मछुआरा समाज को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे मोदी : संजय सिंह

पटना. जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी मछुआरा समाज को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. मछुआरों की निषाद, मल्लाह समेत अन्य जातियों को एसटी में शामिल करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने अब तक मंजूर नहीं किया है. स्वच्छ भारत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2016 7:18 AM
पटना. जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी मछुआरा समाज को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. मछुआरों की निषाद, मल्लाह समेत अन्य जातियों को एसटी में शामिल करने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने अब तक मंजूर नहीं किया है.
स्वच्छ भारत मिशन पुराने योजना का बदला नाम : राजीव
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन पहले के केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम, संपूर्ण स्वच्छता अभियान व निर्मल भारत अभियान का ही बदला हुआ नाम है.
उन्होंने कहा कि भाजपा कहती थी कि मछुआरा समाज को ज्यादा टिकट देंगे, क्या हुआ? कितना टिकट दिया? जदयू ने मछुआरा समाज को टिकट भी दिया और मंत्री बनाया. भाजपा वोट लेने के लिए राम का भी नाम लेते हैं.
कहते हैं, राम को नदी तो मल्लाह ने ही तो पार कराया था, इसलिए दोनों साथ-साथ हैं. मछुआरा समाज को ऐसे लोगों से सचेत रहना होगा. चुनाव के समय नरेंद्र मोदी आये थे और मछुआरों के लिए हितैषी बन गये थे.
तरह-तरह के वादे किये थे, लेकिन वापस जाते ही भूल गये. संजय सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने अतिपिछड़ा समाज के मल्लाह, निषाद समेत उसकी उपसमूहों व नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को पांच सितंबर, 2015 को ही अनुशंसा की थी. पांच सितंबर को ही राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी और तत्काल केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव को स्पीड पोस्ट से अनुशंसा भी भेजी गयी थी.
राज्य सरकार ने मल्लाह, निषाद और उनकी उपजातियां बिंद, बेलदार, चांई, तियर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर और केवट के साथ-साथ नोनिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की अनुशंसा भेजी थी, लेकिन केंद्र सरकार उसपर कुंडली मार कर बैठी हुई है.

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