निलंबित करते हुए पुलिस फायरिंग में शामिल पुलिसकर्मियों का दूसरी जगह तबादला कर दिया गया. साथ ही घटनास्थल पर जाकर अपर पुलिस महानिदेशक (विधि व्यवस्था) व पुलिस महानिरीक्षक कारा व सुधार सेवाएं के संयुक्त दल द्वारा घटना की जांच करायी गयी. रिपोर्ट पर सरकार ने एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया व इसके अध्यक्ष के रूप में न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद (अवकाश प्राप्त न्यायाधीश, पटना हाइकोर्ट) को बनाया गया.
यह जांच आयोग चार जुलाई, 2013 से छह महीने के लिए बनाया गया था, लेकिन आयोग के अनुरोध पर इसका कार्यकाल चार जुलाई, 2016 तक के लिए बढ़ाया गया था. मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, गृह सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा मौजूद थे.
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