व्यावसायिक संगठनों ने सराहा

पटना : बिहार में जीएसटी बिल के पास होने पर व्यावसाियक संगठनों ने जहां सराहा, वहीं कुछ सुझाव भी िदये. बि हार विधानसभा और विधान परिषद में मंगलवार को जीएसटी बिल को सर्वसम्मति से पास हो गया. बिहार देश का दूसरा राज्य है, जिसने जीएसटी को सर्वसम्मति से पास कर दिया. इससे पूर्व असम सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2016 7:27 AM
पटना : बिहार में जीएसटी बिल के पास होने पर व्यावसाियक संगठनों ने जहां सराहा, वहीं कुछ सुझाव भी िदये. बि हार विधानसभा और विधान परिषद में मंगलवार को जीएसटी बिल को सर्वसम्मति से पास हो गया. बिहार देश का दूसरा राज्य है, जिसने जीएसटी को सर्वसम्मति से पास कर दिया. इससे पूर्व असम सरकार ने जीएसटी बिल को सर्वसम्मति से पारित किया था. इस बिल काे लेकर व्यावसायिक संगठनों में काफी खुशी देखी जा रही है.
बिहार चैंबर आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष ओपी साह ने जीएसटी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जीएसटी बिल पास होने के बाद बिहार विधान सभा और विधान परिषद में इस बिल को सर्वसम्मति से पारित कर दिया. इस बिल से उपभोक्ता राज्यों के राजस्व में बढ़ोतरी होगी. लेकिन साथ ही साथ जीएसटी बिल में सेवा क्षेत्रों एवं छोटे व्यवसायियों को राहत देने की आवश्यकता है. इसके अलावा दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी से बाहर रखने की जरूरत है.
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने कहा कि राज्य में जो वस्तुएं बनेंगी और बिकेंगी इसका पूरा का पूरा लाभ राज्य सरकार को मिलेगा. साथ ही जो माल दूसरे राज्यों से आयेगा उसे जीएसटी का पूरा लाभ राज्य को मिलेगा. वैसे उद्योग जो उपभोक्ता से जुड़ा हो तो उसका भी लाभ राज्य सरकार हो मिलेगा.
अभी राज्य सरकार का अभी जो राजस्व है उसमें लगभग दो गुना इजाफा होगा. इस बिल के लागू होने के बाद राज्य को केंद्र सरकार से कर के रूप में लगभग आठ हजार करोड़ का फायदा होगा. जीएसटी बिल लागू हो जाने के बाद कर से जुड़ विभिन्न विभागों में काम कम हो जायेगा और सरकार इन अधिकारियों तथा कर्मचारियों का उपयोग दूसरे विभाग में कर सकती है. इससे राज्य सरकार का आर्थिक विकास होगा और चोरी की प्रथा अपने आप समाप्त हो जायेगी.
पीएचडी चैंबर आॅफ कॉमर्स (बिहार) के अध्यक्ष सत्यजीत कुमार सिंह ने कहा कि यह एक बहुत ही अच्छा कदम है. राज्य सरकार ने जीएसटी बिल पर राजनीति से परे होकर अच्छा फैसला लिया है. इससे राज्य के उपभोक्ताओं को कर से राहत मिलेगा. साथ दूरगामी परिणाम सामने आयेगा. बिल के बाद राज्य के आर्थिक विकास में तेजी आयेगा. जीएसटी बिल आने के बाद बिहार सरकार को सात से आठ करोड़ रुपये की आमदनी केंद्र सरकार से होगी.

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