वीजा व नौकरी दिलाने के नाम पर 56 लाख रुपये ठगे, गिरोह ने 865 को शिकार बनाया
पटना : सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका जाने के लिए वीजा और नौकरी दिलाने के नाम पर कबूतरबाजों के एक बड़े गिरोह ने अब तक 865 लोगों को शिकार बनाया है. इस गैंग ने 56 लाख रुपये की ठगी की है. खास बात यह है कि गोपालगंज, सीवान, छपरा, कटिहार समेत बिहार के अन्य ग्रामीण इलाकों […]
पटना : सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका जाने के लिए वीजा और नौकरी दिलाने के नाम पर कबूतरबाजों के एक बड़े गिरोह ने अब तक 865 लोगों को शिकार बनाया है. इस गैंग ने 56 लाख रुपये की ठगी की है.
खास बात यह है कि गोपालगंज, सीवान, छपरा, कटिहार समेत बिहार के अन्य ग्रामीण इलाकों में रहनेवाले सीधे-सादे लोगों को शिकार बनाया है. लगातार 10 माह से आरोपित मनोज कुमार की पड़ताल कर रहे ठगी के शिकार लोगों को तब थोड़ी राहत मिली, जब मीठापुर में वह देखा गया. पीड़ित हीरालाल ने देखने के बाद शोर मचाया और साइिकल से पीछा करते हुए उसके ठिकाने पर पहुंच गया. वह पिछले कई महीनों से कन्नूलाल लेन, मीठापुर में मानिकचंद के मकान में तीसरे मंजिल पर रहता है, लेकिन जब तक पुलिस पहुंची, तब तक वह भाग चुका था.
दरअसल मीरगंज, गोपालगंज का रहनेवाला मनोज कुमार दो अक्तूबर, 2015 को भी पकड़ा गया था. उसे प्रेमचंद कुमार समेत अन्य लोगों ने पटना जंकशन पर पकड़ा था. उस समय जीआरपी उसे थाने ले गयी थी और उसे एसकेपुरी पुलिस को हैंडओवर किया गया था.
पूछताछ में पता चला कि वह पानी टंकी, एसकेपुरी के पास ऑफिस खोले हुए था, उसकी टीम में आधा दर्जन लोग हैं. वे लोग विदेश जाने के लिए वीजा दिलाने का ठेका लेते हैं और वहां नौकरी की गारंटी देते हैं. लेकिन प्रथम दृष्टया जांच में गलत पाया गया. इस पर एसकेपुरी पुलिस ने 146 लोगों के आरोप लगाये जाने के बाद मनोज समेत उसके सभी सहयोगियों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया. लेकिन, केस का सुपरविजन नहीं होने की दशा में उसे थाने से छोड़ दिया गया.
अब वारंट के लिए आवेदन करेगी पुलिस
एसकेपुरी पुलिस का कहना है कि जब उसे पकड़ा गया था, तब एफआइआर दर्ज की गयी, लेकिन धोखाधड़ी के केस में बिना सुपरविजन गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है, इसलिए उस समय उसे बांड भरा कर छोड़ा गया था. अब इस केस में सुपरविजन हो गया है, केस ट्रू हुआ है. गिरफ्तारी का आदेश हो गया है. आइओ वारंट के लिए कोर्ट में आवेदन देंगे. उसके बाद गिरफ्तारी की जायेगी.
क्या है मामला
गोपालगंज निवासी मनोज कुमार, सीवान निवासी मनोज सिंह व कटिहार निवासी राहुल देव समेत कुछ अन्य लाेगों ने पटना में पानी टंकी एसकेपुरी में ऑफिस खोला था. छपरा के तरैया थाना क्षेत्र के रसीदपुर के रहनेवाले प्रेमचंद्र कुमार के गांव के ही रहने वाले हलीम साह ने मनोज के बारे में प्रेमचंद्र को बताया था. साथ ही उसने मिलवाया भी था. इसके बाद प्रेमचंद्र, हीरालाल जैसे 865 लोग मनोज से मिले. उसने पांच-पांच हजार रुपये लेकर मेडिकल कराया और दक्षिण अफ्रीका तथा सिंगापुर भेजने के लिए वीजा और नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया.
इसके बाद लोगों से 20 हजार से लेकर 80 हजार रुपये तक की वसूली की और फिर फोन पर आश्वासन देता रहा. जब तक लोगों को शक हुआ, तब तक वह अंडर ग्राउंड हो गया. अब उसका लोकेशन पता चला है. लेकिन एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त से बच निकला.