IAS एसोसिएशन ने कहा, बिना सबूत मोहनिया के SDM की हुई गिरफ्तारी
पटना : मोहनिया के एसडीएम डाॅ जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी से राज्य की आइएएस बिरादरी में उबाल है. गुरुवार को इस मुद्दे पर आइएएस एसोसिएशन की आपात बैठक हुई, जिस इस कड़ा एतराज जताया गया. एसोसिएशन का कहना है कि बिना किसी सबूत के एसडीएम को निगरानी ने गिरफ्तार किया है. एसोसिएशन मुख्यमंत्री और राज्यपाल […]
पटना : मोहनिया के एसडीएम डाॅ जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी से राज्य की आइएएस बिरादरी में उबाल है. गुरुवार को इस मुद्दे पर आइएएस एसोसिएशन की आपात बैठक हुई, जिस इस कड़ा एतराज जताया गया. एसोसिएशन का कहना है कि बिना किसी सबूत के एसडीएम को निगरानी ने गिरफ्तार किया है.
एसोसिएशन मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिल कर ज्ञापन देगा. इधर बेऊर जेल में बंद एसडीएम जितेंद्र गुप्ता ने गुरुवार को अपनी जमानत के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में अर्जी दी. इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी.
दिन भर की गहमागहमी के बाद शाम में आइएएस एसोसिएशन के दफ्तर में बैठक हुई, ब्यूरो की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए इसे पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया. एसोसिएशन ने निगरानी की पूरी प्रक्रिया को कठघरे में खड़ा कर दिया है. डाॅ जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी के खिलाफ मोरचा खाेलते हुए आइएएस एसोसिएशन ने पूरी व्यवस्था पर जम कर प्रहार किया है.
बैठक में पांच प्रस्ताव पारित किये, जिनके आधार पर एसोसिएशन ने यह साबित करने की कोशिश की है कि मोहनिया एसडीओ पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन पर की गयी कार्रवाई गलत है. बैठक में सचिव विवेक कुमार सिंह, दीपक कुमार सिंह, एन विजयालक्षमी समेत दो दर्जन से अाइएएस अधिकारी उपस्थित हुए. बाद में एसोसिएशन की ओर से जारी प्रेस बयान में कहा गया कि इस मुद्दे को लेकर एसोसिएशन चुप नहीं बैठेगा. आइएएस अधिकारियों का एक दल बिहार के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से भी इस मुद्दे पर मुलाकात करेगा.
एसोसिएशन की पांच मांगें
1. निगरानी ने गैरकानूनी, इरादतन व अव्यावहारिक तरीके से गिरफ्तार किया, जबकि ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि मध्य रात्रि में एसडीएम की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है.
2. निगरानी ने खुद स्वीकर किया है कि डाॅ गुप्ता के पास से व उनके कमरे से कोई जब्ती नहीं हुई.
3. जिस ड्राइवर को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है, वह निजी चालक नहीं है.
4. लोक सेवक को दायित्वों की पूर्ति करने से रोकने के लिए ऐसी एजेंसी को माध्यम बना उनमें डर पैदा किया जा रहा है.
5. किसी भी लोक सेवक को तुरंत उचित सुरक्षा मुहैया करायी जाये. इसके लिए महाराष्ट्र सरकार के तर्ज पर सीआरपीसी की धारा में उचित संशोधन किया जाये.
निलंबन के लिए कैमूर जिले से पत्र का इंतजार
आइएएस अधिकारी डॉ जितेंद्र गुप्ता के निलंबन के लिए सामान्य प्रशासन विभाग में कैमूर जिला प्रशासन के पत्र का इंतजार किया जा रहा है. गुरुवार की देर शाम तक वहां से पत्र नहीं आया था. विभागीय अधिकारी ने कहा कि 48 घंटे का कारावास निलंबन के लिए काफी है. यह प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी कर ली जायेगी.