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आठ घंटे की कसरत, 200 जवान, 17 अभियंता और आधा दर्जन पदाधिकारी, फिर भी नहीं टूट सका संतोषा का अवैध निर्माण

पटना : लगभग 15 साल पुराने संतोषा अपार्टमेंट के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए शुक्रवार को निगम की टीम बंदर बगीचा पहुंची. पूरी तैयारी के साथ सुबह साढ़े आठ बजे निगम टीम ने काम शुरू किया. लेकिन, जैसे की निगम और प्रशासन के लोग अपार्टमेंट पहुंचे, तो अपार्टमेंट के लोगों ने मेन गेट को […]

पटना : लगभग 15 साल पुराने संतोषा अपार्टमेंट के अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए शुक्रवार को निगम की टीम बंदर बगीचा पहुंची. पूरी तैयारी के साथ सुबह साढ़े आठ बजे निगम टीम ने काम शुरू किया. लेकिन, जैसे की निगम और प्रशासन के लोग अपार्टमेंट पहुंचे, तो अपार्टमेंट के लोगों ने मेन गेट को बंद कर दिया और ‘पहले मुआवजा दो, फिर तोड़ो’ का नारा लगाने लगे.
साथ ही बचे निर्माणों के लोगों की सुरक्षा गारंटी देने की मांग करते रहे. इसके बाद जिला प्रशासन के दो मजिस्ट्रेटों के साथ निगम के कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद ने आवंटियों से वार्ता की पहल शुरू की. पुलिस और निगम की टीम ने कई बार लोगों से वार्ता की और गेट खुलवाने का प्रयास किया. लेकिन, अंतत: कोई परिणाम नहीं निकला और फिर शाम को पांच बजे निगम और जिला प्रशासन के साथ पूरी पुलिस टीम लौट गयी.
यानी लगभग आठ घंटे तक चली कसरत, 200 पुलिस कर्मी, 17 निगम के अभियंता, दो मजिस्ट्रेट और करीब आधा दर्जन पुलिस अधिकारियों की टीम बगैर कोई ठोस कार्रवाई किये बिना यानी संतोषा के अवैध निर्माण तोड़े बिना लौट गयी.
आठ दौर की वार्ता : सुबह साढ़े आठ बजे से शाम पांच बजे तक विशाल आनंद फ्लैट को लोगों से बात कर अंदर जाने का निवेदन करते रहे, लेकिन संतोषा के लोगों से उन्हें भीतर जाने नहीं दिया.
इसके बाद वार्ता की कमान टाउन डीएसपी कैलाश प्रसाद ने संभाल ली. इस दौरान निगम और पुलिस अधिकारियों ने संतोषा के आवंटियों से लगभग आठ राउंड की वार्ता की. दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन की दुहाई देते रहे. विशाल आनंद के अनुसार निगम को केवल अवैध निर्माण को तोड़ कर सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट देनी है. अवैध निर्माण में रहने वाले आवंटियों को अपने स्तर से कोर्ट से जुर्माना लेना है. जुर्माना दिलवाने में निगम का कोई रोल नहीं है. हमें कार्ट के आदेश का पालन करने दें. वहीं, दूसरी तरफ संतोषा के लोगों को कहना था कि हम लोगों को अभी कोई मुआवजा नहीं मिला है.
आगे क्या रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेंगे
इधर, नगर आयुक्त ने कहा कि निगम संतोषा में रहने वाले लोगों को जान-माल का नुकसान नहीं हो, इसे लेकर काफी सतर्क था. निगम की टीम पूरी तैयारी के साथ गयी थी, लेकिन सामने महिला और बच्चे आ गये. हमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना था, लेकिन लोग सुरक्षित रहे, इसकी जिम्मेवारी भी थी. नगर आयुक्त ने बताया कि निगम संतोषा अपार्टमेंट को लेकर शुक्रवार को की गयी कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट फोटो और वीडियो के साथ सुप्रीम कोर्ट में भेजेगा. इसके बाद कोर्ट के अगले आदेश के अनुसार कार्रवाई की जायेगी. नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम संतोषा के अवैध निर्माण को तोड़ने को बाध्य हैं. हम लोग अपनी रिपोर्ट सोमवार तक कोर्ट में भेज देंगे. हमें जानकारी मिली है कि संतोषा के लोगों ने कोर्ट में आइए दाखिल किया गया है, जिसे कोर्ट में स्वीकार कर लिया है. ऐसे में संभावना है कि 10-12 दिनों के भीतर कोई निर्णय आ जायेगा.
कार्रवाई
18 फ्लैट धारकों व 115 अज्ञात पर प्राथमिकी
