इंजीनियरिंग कॉलेजों में 30 फीसदी सीटें रह गयीं खाली
पटना : राज्य के 13 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 30 फीसदी सीटें खाली रह गयी है. इंजीनियरिंग कॉलेजों के 3124 पदों के लिए पहली काउंसेलिंग में 2206 छात्र का नामांकन हो सका है. 918 पद खाली रह गये हैं. इन पदों पर दूसरी काउंसेलिंग के लिए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (एआइसीटीइ) […]
पटना : राज्य के 13 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 30 फीसदी सीटें खाली रह गयी है. इंजीनियरिंग कॉलेजों के 3124 पदों के लिए पहली काउंसेलिंग में 2206 छात्र का नामांकन हो सका है. 918 पद खाली रह गये हैं. इन पदों पर दूसरी काउंसेलिंग के लिए ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (एआइसीटीइ) से अनुमति लेनी होगी और हरी झंडी मिलने के बाद दूसरी काउंसेलिंग होगी.
सात पुराने इंजीनियरिंग कॉलेजों में 1765 सीटें और छह नये इंजीनियरिंग कॉलेजों में 1359 सीटें हैं. विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के निदेशक अतुल सिन्हा ने बताया कि पहले चरण की काउंसेलिंग में खाली रह गये 918 पदों को दूसरे चरण की काउंसेलिंग में भरे जायेंगे. सरकार फिलहाल अब तक जो छात्र-छात्राएं नामांकित हो चुके हैं, उनकी क्लास शुरू कराने पर फोकस कर रही है. 16 अगस्त से इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी और एक सितंबर तक सात पुराने इंजीनियरिंग कॉलेजों समेत छह नये इंजीनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाई शुरू कर दी जायेगी.
राज्य के नये व पुराने 13 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों को जल्द ही शिक्षक मिल जायेंगे. बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से इनके इंटरव्यू की प्रक्रिया चल रही है.
सितंबर तक इसके रिजल्ट आने की उम्मीद है. जब तक स्थायी शिक्षक इन इंजीनियरिंग कॉलेजों को नहीं मिल जाते हैं तब तक दूसरे शिक्षकों और एडहॉक पर शिक्षकों से क्लास लिये जायेंगे.
नये कॉलेजों पर होगा विशेष ध्यान
राज्य में खुले नये छह इंजीनियरिंग कॉलेजों पर विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग का विशेष ध्यान है. विभाग ने इस साल 2016-17 सत्र से राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर इंजीनियरिंग कॉलेज बेगूसराय, बीपी मंडल इंजीनियरिंग कॉलेज मधेपुरा, कटिहार इंजीनियरिंग कॉलेज, सीतामढ़ी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, शेरशाह इंजीनियरिंग कॉलेज सासाराम और बख्तियारपुर इंजीनियरिंग कॉलेज खोला है. यह फिलहाल वैकल्पिक स्थान पर चल रहे हैं.