सीबीएसइ के नाम का इस्तेमाल करनेवाले स्कूल हो जाएं सावधान

प्राइवेट स्कूलों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा, बन रही लिस्ट पटना : एेसे प्राइवेट स्कूल जो सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, लेकिन उसके नाम का इस्तेमाल कर अभिभावकों को ठग रहे हैं, ऐसे स्कूल अब सावधान हो जायें. क्योंकि, सीबीएसइ की नजर में आने के बाद ऐसे स्कूलों की खैर नहीं होगी. सीबीएसइ ऐसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2016 7:43 AM
प्राइवेट स्कूलों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा, बन रही लिस्ट
पटना : एेसे प्राइवेट स्कूल जो सीबीएसइ से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, लेकिन उसके नाम का इस्तेमाल कर अभिभावकों को ठग रहे हैं, ऐसे स्कूल अब सावधान हो जायें. क्योंकि, सीबीएसइ की नजर में आने के बाद ऐसे स्कूलों की खैर नहीं होगी. सीबीएसइ ऐसे स्कूलों के खिलाफ एफआइआर करायेगी. ऐसे स्कूलों को पकड़ में लाने के लिए सीबीएसइ अगस्त के अंतिम सप्ताह से सर्वे करायेगा. यह सर्वे पटना जोन (बिहार और झारखंड) के स्कूलों का होगा. ऐसे स्कूलों की बोर्ड लिस्ट तैयार की जायेगी. इस लिस्ट को राज्य सरकार को सौंपी जायेगी.
एनओसी की भी होगी जांच : पटना जोन में नॉन एफिलिएटेड स्कूल की लिस्ट सीबीएसइ तैयार करेगा, उन स्कूलों ने राज्य सरकार से एनओसी लिया है या नहीं, इसे भी देखा जायेगा. सर्वे में यह भी जानकारी ली जायेगी कि यह स्कूल कितने सालों से चल रहे हैं. अब तक इन स्कूलों से कितने छात्र ने पढ़ायी की है. सर्वे प्राइवेट एजेंसी से करायी जायेगी. सर्वे के लिए प्रश्न तैयार किये गये हैं.
अभिभावक दे सकते हैं जानकारी : सीबीएसइ ने अभिभावकों से अपील की है कि ऐसे स्कूल अगर उनकी जानकारी में हों तो वो इसकी जानकारी बोर्ड को उपलब्ध करा सकते हैं. क्योंकि, ऐसे स्कूल अभिभावकों को बेवकूफ बना रहे हैं. सीबीएसइ के नाम पर आठ साल ठगते हैं और फिर नॉन एफिलिएटेड स्कूल से 9वीं और 11वीं का रजिस्ट्रेशन करा कर स्टूडेंट्स का भविष्य बरबाद कर रहे हैं.
प्रभात खबर ने चलाया था अभियान : पटना के गली-मोहल्लों में सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड के नाम का बैनर इस्तेमाल कर स्कूल चल रहे हैं. ऐसे स्कूल सीबीएसइ या आइसीएसइ बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं हैं, लेकिन ये स्कूल इन बोर्ड का नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. बोर्ड के नाम पर मोटी रकम भी नामांकन में वसूल रहे है. गली-मोहल्ले में चल रहे ऐसे स्कूलों को प्रभात खबर ने सामने लाया था. ऐसे ठगने वाले स्कूलों पर कई दिनों तक प्रभात खबर ने खबरें छापी थीं.

Next Article

Exit mobile version