बालू पर जंग : तीन अपराधी व 28 नाविक गिरफ्तार

पटना के मनेर से लेकर आरा के बालू घाटों तक हुई छापेमारी मनेर में दो िदनों पहले हुए गैंगवार के बाद पटना एसएसपी मनु महाराज व आरा एसपी छत्रनील सिंह के नेतृत्व में छापेमारी अभियान चला. छापेमारी मेंे पुिलस ने तीन अपराधियों , 28 बालू ढोने वाले नाविकों को िगरफ्तार किया है़ पटना/मनेर : चौरासी, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 3, 2016 6:34 AM
पटना के मनेर से लेकर आरा के बालू घाटों तक हुई छापेमारी
मनेर में दो िदनों पहले हुए गैंगवार के बाद पटना एसएसपी मनु महाराज व आरा एसपी छत्रनील सिंह के नेतृत्व में छापेमारी अभियान चला. छापेमारी मेंे पुिलस ने तीन अपराधियों , 28 बालू ढोने वाले नाविकों को िगरफ्तार किया है़
पटना/मनेर : चौरासी, सुअरमरवां दियारा स्थित बालू घाट के नजदीक दो दिनों पहले शिवदयाल सिंह उर्फ फौजिया गुट तथा उमाशंकर सिंह उर्फ सिपाही गुट के बीच हुए गैंगवार व हत्या मामले में मंगलवार को पटना एसएसपी मनु महाराज व आरा एसपी छत्रनील सिंह के नेतृत्व में छापेमारी अभियान चला.
इसमें गोलीबारी में शामिल तीन अपराधियों व 28 नाविकों को गिरफ्तार किया गया और 24 पोकलेन मशीनें व चार नावें जब्त कर ली गयीं. पोकलेन मशीन से बालू का खनन कर नावें में एकत्र किया जा रहा था. हालांकि, इस काम में लगे कई मजदूर गंगा में कूद कर भाग गये. ये सभी मशीनें व नावें चौरासी घाट व सुअरमरवां घाट इलाके में छापेमारी के दौरान मिलीं. उन तमाम पोकलेन मशीनों में तकनीकी खराबी कर दी गयी है, ताकि उसे लेकर कोई भाग नहीं सके. चूंकि वहां निगरानी करना आसान नहीं है. उसे नाव या अन्य इंतजाम के बाद दियारे से इस ओर लाया जायेगा. बताया जाता है कि गरमी के महीने में ही उन मशीनों को दियारा इलाके में पहुंचा दिया जाता है और फिर किसी प्रकार की खराबी होने पर मेकैनिक वहीं जाकर इन मशीनों को बनाते हैं.
छापेमारी में शामिल थीं पटना की तीन टीमें : बालू उठाव करनेवाले गिरोह के खिलाफ ऑपरेशन में तीन टीमें शामिल थीं. एक टीम की कमान एसएसपी मनु महाराज, दूसरी टीम की कमान सिटी एसपी पश्चिमी सत्यप्रकाश व तीसरी टीम की कमान एएसपी अभियान अनुपम कुमार संभाले हुए थे.
तीनों टीमें मनेर, बिहटा व शाहपुर पुलिस के साथ सुअरमरवां स्थित सोन नदी घाट से नाव पर सवार होकर नदी को पार कर करीब सात किलोमीटर दूर घटनास्थल पर पहुंची. उस पार पुलिसकर्मियों को पैदल ही जाना पड़ा. पटना की टीमों के पहुंचने के बाद भोजपुर आरा के एसपी छात्रनील सिंह व कोइलवर थाने के पुलिस बल भी वहां पहुंच गये और गिरफ्तारी की कार्रवाई की.
जख्मी हरेंद्र व शिवमूरत भी गिरफ्तार: दूसरी ओर गैंगवार में शामिल मौनी उपाध्याय व इलाज करा रहे सिपाही गुट के दोनों अपराधियों हरेंद्र व शिवमूरत को गिरफ्तार कर लिया गया है.
