उपेंद्र सत्ता के साथ, मैं पार्टी के साथ

पटना : राजनीति और पार्टी का पवित्रता को शत-प्रतिशत बनाये रखूंगा. जो नयी जिम्मेवारी पार्टीजनों और समर्थकों ने दी है, उसे पूरा करूंगा. ये बातें बुधवार को सांसद व नवगठित रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण कमार ने कहीं. वे श्रीकृष्ण मेमेरियल हॉल में ‘विशेष अधि‌वेशन’ में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पार्टी दोराहे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2016 7:23 AM
पटना : राजनीति और पार्टी का पवित्रता को शत-प्रतिशत बनाये रखूंगा. जो नयी जिम्मेवारी पार्टीजनों और समर्थकों ने दी है, उसे पूरा करूंगा. ये बातें बुधवार को सांसद व नवगठित रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुण कमार ने कहीं. वे श्रीकृष्ण मेमेरियल हॉल में ‘विशेष अधि‌वेशन’ में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि पार्टी दोराहे पर खड़ी थी. दोराहे से पार्टी को निकालने के लिए ‘विशेष अधिवेशन’ में जो फैसला लिया गया है, मैं उसके साथ हूं. उन्होंने कहा कि मैं सत्ता नहीं, संगठन के केंद्र में खुद को रखने का आदि हूं. मेरे और उपेंद्र कुशवाहा के बीच कोई व्यक्तिगत टकराव नहीं था. सच तो यह है कि उपेंद्र कुशवाहा सत्ता के साथ रहे, जबकि मैं संगठन व पार्टी के साथ. कर्पूरी ठाकुर और जॉर्ज फर्नांडीस मेरे आदर्श रहे हैं. आज भी मैं हर माह जॉर्ज साहब से मिलता हूं. उनसे मैंने समाज के अंतिम व्यक्ति की लड़ाई लड़ने की सदैव प्रेरणा ली.
उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा सामाजिक न्याय के नकली नेता हैं. सत्ता में बैठे लोग आज अपने परिवार को सामाजिक न्याय दिलाने में लगे हैं. सूबे के किसान आज पीड़ित हैं. लालकेश्वर और बच्चा राय जैसे तत्वों का जन्म हो रहा. जिलों में चिकित्सकों का गंभीर संकट है.

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