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बोले नीतीश, हम जीएसटी के समर्थक बिल को विधानसभा से करायेंगे पास
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जीएसटी बिल के हम शुरू से पक्षधर रहे हैं. यह उपयोगी कानून है और इससे राज्यों को फायदा होगा. राज्यसभा के बाद अब इसे लोकसभा से पारित कराया जायेगा. केंद्र से जब यह बिल राज्य विधानसभा से पारित कराने के लिए आयेगा, तो इसे एसेंबली का सेशन […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जीएसटी बिल के हम शुरू से पक्षधर रहे हैं. यह उपयोगी कानून है और इससे राज्यों को फायदा होगा. राज्यसभा के बाद अब इसे लोकसभा से पारित कराया जायेगा. केंद्र से जब यह बिल राज्य विधानसभा से पारित कराने के लिए आयेगा, तो इसे एसेंबली का सेशन आयोजित कर पास कराया जायेगा.
गुरुवार को बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र खत्म होने के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी फोन पर चर्चा हुई है. अब बस यही अपेक्षा है कि केंद्र सरकार इस संबंध में जो जरूरी कदम हैं, उन्हें उठायेगी, ताकि यह बिल एक अप्रैल 2017 से प्रभावी हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी सामाजिक अभियान है, यह राजनीतिक मसला नहीं है. हम जहां भी जाते हैं, शराबबंदी की मांग करते हैं. हमने यूपी में भी बिहार की तरह पूर्ण शराबबंदी की मांग की है.
इसके लिए दिल्ली सहित देश के प्रधानमंत्री से भी बोल चुके हैं. प्रधानमंत्री से भी कहा है कि कम-से-कम भाजपा शासित सभी राज्यों में शराबबंदी को लागू करा दें. झारखंड के बॉर्डर के जिलों में जिस तरह से शराब की बिक्री बढ़ी है, वह चिंताजनक है. नॉबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी से भी आग्रह किया है कि शराबबंदी के प्रभाव का अपने स्तर से अध्ययन कराएं.
पाटीदारों के आंदोलन से गुजरात सीएम की हिम्मत टूट गयी
गुजरात के मुख्यमंत्री के इस्तीफे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका अंदरुनी मामला है. पाटीदारों के आंदोलन के बाद उनकी हिम्मत टूट गयी है. उना की घटना के बाद गुजरात में जनाक्रोश है. लोकतंत्र में विश्वास करनेवाले लोगों को बुरा लगा है और इन सबके कारण गुजरात में भारी आक्रोश है. हार्दिक पटेल के संबंध में पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में जो आरक्षण का आंदोलन उन्होंने किया, उसका हमलोगों ने समर्थन किया था. पाटीदार समाज के लोगों को आरक्षण की मांग रखनी पड़ी. किसी को दबाने से कोई बात नहीं दबती. यह प्रमाणित करता है कि गुजरात का मॉडल विफल है.
फसल बीमा योजना में केंद्र-राज्य का हो नाम
फसल बीमा योजना पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी राशि केंद्र को देनी है, उतनी राज्य को भी देनी है. ऐसे में इस योजना का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्यों रखा गया है? इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक में भी हमने यह मांग रखी गयी थी कि प्रीमियम दर में एकरूपता होनी चाहिए. इस योजना का नाम केंद्र-राज्य-किसान योजना होना चाहिए, क्योंकि प्रीमियम तीनों को देना है.
शराब घर में मिली, तो जिम्मेवारी तो लेनी होगी
शराब मिलने पर पूरे परिवार को सजा देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भ्रम न फैलाया जाये. लोग निश्चिंत रहें, कोई किसी को फंसाने के लिए काम करेगा, तो रोकने के लिए भी कड़ा प्रावधान है.
अगर कोई घर में शराब मिलने पर जिम्मेवारी नहीं लेगा, तो कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि सबसे पहली बात है कि चार महीने से शराबबंदी लागू है, शराब पीना बंद है, शराब नहीं रखनी है, तो शराब मिलती है, तो कोई तो जिम्मेवार होगा? बोतल घर में मिलेगी, तो जिम्मेवारी लेनी ही होगी? उन्होंने कहा कि शराबबंदी दिखावे के लिए नहीं लागू है. शराब के खिलाफ बिहार के लोग हैं. बिहार की स्थिति बेहतर बनाने के लिए शराबबंदी जरूरी है. ड्रग्स और नारकोटिक्स के प्रावधानों को भी कड़ा किया जाना चाहिए.
समय-समय पर बढ़ना चाहिए टैक्स
वैट वृद्धि पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार का अधिकार क्षेत्र है. सात निश्चय कार्यक्रम को लागू करना है. विकास के कई काम किये जाने हैं, लोगों की आमदनी बढ़ रही है, व्यापार बढ़ रहा है, तो टैक्स भी बढ़ना चाहिए. टैक्स ऐसी चीज है, जो समय-समय पर बढ़नी चाहिए. विशेष राज्य के दर्जे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, विशेष दर्जे की मांग निरंतर जारी है.
राज्यपाल के पद के औचित्य पर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में संघीय ढांचा लागू है, तो राज्यपाल के पद का कोई औचित्य नहीं है. यूपी के विधि-व्यवस्था से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में वहां की जनता फैसला करेगी. विधि-व्यवस्था वहां की सरकार को देखना है.
दलित छात्रवृत्ति पर जो भी बोल रहे हैं, वह बकवास है
दलित छात्रों पर लाठीचार्ज पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में सरकार की ओर से एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार निराला ने जवाब रख दिया है. जो लोग तथाकथित दलित छात्रवृत्ति पर बोल रहे हैं, वह बकवास है. जो लोग मेरिटवाले हैं, उनका अपने आप नामांकन हो जाता है.
अब उसके बाद कुछ लोग जो निजी संस्थानों में पढ़ते हैं, उनको पैसा देने की बात है. केंद्र सरकार योजनाएं बना देती है, पर पैसा देती नहीं है. अधिकांश बोझ राज्यों पर पड़ता है.
छात्रवृत्ति मामले में निगरानी जांच चल रही है, संस्थाएं फर्जी निकल रही है. राशि कुछ छात्रों को कैसे दे दी जाये? मुख्यमंत्री ने कहा कि दो अक्तूबर से सभी छात्र-छात्राओं को 12वीं के बाद जहां भी वह पढ़ना चाहें, बिहार या बिहार के बाहर, उन सबों को चार लाख रुपये तक का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने जा रहे हैं.
पाक पर केंद्र जो भी कदम उठाये, हम साथ हैं
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण के पाकिस्तान में ब्लैक आउट होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में केंद्र सरकार जो भी कदम उठायेगी, हम सहयोग के लिए तैयार हैं. यह देश की प्रतिष्ठा का प्रश्न है और इस संबंध में केंद्र की ओर से पहल होनी चाहिए. यह वैदेशिक मामला है.
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