पटना : विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ. प्रेम कुमार ने कहा है कि बाढ़ पीड़ितों की स्थिति भयावह है. प्रेम कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को मूलभूत सुविधा भी नहीं दी जा रही है. न ही कहीं शौचालय की सुविधा दी गयी है और न ही राहत कैंप में बच्चों के लिए दूध का प्रबंध किया गया है. चिकित्सा सुविधा पूरी तरह नदारद है.
बाढ़ के हवाई सर्वेक्षण से कुछ नहीं होगा-भाजपा
प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार हवाई जहाज से सर्वेक्षण के बजाय धरातल पर जा कर बाढ़ पीड़ितों की हाल को देखे. राज्य सरकार अविलंब बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सर्वदलीय बैठक करे. पूर्णिया के बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरा के बाद वे भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आठ जिलों के 165 प्रखंडों के 17.25 लाख की आबादी परेशान है. बाढ़ के कारण 3.76 लाख लोगों को घर- बाड़ छोड़ कैंप में शरण लेना पड़ा है. सरकार तैयारी पूरी होने का दावा कर रही है, पर धरातल पर कोई तैयारी नहीं है. सरकार कहती है कि एक भी तटबंध नहीं टूटी है, पर अब तक एक दर्जन से अधिक तटबंध टूट चुकी है.
लोगों को नहीं मिल रही है सुविधा-प्रेम कुमार
उन्होंने कहा कि राहत के लिए मिलनेवालीनाव आधे से अधिक क्षतिग्रस्त है. लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अब तक बाढ़ में डूबकर 17 लोगों की जान जा चुकी है. एक भी मृतक के परिजन को कबीर अंत्येष्टि योजना के तीन हजार रुपये की मदद नहीं दी गयी है. मृतकों के परिजनों को मुआवजे की चार लाख रुपये भी नहीं दिये गये हैं. डॉ. कुमार ने कहा कि यदि बाढ़ पीड़ितों की परेशानी सरकार दूर नहीं कि तो मानसून सत्र में सरकार को इस मुद्दे पर घेरा जायेगा.
15 दिनों का हो मानसून सत्र
डॉ. कुमार ने कहा कि जनता की समस्या को देखते हुए सरकार मानसून सत्र को कम से कम 15 दिनों का होना चाहिए. अन्यथा जनता की समस्याअों पर बातें नहीं हो सकेगी. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में नालंदा में पाक झंडा फहराने, दलितों पर हमला, बाढ़ समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरेगी.