बिहार : IPS का मार्मिक पोस्ट, नक्सली हमले में शहीद जवान के लिए छलका दर्द
पटना : बिहार के लखीसराय में मंगलवार को हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए एक जवान की शहादत पर बिहार के सुपर कॉप माने जाने वाले आइपीएस अधिकारी शिवदीपवामनराव लांडे ने अपने फेसबुक वॉल पर बहुत ही भावनात्मक पोस्ट लिखी है. शहीद जवान अजय मंडल बिहार के स्पेशल टॉस्क फोर्स से जुड़ा था. उसकी […]
पटना : बिहार के लखीसराय में मंगलवार को हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए एक जवान की शहादत पर बिहार के सुपर कॉप माने जाने वाले आइपीएस अधिकारी शिवदीपवामनराव लांडे ने अपने फेसबुक वॉल पर बहुत ही भावनात्मक पोस्ट लिखी है. शहीद जवान अजय मंडल बिहार के स्पेशल टॉस्क फोर्स से जुड़ा था. उसकी शहादत पर शिवदीप लांडे ने मार्मिक पोस्ट लिखते हुए कई समाज से कई तरह के सवाल भी पूछे हैं. शिवदीप लांडे ने अपने पोस्ट में रोजाना होने वाली बेमतलब की बहस पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि काश कभी कोई किसी शहीद की शहादत को लेकर बात करता.
भावुक कर देने वाली पोस्ट
शिवदीप ने अपने पोस्ट की शुरुआत करते हुए लिखा है कि ‘ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर जान देने की रुत रोज आती नहीं,अब तुम्हारे हवाले, वतन साथियों. शिवदीप आगे लिखते हैं, ऐसा नहीं की ये पहली बार हुआ है, निरंतर ही ये होता रहा है या ये कहूं की लगभग रोजाना ही होता है बस आप और हम इस सत्य से अनभिज्ञ रह जाते हैं. मुझे कभी कभी लगता है कि हम न जाने सदैव कितने मुद्दों पर बात और बहस करने को उतारू रहते हैं पर शायद ही कभी किसी शहीद को लेकर बात करते होंगे. पर्दों के हीरो को देख उनके साथ एक तस्वीर को मर मिटते हैं पर जो जवान हमारी और आपकी ज़िन्दगी के ख़ुशी के लिए खुद को मिटा देते उसके बारे में कोई चर्चा नहीं.
जवान के खोने का दर्द छलका
शिवदीप ने आगे लिखा है कि आज मैंने अपने परिवार का एक जवान खो दिया. अजय लाल मंडल कल रात लखीसराय में नक्सलियों से लड़ते-लड़ते खुद की जान गवां दी पर उनको आगे बढ़ने से रोक लिया. तत्काल मैं खुद उसको देखने मुंगेर गया. उसको अपने सामने देख दिल किया की मैं भी खुल के बोल सकूं की तुम कितने खास थे, तुम कितने अनमोल थे पर अपने सभी भावनाओं को खुद के अंदर रख लिया. मेरे सामने उसकी पत्नी फुट फुट के रो रही थी, कभी खड़ी होती तो कभी बेहोश. मैं कैसे समझाता उसको की तुम्हारा पति कितना महान था, अफसोस की शायद उसको कुछ दिनों बाद ये बताने वाला कोई न हो क्योंकि सब भूल जाएंगें इस शहीद को भी बाकियों की तरह.
शहीद को याद करने की अपील
शिवदीप ने लोगों से पूछते हुए लिखा है कि मैं ये आप लोगों के साथ इस लिए शेयर कर रहा हूँ क्योंकि अब ये समय है खुद से पूछने का की क्या हम सच में इन शहीद हुए जवानों के आहुति को साकार कर रहे हैं ?? हम तो सरहद और जंगलों में दुश्मन से लड़ते मर जाते हैं पर क्या आप अपने अंदर के बुराईयों को मारेगें ताकि हम एक नवनिर्माण समाज बना सकें. आशा करता हूं कि जो मित्र ये पोस्ट को पढ़ रहे हैं वे इन शहीदों कोस्मरण कर राष्ट्र निर्माण में बराबर से भाग लें. जय हिंद.