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Result Scam : लालकेश्वर ने दी थी 208 स्कूल-कॉलेजों को मान्यता, SIT ने मांगी हैं मूल फाइलें

घोटाला : लालकेश्वर ने दी थी 208 स्कूल-कॉलेजों को मान्यता, एसआइटी ने मांगी हैं मूल फाइलें फर्जी तरीके से स्कूल-कॉलेजों को मान्यता देने के खेल की पोल परत-दर-परत खुलने लगी है. अब तक 43 ऐसे संस्थानों की सूची तैयार हो चुकी है, जो जल्द एसआइटी को सौंपी जायेगी. पटना : बिहार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष […]

घोटाला : लालकेश्वर ने दी थी 208 स्कूल-कॉलेजों को मान्यता, एसआइटी ने मांगी हैं मूल फाइलें फर्जी तरीके से स्कूल-कॉलेजों को मान्यता देने के खेल की पोल परत-दर-परत खुलने लगी है. अब तक 43 ऐसे संस्थानों की सूची तैयार हो चुकी है, जो जल्द एसआइटी को सौंपी जायेगी.
पटना : बिहार बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह के समय 208 स्कूल-कॉलेजों को मान्यता दी गयी थी. अब जहां बिहार बोर्ड अपने स्तर से इन स्कूल-कॉलेजों की जांच कर रहा है, वहीं एसआइटी भी इनकी पड़ताल में जुटी हुई है. इस क्रम में एसआइटी ने बिहार बोर्ड से 43 स्कूल-कॉलेजों की मूल फाइलें मांगी हैं. ये सभी उक्त 208 स्कूल-कॉलेजों में शामिल हैं. इन स्कूल-कॉलेजों की मूल फाइलों के साथ तमाम डिटेल्स बिहार बोर्ड की ओर से एसआइटी को उपलब्ध करवाया जा रहा है. एक-दो दिनों में एसआइटी को इन 43 स्कूल-कॉलेजों की सभी मूल फाइलों को सौंप दिया जायेगा.
मानकों को नहीं करते पूरा : बिहार बोर्ड की मानें तो इन 208 स्कूल-कॉलेजों में से 43 मान्यता (संबंद्धता)के मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं. इनमें कई स्कूल-कॉलेज तो ऐसे है, जो संबंद्धता की बैठक में शामिल तो हुए, लेकिन इनकी संबंद्धता के लिए किसी तरह की जांच नहीं की गयी.
कई स्कूल-कॉलेजों की तो तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर ने जांच भी नहीं करवायी थी. बोर्ड कर्मचारियों की मानें, तो कई जिलों के डीइओ ने जांच में इन स्कूल-कॉलेजों के बारे में निगेटिव रिपोर्ट बिहार बोर्ड को सौंपी थी, लेकिन लालकेश्वर प्रसाद ने उन कॉलेजों को भी संबंद्धता दे दी.
पांच लोगों की बनायी गयी जांच टीम : इन 43 स्कूल-कॉलेजों की जांच बिहार बोर्ड की ओर से की जा रही है. ये स्कूल-कॉलेज जिन जिलों में हैं, वहां पर टीम जाकर स्कूल-कॉलेजों की जांच कर रही है. बोर्ड कर्मचारियों ने बताया कि जुलाई के दूसरे सप्ताह से जांच चल रही है. जांच टीम में संबंधित जिले के डीइओ, बिहार बोर्ड के एक कर्मचारी, संबंधित जिले के डीएम की ओर से दो अधिकारी और संबंधित जिले के एसपी की ओर से एक अधिकारी को शामिल किया गया है.
पांच-पांच लोगों की टीमें संबंधित जिलों में इन स्कूल-कॉलेजों की कर रहीं जांच
जीए इंटर कॉलेज के वीक्षकों पर होगी कार्रवाई
एसआइटी ने हाजीपुर के जीए इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र के वीक्षकों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है. आरोप है कि इन वीक्षकों की अनदेखी के कारण ही एक ही छात्र दो-दो रजिस्ट्रेशनों पर परीक्षा देने में कामयाब रहे. जांच के दौरान एसआइटी को बच्चा राय के वीआर कॉलेज के 44 छात्रों की सूची हासिल हुई थी, जिनके दो-दो रजिस्ट्रेशन थे और दोनों ही रजिस्ट्रेशनों पर परीक्षा भी दी गयी थी. इसका मतलब है कि एक रजिस्टेशन पर वास्तविक छात्र ने परीक्षा दी
जबकि दूसरे रजिस्ट्रेशन पर स्कॉलर बैठाया गया. लेकिन, परीक्षा के किसी वीक्षक ने किसी प्रकार की आपत्ति नहीं जतायी और न ही किसी को पकड़ा. खास बात यह है कि दो दिनों के लिए केंद्राधीक्षक भी बदले गये थे. अब एसआइटी इस बात की जांच कर रही है कि परीक्षा के दौरान कौन-कौन-से वीक्षक वहां मौजूद थे. उन सभी के नाम व पता की लिस्ट बनायी जा रही है.
मालूम हो कि जीए इंटर कॉलेज में वीआर कॉलेज का परीक्षा केंद्र बनाया गया था. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि एसआइटी ने अब वीक्षकों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है, क्योंकि बिना उनके सहयोग के यह संभव नहीं था.
