तीन दिनों में होनी थी जांच, 12 दिनों तक मालखाने में ही पड़ा रहा सैंपल
साजिश तो नहीं. ब्लड सैंपल का टेंपरेचर भी नहीं किया मेंटेन पटना : पनास होटल से शराब पीने को लेकर गिरफ्तार हुए बड़े व्यवसायियों के मामले में गांधी मैदान थाने की पुलिस ने साजिश रची है या फिर लापरवाही की. यह एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है. क्योंकि, शराब पीने के सबसे बड़े सबूत […]
साजिश तो नहीं. ब्लड सैंपल का टेंपरेचर भी नहीं किया मेंटेन
पटना : पनास होटल से शराब पीने को लेकर गिरफ्तार हुए बड़े व्यवसायियों के मामले में गांधी मैदान थाने की पुलिस ने साजिश रची है या फिर लापरवाही की. यह एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है.
क्योंकि, शराब पीने के सबसे बड़े सबूत (ब्लड सैंपल) को पुलिस ने जिस तरह से गांधी मैदान थाने के मालखाने में रखा था, उससे सीधे तौर पर लापरवाही ही मान लेना ठीक नहीं होगा. एफएसएल भेजने से पहले 12 दिनों तक सैंपल मालखाने में ही पड़ा रहा. सैंपल के आवश्यक तापमान को भी मेंटेन नहीं किया गया. सैंपल की जांच तीन दिनों के अंदर ही करा लेनी थी, लेकिन इसके लिए कोर्ट से परमिशन लेने में ही पुलिस ने काफी देर कर दी. तत्काल आवेदन नहीं किया गया. अब एफएसएल की जांच रिपोर्ट में ब्लड सैंपल में अलकोहल नहीं होने की पुष्टि होने के बाद दोबारा जांच के लिए सैंपल मांगा जा रहा है.
पुलिस अफसरों ने मूंदीं आंखें, सब कुछ थाने के भरोसे छोड़ा : प्रदेश में शराबबंदी के बाद जिस तरह से हाइ प्रोफाइल मामला पुलिस के पास आया था, उससे यह समझा जा रहा था कि पुलिस पूरी सावधानी से जांच पड़ताल करेगी और दोषियों को कोर्ट से सजा दिलायेगी.
यह उम्मीद इसलिए भी थी, क्योंकि शराब बंदी सीएम का सबसे बड़ा फैसला था. बावजूद पूरी तरह से खेल हुआ है. होटल पनास में सात बड़े व्यापारियों को जाम लड़ाते गिरफ्तार करने के बाद पुलिस के पदाधिकारी भी खामोश हो गये. सब कुछ थाने के भरोसे छोड़ दिया. 26 अप्रैल, 2016 को होटल में छापेमारी हुई, इस दौरान कमरा नंबर 308 से लोगों की गिरफ्तारी हुई. शराब की बोतलें और बना हुआ पैग भी बरामद हुआ.
इसके बाद तत्काल उन लोगों को पीएमसीएच ले जाया गया. वहां पर फॉरेंसिक लैब में ब्लड सैंपल लिया गया. इसके बाद आरोपितों को पुलिस ने जेल भेज दिया. वहीं पीएमसीएच से ब्लड सैंपल गांधी मैदान पुलिस को हैंड ओवर कर दिया गया. अब यहां से पुलिस को तत्परता दिखाते हुए तत्काल मजिस्ट्रेट से मिल कर आदेश लेना था और तीन दिनों के अंदर सैंपल को एफएसएल में भेज देना था, लेकिन पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए ऐसा नहीं किया.
ऐसे हुआ खेल
कोर्ट में आवेदन देर से किया. इधर ब्लड सैंपल को थाने के मालखाने में रखा गया. पुलिस का दावा है कि सैंपल को आइसपैक में रखा गया था, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है. पुलिस का कहना है कि कोर्ट से देर से परमिशन मिला, इसलिए सैंपल को एफएसएल भेजने में देर हुई. लेकिन, यह जांच का विषय है कि पुलिस ने किस तरह से थाने में ही मामले को पी जाने की कोशिश की है.
पुलिस ने पूरे 12 दिनों तक मालखाने में सैंपल रखने के बाद उसे सात मई को एफएसएल में भेजा. इसके बाद 27 जून को रिपोर्ट तैयार हुई और 23 जुलाई को एफएसएल ने रिपोर्ट कोर्ट को भेज दी. अब आरोप के उलट रिपोर्ट आने के बाद पुलिस और एफएसएल के बीच एक-दूसरे पर आरोप थोपने की काेशिश हो रही है. पुलिस एफएसएल से ब्लड सैंपल मांग रही है, जबकि सूत्रों की मानें, तो एफएसएल ने सैंपल को नष्ट कर दिया है. हालांकि एसएसपी के पत्र का जवाब एफएसएल ने अब तक नहीं दिया है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
ब्लड सैंपल के फौरेंसिक जांच के मामले में पीएमसीएच के फौरेंसिक एक्सपर्ट कहते हैं कि सैंपल की जांच तीन दिनों में हो जानी चाहिए. पीएमसीएच में सैंपल लिये जाने के बाद पुलिस को हैंड ओवर कर दिया जाता है. पुलिस मजिस्ट्रेट से मिल कर एक आदेश लेती है और उस सैंपल को जल्दी-से-जल्दी एफएसएल को भेज देती है. लेकिन, सैंपल अगर तीन से ज्यादा दिन तक आवश्यक तापमान में नहीं रखा गया, तो उसके खराब होने के चांस रहते हैं. ऐसे में उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत थी.
ये लोग भेजे गये थे जेल
जेल भेजे गये व्यवसायियों में प्रदीप कुमार लोहिया (रघुकुल मार्केट, रिंग रेाड, सलावतपुर, सूरत, गुजरात, स्थायी पता- इंद्रलोक अपार्टमेंट, जगतनारायण रोड, पटना), अशोक अग्रवाल (520, आदर्श, इन्कलेव, वेसू, खटोदरा, सूरत स्थायी पता-देवालय कॉम्प्लेक्स, हथुआ मार्केट के पीछे, बारी पथ, पीरबहोर), संजय टेकरीवाल (134 अाशीर्वाद विला, न्यू सिटी लाइट रोड, उमराह, सूरत), राजीव अग्रवाल (सूटरगंज, ग्वालटोली, कानपूर, यूपी स्थायी पता-504 सी ब्लॉक, बासुदेव इन्कलेव, कंकड़बाग मेन रोड), सचिन अग्रवाल (203, सूर्यदेवन अपार्टमेंट, सिटी लाइट रोड, उमराह, सूरत), शैलेश सर्राफ (1101 आशीर्वाद पैलेस, भटार रोड, सूरत) व संजय कुमार पोद्दार उर्फ सुनील कुमार ( 306, सूर्यदेवन अपार्टमेंट, सिटी लाइट रोड, उमराह, सूरत, स्थायी पता-306, जगदीश इन्कलेव, आरबीआइ के पीछे, गांधी मैदान) शामिल थे.