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प्रभात EXCLUSIVE : टॉपर्स घोटाले में सुर्खियों में आये वैशाली में एक और घोटाला, परीक्षा में शून्य अंक, फिर भी नियुक्ति

विजय सिंह पटना : बिहार बोर्ड के टॉपर्स घोटाले में सुर्खियों में आये वैशाली जिले में एक और घोटाला सामने आया है. ताजा मामला वैशाली में कार्यपालक सहायक पद पर नियोजन का. इसमें जिन लोगों को लिखित परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त हुआ, उनका नियोजन कर लिया गया है. चौंकानेवाली बात यह है कि एक-दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 13, 2016 7:24 AM
विजय सिंह
पटना : बिहार बोर्ड के टॉपर्स घोटाले में सुर्खियों में आये वैशाली जिले में एक और घोटाला सामने आया है. ताजा मामला वैशाली में कार्यपालक सहायक पद पर नियोजन का. इसमें जिन लोगों को लिखित परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त हुआ, उनका नियोजन कर लिया गया है.
चौंकानेवाली बात यह है कि एक-दो नहीं, बल्कि 31 लोगों का नियोजन किया गया है. यह नियोजन डीएम की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने किया है, इसलिए उसकी नीयत पर सवाल खड़े हो गये हैं. मामला पटना में मिशन निदेशक, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन साेसाइटी के पास पहुंचा है. इसकी शिकायत सोंधो रत्ति के रहनेवाले प्रिंस कुमार ने की है. उन्होंने पूरी नियाेजन प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की है.
पांच साल से उठा रहे हैं वेतन
दरअसल, वर्ष 2011 में बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन साेसाइटी की तरफ से वैशाली जिले में विज्ञापन निकाला गया था. इसके तहत कार्यपालक सहायक का नियोजन किया जाना था. इसके लिए वैशाली के तत्कालीन जिला पदाधिकारी ने चयन समिति का गठन किया था. चयन के लिए तत्कालीन आइटी प्रबंधक, वैशाली ने परीक्षा में 105 शब्द अंगरेजी टंकण (5 अंक), 103 शब्द हिंदी टंकण (5 अंक) और 10 अंकों का साक्षत्कार निर्धारित किया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चयन समिति ने उनलोगो को चयन किया, जो परीक्षा में शून्य अंक प्राप्त किया था. इतना ही नहीं पिछले पांच साल से गलत ढंग से चयनित लोग मानदेय उठा रहे हैं और प्रशासन खामोश है.
मेरिट लिस्ट और नियोजन पैनल सूची से हुआ खुलासा
नियोजन में हुए फर्जीवाड़े का खुलासा फाइनल मेरिट लिस्ट और नियोजन पैनल से हुई है. इसमें साफ है कि टोटल प्राप्तांक में शून्य अंक प्राप्त करने वाले सदानंद पंडित (vai00112) का चयन किया गया है. वहीं, टंकण परीक्षा में न्यूनतम अंक नहीं प्राप्त करनेवाले राकेश कुमार सौरभ (vai00085) का चयन हुआ है. इसके अलावा 29 लोग ऐसे हैं, जिनका परीक्षा के निर्धारित मानक को पूरा नहीं करने के बावजूद चयन हो गया है.
गोपालगंज में 23 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी
गोपालगंज : शिक्षा विभाग की ओर की जा रही जांच के पहले चरण में बरौली प्रखंड में कार्यरत 23 शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये हैं. विभाग को आशंका है कि प्रखंड में फर्जी प्रमाणपत्र वाले शिक्षकों की संख्या सैकड़ों तक पहुंच सकती है. जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये हैं, उनसे विभाग ने नोटिस भेज कर एक सप्ताह में अपना पक्ष रखने को कहा है.
इस दौरान अगर शिक्षक अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो न सिर्फ उन्हें बरखास्त किया जायेगा, बल्कि उन पर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. डीपीओ (स्थापना) संजय कुमार के नेतृत्व में टीइटी प्रमाणपत्रों की जांच एक सप्ताह से चल रही है.
इस दौरान बरौली प्रखंड के नवसृजित प्राथमिक विद्यालय, रामपुर दक्षिण टोला की शिक्षक प्रतिभा, श्रीधरशाही के रमेश कुमार, जफर टोला रतनसराय के अमित कुमार, सड़ार नयाटोला की रंजना कुमारी, नीतु कुमारी, पुष्पा कुमारी, सिअरुआ के विनय कुमार सिंह, नंदजी यादव, राजेश कुमार राम, शबाना परवीन, कल्याणपुर मठिया की पूनम कुमारी, माधोपुर धोबी टोला के विजय कुमार कुशवाहा, आरती कुमारी, मध्य विद्यालय सदौवा की सुजाता कुमारी, नवसृजित प्राथमिक विद्यालय की जयमाला कुमारी, पिंटू कुमार, हसनपुर पश्चिम टोले के सुनील कुमार, हसनपुर नयाटोला की प्रीति कुमारी, बलरा दुसाध टोली के स्वामीनाथ राम, आशीष कुमार, रामपुर उत्तर टोला की सुहागमनी कुमारी, रामपुर दक्षिण टोला की कुमारी ललिता चौहान, रामपुर दक्षिण टोला की कुमारी नीलम शाही के प्रमाणपत्र फर्जी पाये गये हैं.
इन पर विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. विभाग का मानना है कि इस फर्जीवाड़े में कई अन्य लोग भी शामिल हैं, जिन्हें चिह्नित किया जा रहा है. इसकी पुष्टि करते हुए डीपीओ संजय कुमार ने बताया कि जांच चल रही है. प्रथमदृष्टया इनका प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है.

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