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बाइपास से सटे इलाकों में ‘जलकैद’

परेशानी. छह महीने बाद ही होगी रिहाई, जलजमाव के कारण कई मोहल्लों का रास्ता बंद ढ़ेलवां, न्यू ढ़ेलवां, सुरभी नगर, रामकृष्णा नगर, डीबीसी काॅलोनी और सिपारा से लगे मुहल्लों का बुरा हाल है. इनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है. शुरुआती बारिश में ही इल इलाकों की स्थिति खराब हो गयी है. पटना : शहर […]

परेशानी. छह महीने बाद ही होगी रिहाई, जलजमाव के कारण कई मोहल्लों का रास्ता बंद
ढ़ेलवां, न्यू ढ़ेलवां, सुरभी नगर, रामकृष्णा नगर, डीबीसी काॅलोनी और सिपारा से लगे मुहल्लों का बुरा हाल है. इनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है. शुरुआती बारिश में ही इल इलाकों की स्थिति खराब हो गयी है.
पटना : शहर के बाइपास रोड से सटे लगभग आधे दर्जन मुहल्लों के लोग जलजमाव से काफी परेशानी में आ गये हैं. ये बारिश का शुरुआती चरण है, लेकिन इन मुहल्लों कीस्थिति अभी से भयावह होती नजर आ रही है. बीते तीन दिनों की 20 एमएम बारिश ने ही लगभग आधे मुहल्लों का रास्ता बंद कर दिया है.
अभी एक दो दिन ऐसे ही मॉनसून मेहरबान रहा तो पूरा इलाका ही जलमग्न हो जायेगा. इन इलाकों में रहने वाले लगभग दस हजार लोगों को अब ठंड के मौसम के बाद ही इस जल कैद की सजा से मुक्ति मिलेगी. यानी पूरे छह महीनेयहां रहने वाले लोग इस सजा को भुगतेंगे. ये हालात बाइपास से सटे ढ़ेलवां, न्यू ढ़ेलवा, सुरभी नगर, रामकृष्ष्णा नगर, डीबीसी काॅलोनी, संपतचक से लेकर इंदरानगर तक के लोगों को झेलना पड़ रहा है. हालांकि एेसी स्थिति बीते दो-तीन वर्षों से हो रही है, लेकिन आज तक नगर निगम से लेकर सरकारी स्तर तक पर कोई पहल नहीं की गयी है.
न्यू ढ़ेलवां के रहने वाले अमरनाथ उपाध्याय बताते हैं कि उनका इलाका वार्ड नंबर 30 में आता है. लेकिन स्थायी पार्षद रेखा देवी को विकास कार्यों से कोई मतलब नहीं है. हमलोग वार्ड पार्षद से लेकर नगर आयुक्त, स्थानीय विधायक और मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक अपनी फरियाद कर चुके हैं लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला. विधायक के फंड से कुछ जगहों पर सड़क व नाला का निर्माण किया गया है लेकिन नाले का कनेक्शन नहीं किया गया है.
नालों को बाइपास के सर्विस लेन पर लाकर छोड़ दिया गया है. ऐसे में नाले का पानी गरमी के दिनों में गड्ढ़ों में सूखता है और बारिश के समय सड़कों और घरों की नलियों में आकर ओवर फ्लो होता है. तब यहां रहने वाले लोगों की स्थिति बेहद खराब हो जाती है.
संप हाउस की योजना फाइलों में ही दबी : इन मुहल्लों की अधिकांश गलियों में नाला और सड़क का निर्माण नहीं हुआ है. इन जगहों पर सड़कें बनी हैं वहां नाला नहीं बना है. ऐसे में बरसात के दिनों में नालों और बारिश का पानी मुहल्ले की सामने वाली सड़क और गड्ढ़े में भर जाता है.
तब घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है लोग ट्यूब से बने नावों से जरूरत का समान लाते हैं. निगम का बाइपास के दूसरी तरफ नालों का पानी निकालने के लिए संप हाउस बनाने की योजना है ताकि नाले के पानी को बाइपास नाले में गिराया जा सके, लेकिन योजना बीते दो वर्षों से फाइलों में दबी है.
कहां जाएं हमलोग, नहीं होता काम : स्थानीय निवासी बैजू लाल बताते हैं कि हम लोग समूह बनाकर वार्ड पार्षद से लेकर नगर आयुक्त तक अपनी फरियाद कर चुके हैं लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.हां, स्थानीय विधायक ने अपने मद से कुछ जगहों पर सड़क का निर्माण करवाया है. लेकिन वो अभी नाकाफी प्रयास है. हमें इस बार भी जल कैद झेलना ही होगा.

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