बिहार : पुलिस पर सवाल, अनट्रेंड दारोगा को बनाया साइबर क्राइम का आइओ
विजय सिंहपटना : साइबर क्राइम से पीछा छुड़ा रही पटना पुलिस लगातार गलती-पर-गलती कर रही है. बैंक खाते से पैसा निकालने के दो मामले दर्ज होने (गर्दनीबाग, फुलवारी शरीफ थाने में) और तीसरे मामले में खाताधारक की शिकायत को नजर अंदाज करने की घटना के बाद पुलिस की एक और थोथी कार्रवाई सामने आयी है. […]
विजय सिंह
पटना : साइबर क्राइम से पीछा छुड़ा रही पटना पुलिस लगातार गलती-पर-गलती कर रही है. बैंक खाते से पैसा निकालने के दो मामले दर्ज होने (गर्दनीबाग, फुलवारी शरीफ थाने में) और तीसरे मामले में खाताधारक की शिकायत को नजर अंदाज करने की घटना के बाद पुलिस की एक और थोथी कार्रवाई सामने आयी है. गर्दनीबाग थाने में दर्ज साइबर क्राइम के मामले की जांच की जिम्मेवारी सिपाही से दारोगा में प्रोमोट हुए प्रभंजन गुरुंग को दी गयी है. इस दारोगा की अभी ट्रेनिंग भी नहीं हुई है, उसे साइबर क्राइम का केस अनुसंधान के लिए थमा दिया गया है.
यह दारोगा पहले से 70 केस का अनुसंधान कर रहा है. ऐसे में फिर पुलिस के आला अधिकारी सवालों के घेरे में हैं. साफ है कि साइबर क्राइम की घटना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. एसएसपी और डीएसपी स्तर से भी न्याय नहीं मिल पा रही है.
गौरतलब हो कि पिछले दिनों शिवपुरी के रहनेवाले पिंटू कुमार के पास एक फर्जी बैंक मैनेजर का कॉल आया था. यह वही कॉल था, जो बाताें में उलझा कर खाते से छेड़छाड़ कर देता है और पैसा निकाल लेता है. एहतियात के तौर पर जब पिंटू ने पुलिस पदाधिकारियों से शिकायत की, तो उसकी शिकायत की अनदेखी की गयी. इसे प्रभात खबर ने आठ जुलाई के अंक में प्रमुखता से छापा था.
क्षतिपूर्ति का केस
शिक्षिका अंजू कुमारी और पति सत्येंद्र ने उपभोक्ता फोरम में दावा किया है. केस 316/16 में यह आरोप है कि एसबीआइ की अलीपुर शाखा से ट्रांसफर होकर फुलवारीशरीफ शाखा में भेजे गये बैंक एकाउंट से फर्जीवाड़ा होने के बाद बैंक खाते और एटीएम को बंद नहीं किया. बैंक मैनेजर और टॉल फ्री नंबर पर मुंबई हुई दूरभाष पर वार्ता से कोई राहत नहीं मिली. बैंक मैनेजर ने हाथ खड़े कर लिये और अब तक खाते को सिर्फ होल्ड किया गया है. उन्होंने ढाई लाख रुपये के क्षतिपूर्ति का दावा किया है.
बैंक मैनेजर और मुंबई की टॉल फ्री सेवा दोनों फेल, कहां जाएं ग्राहक
धोखाधड़ी के केस में बैंक के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गयी है. एसबीआइ की फुलवारी शरीफ शाखा में जो मामला सामने आया है, उससे साफ है कि साइबर क्रिमिनल सिस्टम को हैक कर ले रहे हैं. वे जब चाह रहे हैं, खाते को खंगाल रहे हैं, लेकिन बैंक की मजबूरी है कि खाताधारक के लगातार कहने के बावजूद न तो उसका खाता क्लोज हो रहा है और न ही एटीएम कार्ड बंद हो पा रहा है. यह घटना उन्हीं खाताधारकों के साथ हो रही है, जिन्हें फोन पर बातों में उलझा कर उनका रजिस्टर्ड फोन नंबर को बदला जा रहा है और बाद में पैसों की निकासी बिना एटीएम के पासवर्ड पूछे कर ली जा रही है.
पंजाबी कॉलोनी, गर्दनीबाग के रहनेवाले सत्येंद्र के साथ 13 जून को करीब 47 हजार रुपये की निकासी की गयी थी. इसके बाद उन्होंने पहले एटीएम कार्ड पर दिये गये टॉल फ्री नंबर पर कॉल किया, लेकिन उसने साफ कह दिया कि आपका एटीएम बंद नहीं हो पायेगा, बैंक से संपर्क कीजिए. बैंक में गया, तो मैनेजर ने लाख प्रयास किया, लेकिन बैंक का कंप्यूटराइज्ड सिस्टम उनके खाते को क्लोज नहीं कर सका. मैनेजर ने हाथ जोड़ लिया और खाते को होल्ड पर डाल दिया. कहा, इससे ज्यादा हम कुछ नहीं कर सकते हैं. इससे साफ है कि बैंक के साॅफ्टवेयर को भी हैकर्स हैक कर रहे हैं.