सात जिलों में 11 नदियां उफान पर
पटना : सूबे में सिर्फ कोसी, गंगा, घाघरा और बूढ़ी गंडक जैसी बड़ी नदियां ही उफान पर नहीं हैं, बल्कि उससे जुड़ी सात जिलों की 11 छोटी-छोटी नदियां भी डेंजर लेवल से ऊपर बह रही हैं. छोटी नदियों के डेंजर लेवल से ऊपर बहने का आलम यह है कि सातों जिलों के दर्जनों गांव पंचायतों […]
पटना : सूबे में सिर्फ कोसी, गंगा, घाघरा और बूढ़ी गंडक जैसी बड़ी नदियां ही उफान पर नहीं हैं, बल्कि उससे जुड़ी सात जिलों की 11 छोटी-छोटी नदियां भी डेंजर लेवल से ऊपर बह रही हैं. छोटी नदियों के डेंजर लेवल से ऊपर बहने का आलम यह है कि सातों जिलों के दर्जनों गांव पंचायतों में पानी घुस गया है. ग्रामीण घर छोड़ ऊंची जगहों पर शरण लेने को विवश हैं.
समस्तीपुर और खगड़िया में छोटी नदियों के उफान का सबसे बुरा असर पड़ा है. जल संसाधन विभाग और बाढ़ राहत कोषांग ने छोटी नदियों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कोई राहत वितरण का इंतजाम भी नहीं किया है. हां, एेसे जिलों में बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने 14 सुरक्षा नावें जरूर भेजी हैं. ऐसी सुरक्षा नावों में हर दिन सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण परिवार के साथ ऊंची जगहों तक पहुंचाये जा रहे हैं. 11 जिलों में ऊंची जगहों पर शरण लिये लोगों को अपने स्तर से टेंट-तंबू लगाने के लिए पॉलिथीन-तिरपाल आदि का इंतजाम करना पड़ रहा है.
भागलपुर में गंगा से जुड़ी छोटी नदियां इसमाइलपुर, बिंद टोली और गोपालपुर में, किशनगंज में कोसी से जुड़ी छोटी नदियां कुरसेला, बरंडी, मनसाही और कोढ़ा में, जबकि बूढ़ी गंडक से जुड़ी नदी ने दरियापुर में कोहराम मचा रखा है. दरभंगा में अधवारा और कमला बलान से जुड़ी छोटी नदियां खिरोई और मंबी में, खगड़िया में बागमती व कोसी से संबद्ध सोनमनखी और डुमरी तथा समस्तीपुर में बागमती से जुड़ी फुलिहा और हसनपुर की छोटी नदियों में ऊफान आया हुआ है.