पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज उत्तर बिहार की नदियों में आयी बाढ़ की स्थिति की आज समीक्षा की. मुख्य सचिवालय स्थित अपने कक्ष में मुख्यमंत्री ने नदियों के वर्तमान जलस्तर, बाढ़ के पानी के फैलाव एवं तटबंधों की सुरक्षा की विस्तृत समीक्षा सेटेलाइट से प्राप्त चित्रों एवं नदियों के नक्शे के आधार पर की. उन्होंने सभी अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता यथा नाव का परिचालन, कैम्प एवं राहत शिविर, बाढ़ सहायता आदि ससमय उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
अधिकारियों को स्थिति का जायजा लेने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग और जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिवों वरीय अभियंताओं को सीमांचल एवं कोसी क्षेत्र का तत्काल हवाई सर्वेक्षण कर वर्तमान स्थिति का जायजा लेने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी अधिकारी आज सीमांचल एवं कोसी क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेंगे. बैठक में जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा सहित जल संसाधन विभाग के वरीय अभियंता उपस्थित थे.
नेपाल में अधिक बारिश से दिक्कत
बैठक के बाद आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने पत्रकारों से कहा कि पड़ोसी देश नेपाल में हुई अधिक बारिश की वजह से किशनगंज, अररिया एवं पूर्णिया तथा सुपौल जिलों के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी फैला है जहां का आज हमलोग हवाई सर्वेक्षण करेंगे. करीब दो लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. उन्होंने बताया कि इन स्थानों पर राहत शिविर लगाये गये है और राहत एवं बचाव कार्य में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम लगी हुई हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर
व्यास जी ने बताया कि किशनगंज, अररिया और पूर्णिया में क्रमश: 25, 40 और 20 राहत शिविर कार्यरत हैं तथा सुपौल जिला जहां के कुछ इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं, में राहत शिविर चलाये जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की टीम वापस बुला ली गयी पर वहां जलस्तर बढ़ने की सूचना मिलने पर एसडीआरएफ की टीम भेजी जा रही है. व्यास जी ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए कि किशनगंज में 50 नाव और पूर्णिया में 25 नाव भेजी जा रही है.