पटना: बिहार विधान परिषद में आज राज्य सरकार ने सूचित किया कि प्रदेश सरकार सहायक व्याख्याता की बहाली पर रोक लगाने को लेकर विधिक सलाह लेगी. सहायक व्याख्याता की बहाली पर रोक लगाने को लेकर पूछे जाने पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि यूजीसी द्वारा अधिसूचना 16 जुलाई 2016 को जारी किया था. हम कोशिश करेंगे इसके समाधान करने का प्रयास करेंगे. हम :सरकार: विधिक परामर्श ले रहे हैं और अगले दस दिनों में निश्चित तौर पर इस बारे में निर्णय लेंगे.
विधान परिषद में उठा था मामला
गत सोमवार को भाजपा सदस्य नवल किशोर यादव के शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया था जिसका समर्थन अन्य सदस्यों ने भी किया था. इस मामले की गंभीरता को बयान करते हुए सदन में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यूजीसी के दिर्शानिर्देशों को बिहार में लागू नहीं किए जाने के कारण यहां के 2009 के पूर्व 34 हजार पीएचडी डिग्री पाने वालों को प्रदेश में 3400 सहायक व्याख्याता की बहाली में अवसर प्राप्त नहीं हो पायेगा.
बीजेपी ने कहा आरक्षण में सरकार का समर्थन करेगी पार्टी
उन्होंने मंत्री के उस कथन कि यूजीसी द्वारा 16 जुलाई 2016 को एक नई अधिसूचना जारी को गलत ठहराते हुए कहा कि इस संबंध में यूजीसी ने गत मई महीने में एक अधिसूचना जारी की थी और गत जुलाई महीने में इसमें ढिलाई दी थी. सुशील ने एक बार फिर दोहराया कि राजद प्रमुख लालू ने बिहार के अभ्यर्थियों को प्रदेश में नौकरी में 80 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की जो मांग की है उसका वे समर्थन करेंगे.