एसएसपी ने हत्या वाले स्थल का जांच करते हुए बालू उठाव कार्य को अवैध करार दिया. साथ ही एसएसपी ने सभी मजदूरों व नाविकों को अभी से ही बालू खनन को रोकने का निर्देश दिया. अन्यथा कार्रवाई करने की सख्त चेतावनी दी. वहीं, एसएसपी ने मनेर सीओ अंजू सिंह, बिहटा सीओ व कोइलवर सीओ को जमीन की मापी कर स्थायी सीमा क्षेत्र का मसला सुलझाने का निर्देश दिया. एसएसपी ने कहा कि इससे भोजपुर व पटना पुलिस को दिक्कतें होती हैं. पुलिस सीमा विवाद में ही उलझ कर रह जाती है. सीमा का मसला सुलझने के बाद उक्त क्षेत्र की पुलिस अपनी कार्रवाई जल्द कर पायेगी.
बालू उत्खनन होता रहा, टुकुर-टुकुर देखती रही पुलिस
पटना : बालू उत्खनन करने वालों को किसी प्रकार का खौफ नहीं है. एसएसपी व अन्य पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस टीम जब दियारा में पहुंची, तो पाया कि कई जगहों पर नाव लगा कर अवैध रूप से बालू उत्खनन हो रहा है. पोकलेन से बालू की निकासी की जा रही है. कई जगहों पर पोकलेन को तो जब्त कर लिया गया, लेकिन काफी नीचे हो रहे उत्खनन को रोकना पुलिस के लिए मुश्किल था. वे आराम से उत्खनन कर रहे थे और पुलिस को देखने की मजबूरी थी. जमीन से तीस फुट नीचे सोन नदी में उत्खनन हो रहा था और वहां से नीचे उतरना संभव नहीं था. केवल नदी के रास्ते ही वहां तक पहुंचा जा सकता है.
बताया जाता है कि यहां से उत्खनन कर नाव से बालू को छपरा के डोरीगंज घाट पर पहुंचा दिया जाता है और फिर वहां से बिक्री करने के लिए भेज दिया जाता है. इसमें पुलिस के समक्ष यह मजबूरी थी कि अगर पुलिस किसी प्रकार की कार्रवाई करती, तो कई लोगों की जान जा सकती थी. गोली चलती तो अनहोनी हो सकती थी. इसके साथ ही अगर सोन नदी में स्टीमर से भी पीछा किया जाता, तो वे लोग नदी में कूद कर निकल सकते थे या फिर अपनी जान गंवा सकते थे. इसके कारण यह भी नामुमकिन नहीं थी.
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि आरा पुलिस के साथ मिल कर वैसे घाटों पर ही अभियान चलाया जायेगा, जहां से नाव से बालू लाने के बाद ट्रकों में भरा जाता है और फिर बाजार में बेचने के लिए भेजा जाता है. छत्रनील सिंह योजना बना रहे हैं कि बालू माफियाओं को सड़क पर रोका जाये.
आमतौर पर नदी से बालू निकालने के बाद पटना, आरा या छपरा में किसी न किसी घाट पर उसे ट्रक या ट्रैक्टर में भरते हैं और फिर बाजारों में बेचने के लिए जाते हैं. अब पुलिस उन घाटों पर ही नाकेबंदी कर देगी, जहां से फिलहाल ये लोग ट्रक या ट्रैक्टरों में भरते हैं. प्रतिदिन मनेर, बिहटा व आरा के कई घाटों से बालू को ट्रक में भरते हुए आसानी से देखा जा सकता है. पुलिस की योजना है कि अगर वहीं पर इन लोगों को पकड़ लिया जाये, तो खुद-ब-खुद नदी से बालू का अवैध रूप से उत्खनन बंद हो जायेगा.
क्योंकि वह बाजार में पहुंच ही नहीं पायेगा और इसमें पुलिस काे ज्यादा रिस्क भी नहीं है. इसके साथ ही बीच में कहीं भी सड़क पर भी चेकिंग कर पकड़ा जा सकता है. अगर अवैध होगा तो उनके पास किसी प्रकार का कागजात मौजूद नहीं होगा और वे आसानी से पकड़े जायेंगे.

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