बिहार में लालू की मांग को भाजपा का समर्थन, पढ़ें
पटना : बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के कई अन्य राज्यों की तरह बिहार में स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए नौकरी में 80 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर कहा कि राज्य सरकार इसके लिए विधानमंडल में प्रस्ताव लाएं, वह उसका समर्थन करेगी. बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील […]
पटना : बिहार में प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के कई अन्य राज्यों की तरह बिहार में स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए नौकरी में 80 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर कहा कि राज्य सरकार इसके लिए विधानमंडल में प्रस्ताव लाएं, वह उसका समर्थन करेगी. बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि बड़े भाई लालू प्रसाद और छोटे भाई नीतीश कुमार में एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ मची है.
भाजपा करेगी लालू का समर्थन-मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि छोटे भाई लखनऊ जाकर न्यायिक सेवाओं व प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की वकालत कर रहे हैं तो बड़े भाई नहला पर दहला जड़ते हुए राज्य सरकार की नौकरियों में स्थानीय लोगों को तरजीह देने और सहायक प्राध्यापकों की नियुक्तियों में बिहारियों को मौका नहीं मिलने की बात कहकर नीतीश कुमार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. उन्होंने बिहार में बाहर के लोगों को नौकरियां मिलने के प्रदेश सरकार को सीधे जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वैसे लालू प्रसाद भी केवल बयानबाजी कर रहे हैं, अगर उनमें हिम्मत है तो स्थानीय नौकरियों में बिहारियों के लिए 80 प्रतिशत कोटा तय करने से संबंधित प्रस्ताव विधानमंडल में लाएं, भाजपा उसका समर्थन करेगी.
बीपीएससी का साक्षात्कार रोकवायें लालू
सुशील ने कहा कि अगर लालू प्रसाद चाहते हैं कि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में बिहारी छात्रों को प्राथमिकता मिले तो अभी जो बीपीएससी की ओर से साक्षात्कार लिए जा रहे हैं, उसे तत्काल रोकवायें और यूजीसी के संशोधित रेगुलेशन को लागू कराएं, ताकि बिहार के 30 हजार पीएचडी धारकों को मौका मिल सके. उन्होंने लालू पर बिहारी अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं होने पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाते हुए उनसे पूछा कि वे बताये कि यूजीसी के संशोधित रेगुलेशन को लागू कराने के लिए जब छात्र उनसे मिलने गये तो अपने दरवाजे से उन्हें क्यों भगा दिया.
नीतीश कुमार से सवाल करें लालू-मोदी
सुशील ने आरोप लगाया ‘लालू प्रसाद, नीतीश कुमार से पूछे कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में मेवालाल चौधरी जैसे व्यक्ति को कुलपति क्यों बनाया जिसने धांधली करके बिहार से बाहर के लोगों को विभिन्न पदों पर नियुक्त कर दिया. हजारों छात्र बीपीएससी मुख्य परीक्षा की तिथि बढ़ाने को लेकर महीनों आंदोलनरत रहे, मगर सरकार उनकी क्यों नहीं सुनी. नतीजतन बिहार के हजारों छात्रों को यूपीएससी की परीक्षा से वंचित होना पड़ेगा. ‘ उन्होंने कहा कि बिहार के युवकों की नौकरियों को लेकर चिंता वाजिब है, मगर लालू प्रसाद बताये कि क्या केवल बयानबाजी करने से नौकरियां मिले जायेंगी.