अरुण जेटली से बैठक के बाद बोले नीतीश , हम GST बिल के पक्ष में हैं

नयी दिल्ली : राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी पर परीक्षण से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू के नेता नीतीश कुमार से मुलाकात की. समझा जाता है कि इस सप्ताहांत वित्त मंत्री आंध्र प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व तथा तेलंगाना की पार्टियों, तेलुगूदेशम तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2016 6:23 PM

नयी दिल्ली : राज्यसभा में वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी पर परीक्षण से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज बिहार के मुख्यमंत्री तथा जदयू के नेता नीतीश कुमार से मुलाकात की. समझा जाता है कि इस सप्ताहांत वित्त मंत्री आंध्र प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व तथा तेलंगाना की पार्टियों, तेलुगूदेशम तथा तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेताओं से भी इस बारे में बातचीत करेंगे. जेटली जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए क्षेत्रीय दलों का समर्थन चाहते हैं. उन्होंने संसद भवन में कुमार से मुलाकात की. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस मुलाकात के दौरान जीएसटी तथा कांग्रेस की कर की दर की संवैधानिक सीमा तय करने की मांग के खिलाफ समर्थन का मुद्दा उठा.

बिहार सीएम से आज हुई मुलाकात

सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री ने कर दर पर सरकार के रख का समर्थन किया कि इसका उल्लेख विधेयक में नहीं होना चाहिए और इसका फैसला जीएसटी परिषद पर छोड़ दिया जाना चाहिए. इसके अलावा मुलाकात में बिहार सरकार की राज्य के लिए पिछड़ा क्षेत्र अनुदान जारी करने की मांग पर भी चर्चा हुई. सरकार राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पर पांच घंटे की बहस पर सहमत हुई है. सरकार चाहती है कि यह विधेयक संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पारित हो जाये. मानसून सत्र 12 अगस्त को समाप्त होगा.

बाकी पार्टियों के नेताओं से भी मिलेंगी जेटली

सूत्रों ने बताया कि जेटली इस सप्ताहांत हैदराबाद जायेंगे. वहां वह टीडीपी नेताओं तथा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू तथा टीआरएस के प्र्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से मुलाकात करेंगे. 247 सदस्यीय राज्यसभा में टीडीपी के छह सदस्य हैं, जबकि टीआरएस के तीन सदस्य हैं. जदयू के सदस्यों की संख्या 10 है. राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास बहुमत नहीं है. कांग्रेस राज्यसभा में 60 सदस्यों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. भाजपा के सदस्यों की संख्या 53 है. सभी अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर जीएसटी को लाने का विचार सबसे पहले कांग्रेस ने 2009 में पेश किया था. कांग्रेस की मांग है कि कुल दर को 18 प्रतिशत पर सीमित किया जाये. साथ ही वह एक प्रतिशत के अतिरिक्त कर को भी समाप्त करने की मांग कर रही है.

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