बिहार : ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पानी के लिये 450 करोड़ स्वीकृत

पटना : ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट दूर करने के लिए राज्य सरकार 450.60 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह निर्णय शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए 8398 पंचायतों के पुराने चापाकलों के जगह 10897 नये इंडिया मार्क-दो हैंड पंप स्थापित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2016 3:53 PM

पटना : ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट दूर करने के लिए राज्य सरकार 450.60 करोड़ रुपये खर्च करेगी. यह निर्णय शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया. कैबिनेट सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए 8398 पंचायतों के पुराने चापाकलों के जगह 10897 नये इंडिया मार्क-दो हैंड पंप स्थापित करेगी. इसके लिए 60.20 करोड़ रुपये स्वीकृत किया गया है. इसके स्थापित होने से राज्य के 8398 पुराने पंपो के खराब होने से हुई पानी की समस्या को दूर कर लिया जायेगा. सभी पुराने चापाकल भू जल स्तर घटने के कारण बेकार हो गये हैं.

कैबिनेट सचिव ने बताया कि मंजूर की गयी राशि में चापाकलों के स्थापित करने और अगले पांच साल तक रखरखाव की भी जिम्मेवारी सौंपी जायेगी. एक साल के अंदर इसे स्थापित कर लिया जायेगा. वहीं पटना, भोजपुर, बक्सर, वैशाली, सारण, समस्तीपुर, दरभंगा, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय, खगड़िया आैर कटिहार के कुछ बसावटों में आर्सेनिक की अधिक मात्रा होने के कारण लोगों काे शुद्ध जल की समस्या उत्पन्न हो गयी है. राज्य सरकार के सुशासन कार्यक्रम के तहत विकसित बिहार के लिए 2015-20 में सात निश्चय कार्यक्रम के तहत हर घर को नल का जल देने की योजना के तहत आर्सेनिक प्रभावित 961 टोलों में शुद्ध पेयजल के लिए 391.60 करोड़ 75 हजार रुपये खर्च करने का निर्णय लिया है. इसी राशि में नल की रखरखाव की भी जिम्मेवारी शामिल होगी. उन्होंने बताया कि बैठक में 14 एजेंडो को स्वीकृत किया गया.

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