नहीं जमा की गयी थी बाहर लिखी गयी उत्तरपुस्तिका : आस्था की बाहर लिखी गयी उत्तरपुस्तिका को बिहार बोर्ड में जमा करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ी थी. पहले से जो उत्तरपुस्तिका जमा थी, उसमें ही सेटिंग हो गयी थी.
उस उत्तरपुस्तिका में कई बार काट कर अंक बदले गये थे और कम अंक को अधिक अंक में परिणत किया गया था. हालांकि मंशा यह थी कि जो उत्तरपुस्तिका बाहर लिखी गयी थी, उसे बोर्ड में जमा कर आस्था द्वारा लिखी गयी उत्तरपुस्तिका को निकाल लेना था, लेकिन उसी उत्तरपुस्तिका में काम हो गया था, इसलिए बाहर लिखी गयी उत्तरपुस्तिका को जमा नहीं किया गया था.
बोर्ड के पांच और कर्मचारी होंगे निलंबित : बिहार बोर्ड के इंटर प्रभाग के पांच और कर्मचारियों को निलंबित किया जायेगा. इन कर्मचारियों को 16 जुलाई को एसआइटी ने टॉपर घोटाले और वीआर कॉलेज के 44 छात्रों के डबल रजिस्ट्रेशन बनाने में गिरफ्तार किया गया है.
एसआइटी ने इसकी लिखित सूचना बिहार बोर्ड को दी है. अब बोर्ड इन पांचों कर्मचारियों को निलंबित करेगा. इनमें प्रशाखा पदाधिकारी विनोद चंद्र झा, सहायक सुरेंद्र प्रसाद, चंद्रमणी प्रसाद सिंह, अरुण कुमार सिंह व तिरहुत प्रमंडल के प्रभारी पदाधिकारी ओम प्रकाश सिन्हा शामिल हैं.
2015 की थर्ड साइंस टॉपर आस्था, बच्चा के पिता, पत्नी, ससुर समेत पांच के खिलाफ वारंट जारी
बच्चा राय के पास से बरामद जीव विज्ञान की उत्तरपुस्तिका की 2015 की थर्ड साइंस टॉपर आस्था श्रीवास्तव की निकली. इस मामले में आस्था के खिलाफ बुधवार को न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया. इसके साथ ही बच्चा राय के पिता विशुन देव राय, पत्नी संगीता राय, ससुर रामनगीना राय व ट्रस्ट के सदस्य राजवंशी राय के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट पुलिस को मिल गया है.
अब पुलिस इश्तेहार के साथ ही कुर्की-जब्ती के लिए भी न्यायालय से आग्रह करेगी. मालूम हो कि आस्था की उत्तरपुस्तिका बच्चा राय के पास से मिली थी और एक और उत्तरपुस्तिका बिहार बोर्ड से मिली थी. बिहार बोर्ड से मिली उत्तरपुस्तिका में ठीक ढंग से प्रश्नों के उत्तर नहीं लिखे गये थे, जबकि बच्चा राय के पास से मिली उत्तरपुस्तिका में सभी प्रश्नों के उत्तर अच्छे ढंग से लिखे गये थे. इस उत्तरपुस्तिका में केवल एक ही कमी थी और उसमें वाटरमार्क नहीं था, जबकि दोनों ही उत्तरपुस्तिकाओं का सीरियल नंबर एक ही था. इस मामले में आस्था को प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था और उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए न्यायालय में अनुरोध किया गया था.
लालकेश्वर के दामाद िववेक को राहत नहीं
पटना हाइकोर्ट ने पूर्व बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के दामाद विवेक रंजन को कोई राहत नहीं दी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी के एकलपीठ ने बुधवार को पुलिस द्वारा जारी वारंट को निरस्त किये जाने की मांग संबंधी विवेक रंजन की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. कोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर किसी प्रकार के हस्तक्षेप से इनकार करते हुए विवेक रंजन को सरेंडर करने की नसीहत दी. कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए विवेक रंजन ने अपनी याचिका वापस ले ली.
इसके पहले उसके वकील यह कहते रहे कि विवेक रंजन ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. वकील ने कहा कि इंटर टाॅपर्स घोटाले में विवेक रंजन मुख्य आरोपित नहीं है, बल्कि उसके ससुर मुख्य आरोपित है. वकील ने यह भी कहा कि विवेक कहीं भागनेवाला नहीं है.
कोर्ट ने उनकी बातों को कोई तरजीह नहीं दी. कोर्ट ने कहा कि ऐसा तो हर अभियुक्त कह सकता है. विवेक रंजन की याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि टाॅपर्स घोटाले के मुख्य आरोपित लालकेश्वर प्रसाद के दामाद पर आरोप है कि सारे मामलों को उनके सरंक्षण में ही संचालित किया जाता रहा है. गौरतलब है कि विवेक रंजन के खिलाफ पुलिस ने इश्तेहार चिपकाया है और उसे पुलिस तलाश रही है.

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