बीच रोड पर गंदगी का लगा है अंबार

बिहटा : इन दिनों भारत के मानचित्र पर अपनी पहचान बना रहा बिहटा स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है. बिहटा कहने को आज ग्रेटर पटना कहा जा रहा है, लेकिन यहां के लोग गटर की जिंदगी जीने को विवश हैं.बिहटा रेलवे स्टेशन को जानेवाली सभी सड़कों का हाल बेहाल है. सभी सड़कों पर गंदगी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2016 7:02 AM
बिहटा : इन दिनों भारत के मानचित्र पर अपनी पहचान बना रहा बिहटा स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है. बिहटा कहने को आज ग्रेटर पटना कहा जा रहा है, लेकिन यहां के लोग गटर की जिंदगी जीने को विवश हैं.बिहटा रेलवे स्टेशन को जानेवाली सभी सड़कों का हाल बेहाल है.
सभी सड़कों पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. किसी रोड में कीचड़ है , तो कोई रोड जलजमाव की चपेट में है. यही नहीं हाल ही में बना बिहटा फुट ओवर ब्रिज के दोनों तरफ कूड़ा- कचरा भारी मात्रा में जमा था, जो बरसात की वजह से सड़क पर फैल गया है और बदबू देने लगा है. इससे आने- जानेवाले लोंगो को इसी कीचड़ में पैर रख कर और अपने नाक को रूमाल से ढंक कर आना -जाना पड़ रहा है. यही नहीं, बिहटा रेलवे स्टेशन व रेफरल अस्पताल सहित प्रखंड कार्यालय को जोड़नेवाली मुख्य सड़क पोस्ट आॅफिस रोड से पानी की निकासी नहीं होने से नाले का पानी आज छह महीनों से रोड पर है.
आसपास के लोग उस गंदगी से परेशान हैं , लेकिन इससे निजात दिलानेवाला न तो कोई पदाधिकारी है और ना ही कोई जनप्रतनिधि. गंदगी के साथ -साथ बिहटा में अतिक्रमणकारियों ने अपना लंबा पांव पसार लिया है. हालांकि, इस समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय पदाधिकारी से मिल कर इस मुद्दे को गंभीरतापूर्वक रखा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई, जिससे अतिक्रमणकारियों के हौसले और बुलंद हो गये हैं. दिन -पर- दिन बिहटा अतिक्रमण के जाल में फंसता जा रहा है.
क्या कहना है स्थानीय ग्रामीणों का
गंदगी और अतिक्रमण से बिहटा की नारकीय स्थिति हो गयी है. बीच बाजार में कचरे का ढेर लगा रहता है, जो सड़ कर बदबू देता है, जिससे आने- जानेवाले लोगों को काफी परेशानी होती है.
आनंद शेखर, शिक्षक, बिहटा
बिहटा में विकास हुआ है , लेकिन उन विकास से आम जनता कोसों दूर है. चारों तरफ अतिक्रमण, कचरों का ढेर लगा हुआ है, लेकिन इससे निजात दिलानेवाला कोई नहीं है. कई बार मंत्री और स्थानीय विधायक का भी इस ओर ध्यान आकर्षित करवाया गया, लेकिन सालों से स्थिति वही- की -वही है.
नरेश सिंह,समाजसेवी बिहटा

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