2020 तक एक करोड़ युवा होंगे हुनरमंद : नीतीश

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 तक राज्य के एक करोड़ युवाओं को हुनरमंद बनाया जायेगा. इससे वे अपने पैर पर खड़ा हो सकेंगे. सरकार ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को नाैकरी की तलाश के लिए दो साल तक एक हजार रुपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता देगी, ताकि वे नौकरी की तलाश कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2016 6:20 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 2020 तक राज्य के एक करोड़ युवाओं को हुनरमंद बनाया जायेगा. इससे वे अपने पैर पर खड़ा हो सकेंगे. सरकार ऐसे प्रशिक्षित युवाओं को नाैकरी की तलाश के लिए दो साल तक एक हजार रुपये प्रतिमाह स्वयं सहायता भत्ता देगी, ताकि वे नौकरी की तलाश कर सकें. मुख्यमंत्री शुक्रवार को अधिवेशन भवन में विश्व युवा कौशल दिवस पर राज्य में पहली बार आयोजित कौशल विकास दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कौशल विकास के प्रशिक्षण के तहत 12वीं पास युवाओं को अंगरेजी और हिंदी में संवाद करने की कला, कंप्यूटर का ज्ञान और रोजगार के लिए बुनियादी ज्ञान मिलेगा. इसके लिए महाराष्ट्र नॉलेज काॅरपोरेशन लिमिटेड (एमकेसीएल) से राज्य सरकार ने करार किया है.
मुख्यमंत्री ने वर्तमान समय में रोजगार के लिए कौशल विकास को जरूरी बताते हुए कहा कि हर जगह कुशल लोगों की कमी है. ऐसे लोगों की राज्य में ही नहीं, बल्कि देश-विदेश में भी मांग है. देश में नर्सों की कमी की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज पीएमसीएच और एनएमसीएच की नर्सों की निजी नर्सिंग होम में अधिक मांग है. संचालक अपने संसाधन से यहां से उन्हें ले जाते हैं, इसलिए ही हमने सात निश्चयों में नर्सिंग कॉलेज खोलने को शामिल किया है.
कौशल विकास की अपार संभवना
कौशल विकास की अपार संभवना बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल में विकास से रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी. इसके लिए वैसे संस्थानों की आवश्यकता है, जहां वाकई प्रशिक्षण मिले. सिर्फ सर्टिफिकेट के लिए संस्थान न हो. बिहार की सरकार ने 2012 में ही इसके लिए बिहार कौशल विकास मिशन का गठन किया था. सभी विभागों को कौशल विकास का लक्ष्य दिया गया था.
उन्होंने कहा कि हमने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के लिए हुनर कार्यक्रम शुरू किया, जिसे बाद में केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया. नक्सलग्रस्त इलाकों के लिए ‘सरकार आपके द्वार कार्यक्रम’ के तहत जहानबाद जिले की कुछ जगहों पर लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया. पता चला कि जिसने भी प्रशिक्षण लिया था, सबों को नौकरी मिल गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रखंडाें में कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जायेगी.यह कोई चुनावी घोषणा नहीं है, सरकार का निश्चय है
नीतीश कुमार ने कहा, यह कोई चुनावी घोषणा नहीं है, यह सरकार का निश्चय है. इसे हर हाल में लागू किया जायेगा. हमने चुनाव के दौरान कुल 218 सभाओं में इसकी चर्चा की थी. सबसे अधिक ताली स्टूडेंट क्रेडिट क्रेडिट कार्ड पर ही बजती थी, जिसमें चार लाख रुपये देने की बात कही जाती थी. कौशल विकास की बातें लोग गंभीरता से सुनते थे. कहते थे कि यदि ऐसा हो गया तो वाकई सब कुछ बदल जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्य के लिए बैंक को कहा कि यदि बच्चा पैसे वापस नहीं करेगा, तो सरकार कर्ज की अदायगी करेगी. उन्होंने कहा कि बिहार के युवा मेधावी होते हैं. उन्हें माहौल देने की जरूरत है. आइटीआइ के बच्चों द्वारा बनाये गये मॉडल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग चुपचाप काम करते रहिए, बाद में लोग आंख फाड़ कर देंखेंगे कि ऐसा कर दिया.
श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव और एमकेसीएल के सीइओ विवेक सावंत ने बिहार में एक करोड़ युवाओं के कौशल विकास के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये. कार्यक्रम को श्रम मंत्री विजय प्रकाश, एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार निराला, योजना मंत्री ललन सिंह, िशक्षा मंत्री अशोक चौधरी, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, श्रम विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, एमकेसीएल के विवेक सावंत ने संबोधित किया.

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