इलाज के दौरान महिला मरी

परिजनों ने अस्पताल पर किया पथराव, हंगामा फुलवारीशरीफ : राजधानी से सटे राम कृष्णा नगर थाने के खेमनीचक जगनपुरा स्थित बाइपास रोड स्थित एसआर अस्पताल में इलाज के दौरान प्रसूता महिला की मौत के बाद परिजनों ने जम कर हंगामा किया. मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2016 3:24 AM
परिजनों ने अस्पताल पर किया पथराव, हंगामा
फुलवारीशरीफ : राजधानी से सटे राम कृष्णा नगर थाने के खेमनीचक जगनपुरा स्थित बाइपास रोड स्थित एसआर अस्पताल में इलाज के दौरान प्रसूता महिला की मौत के बाद परिजनों ने जम कर हंगामा किया. मृतका के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ और पथराव करने लगे. पथराव से अस्पताल के शीशे फुट गये.
हंगामा की सूचना पाकर मौके पर पहुंची रामकृष्णा नगर पुलिस ने लोगों को समझा- बुझा कर शांत कराया. तब परिजन शव को अस्पताल का बिल भुगतान किये बगैर ही अपने साथ लेते गये. रामकृष्ण नगर थानेदार ने बताया की मंगलवार को फतुहा से आयी प्रसूता देवी को परिजन एसआर हॉस्पिटल में एडमिट कराये थे. प्रसूता का ससुराल नौबतपुर के पीपलावां दरियापुर में है. चार दिन पूर्व अमित की पत्नी देवी को प्रसव पीड़ा के बाद गांव के ही निजी अस्पताल में भरती कराया गया. जहां उसे मारा हुआ बच्चा पैदा हुआ.
इसके बाद महिला की तबीयत बिगड़ती चली गयी. परिजनों ने गुस्साये परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ करते हुए पथराव कर दिया. सिपाही को चोट लगी है, जिससे वहां अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. हंगामा की जानकारी के बाद घटनास्थल पर रामकृष्णा नगर और कंकड़बाग पुलिस मौके पर पहुंची. काफी हो हंगामे के बाद परिजनों को समझा- बुझा कर पुलिस ने शांत कराया. पुलिस के दबाव में अस्पताल प्रशासन शव को परिजनों को सौंप दिया. वहीं इस बाबत जब अस्पताल प्रशासन से बात किया गया तो वह इस मामले में कुछ भी बताने से परहेज करती दिखी. अस्पताल में बताया गया की प्रसूता को गंभीरावस्था में ही यहां लाया गया था. इस संबंध में किसी पक्ष ने थाने में मामला दर्ज नहीं कराया है.
मौत के बाद भड़का गुस्सा
मंगलवार को बाइपास में एसआर हॉस्पिटल में उसे भरती कराया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों को अस्पताल ने बिल भुगतान करने को कहा तो वे लोग तैयार नहीं हुए. तब अस्पताल में भुगतान के लिए कर्मियों ने मृतका के परिजनों को कब्जे में करते हुए शव को सौंपने से इनकार कर दिया. परिजनों का गुस्सा भड़क गया और प्रसूता की मौत के लिए अस्पताल की लापरवाही का आरोप लगाते हुए जम कर हंगामा करने लगे.

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