मदरसा व संस्कृत स्कूलों में भी चलेगा ऑपरेशन क्लीन
पटना : राज्य सरकार मदरसों को विकसित करेगी और हर जिले में एक मदरसा को आदर्श मदरसा का दर्जा देगी. इस साल पांच जिलों के मदरसा को आदर्श मदरसा के रूप में विकसित किया जायेगा. इन मदरसों को सारे संसाधनों से पूर्ण किया जायेगा. साथ ही 1,134 मदरसों में अगले महीने से विज्ञान, गणित व […]
पटना : राज्य सरकार मदरसों को विकसित करेगी और हर जिले में एक मदरसा को आदर्श मदरसा का दर्जा देगी. इस साल पांच जिलों के मदरसा को आदर्श मदरसा के रूप में विकसित किया जायेगा. इन मदरसों को सारे संसाधनों से पूर्ण किया जायेगा. साथ ही 1,134 मदरसों में अगले महीने से विज्ञान, गणित व कंप्यूटर की भी पढ़ाई शुरू होगी और जिन मदरसों में मिड डे मील बंद है, उसमें एक अगस्त से इसे शुरू कराया जायेगा. ये निर्देश शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने मदरसा बोर्ड को दिया. शुक्रवार को मदरसा बोर्ड की बोर्ड की समीक्षात्मक बैठक में मदरसा व संस्कृत स्कूलों में भी ऑपरेशन क्लीन चलाने का निर्णय लिया गया है.
इसके सिलेबस को बेहतर करने के लिए बोर्ड को निर्देश दिये गये. शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि मदरसों की हालत ठीक नहीं हैं. फिलहाल एक क्लास में 25 बच्चे हैं. इसे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है और हर क्लास में कम से कम 50 बच्चों का टारगेट पूरा करने को कहा गया है. मदरसे की शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अगस्त महीने में वर्कशॉप का आयोजन होगा, इसके लिए 10 दिनों में रोड मैप तैयार करने को कहा गया है.
वर्कशॉप के 10 दिन बाद फिर बैठक होगी और प्लान जमीन पर उतारे जायेंगे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि 1134 मदरसों में गणित, विज्ञान व कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू होनी है. अगले महीने से हर हाल में शुरू कर दी जाये. यह मदरसा के शिक्षा के गुणात्मक सुधार व आदर्श मदरसा के लिए कारगर होगा. उन्होंने मदरसा बोर्ड को पूर्णिया में खुलने वाले रीजनल सेंटर को जल्द से जल्द खोलने का निर्देश दिया. सीमांचल इलाके में 75 फीसदी मदरसा हैं. पूर्णिया में रीजनल सेंटर खुलने से तीन प्रमंडलों के 10 जिले इससे लाभान्वित हो सकेंगे.
पटना : राज्य के 11 राजकीय संस्कृत विद्यालयों में सेवानिवृत्त संस्कृत शिक्षकों की जगह संस्कृत विषय के नियोजित शिक्षकों को बहाल किया जायेगा. इसका निर्णय शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने संस्कृत शिक्षा बोर्ड की समीक्षात्मक बैठक में लिया. उन्होंने कहा कि पटना में 50 समेत राज्य में कुल 602 संस्कृत विद्यालय हैं. ऐसी शिकायत है कि इसमें जितने शिक्षक हैं, उतने की छात्र हैं. सरकार हर साल संस्कृत शिक्षा बोर्ड में वेतन के रूप में 150 करोड़ खर्च करती है. बोर्ड को छात्रों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.
साथ ही अगर जहां शिक्षक-छात्र के अनुपात से ज्यादा शिक्षक हुए तो उन्हें वहां से हटा कर दूसरे स्कूलों में पदस्थापित किया जायेगा. संस्कृत स्कूलों के सिलेबस को भी बेहतर व सरल करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि महिषी संस्कृत विद्यालय का पुरुद्धार किया जायेगा.