कोतवाली थाने में संतोष के 18 फ्लैट धारकों के खिलाफ निगम के नगर मुख्य अभियंता-निदेशक, शहरी योजना अशोक कुमार के बयान के आधार पर कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
इसमें फ्लैट संख्या 601 की नीता शर्मा, 602 के नारायण सुल्तानियां, 603 के राणा शिवलाखपति सिंह, 604 के प्रदीप कुमार व प्रवीण कपूर, 605 के सुरेश व शकुंतला अग्रवाल, 606 की विमला देवी, 607 के रवींद्र नाथ तिवारी, 701 के जगदीश लाल छावड़ा, 702 की श्रीमती मंजू अरोड़ा, 703 की श्रीमती हनी निरूला, 704 की श्रीमती विजय लक्ष्मी देवी, 705 के शक्ति व राजीव राउत, 706 के रामेश्वर प्रसाद मोड, 707 के सुभाष व सुमिता कुमारी, 801 की संतोष देवी, 802 के सुदर्शन कुमार, 803 व 804 की मीना सिंह व 805 एवं 806 की संगीता साह शामिल हैं. इनके अलावा करीब 45 महिलाएं व 60 पुरुष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना व सरकारी कार्य में बाधा का मामला दर्ज किया गया है.
हुजूर, आखिर हम कहां जायेंगे…
पटना : हुजूर, हम कहां जायेंगे. आप लोग हमारा घर तोड़ने आ गये हैं और हमें तो मुआवजा भी नहीं मिला. देखिये, हम लोगों ने सप्रीम कोर्ट में आइए दाखिल कर दिया है. लेकिन, इसमें दो-तीन दिनों का समय लग जायेगा. हम लोग अपने मुआवजे के लिए भी कोर्ट में गये हैं. पहले हमारा मुआवजा मिल जाये, फिर आप लोग अवैध घरों को तोड़ दीजियेगा. हम आप का सहयोग करेंगे.
शुक्रवार को जैसे ही संतोषा के अवैध निर्माण को तोड़ने निगम के कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद अपने पूरे अमला के साथ पहुंचे, संतोषा के लोग अपनी फरियाद लाउडस्पीकर पर कहने लगें. संतोषा की लोगों ने पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी. महिलाएं और पुरुष अपनी मांगों की तख्ती लेकर नारेबाजी कर रहे थे. वहीं, विशाल आनंद लगातार माइक से संतोषा के लोगों को गेट खोलने और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करनी दुहाई देते रहे.
महिलाएं बेहोश होती रहीं, पर फिर भी नहीं खोला गेट : संतोषा अपार्टमेंट के लोगों ने गेट पर किलाबंदी कर रखी थी. सामने से महिलाएं ही मारचा संभाल रही थी. मौके पर 50 महिला पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था. एक बार एक दर्जन महिला पुलिस संतोषा के गेट पर आयीं, मजदूर ने ताले पर राड से वार भी किया. लेकिन महिलाओं ने गेट खुलने नहीं दिया. पूरे आठ घंटे के अभियान में चार महिलाएं संगीता शाह, संगीता गोयल और शकुंतला देवी व एक अन्य बेहोश हो गयीं.
रो-रो कर करे रहे थे फरियाद, बाहर से आये थे घर वाले : पूूरे अभियान के दौरान महिलाएं और पुरुष रो-रो कर अपनी फरियाद कर रहे थे. निगम और प्रशासन के अधिकारियों के सामने हर तरह से अपनी बात रखने का प्रयास कर रहे थे. वहीं, अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों के परिजन अपने लोगों के समर्थन में दिल्ली और अन्य जगहों से भी आये थे, जो शुक्रवार को दिन भर उनके साथ लगे रहे.
समर्थन में आये वार्ड पार्षद और मारवाड़ी संघ के लोग : संतोषा के अवांटियों को मुआवजा और सुरक्षा दिलवाने वार्ड पार्षद विनय पप्पू और मारवाड़ी संघ के कमल नोपानी अाये थे. इन लोगों को कहना था कि निगम और सरकार पहले मुआवजे का प्रबंध करे, फिर इसे तोड़ा जाये.
पहले जय श्रीराम, फिर गाने लगे हनुमान चलीसा : संतोषा अपार्टमेंट का एक वक्त भक्तिमय हो गया, जब संतोषा अपाटमेंट की महिलायें पहले जै श्रीराम की जयकारा लगाने और फिर हनुमान चलीसा और सुंदर कांड का पाठ करने लगी. शुक्रवार को दिन के तीन बजे महिला पुलिस कर्मी संतोषा का गेट खुलवाने पहुंची तो संतोषा की महिलाएं पहले जय श्रीराम का नारा और फिर सुंदर कांड और रघुपति राजा राम का गान करने लगी. लगभग आधे घंटे तक इस तरह का गान होता रहा.

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