पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने गोपालगंज जहरीली शराब कांड पर सरकार को घेरा है. सुशील मोदी ने कहा है कि जिस तरह से प्रदेश की अन्य छह जगहों पर जहरीली शराब से 25 से ज्यादा लोगों की हुई मौत के सच को सरकार ने छुपा लिया उसी तरह से गोपालगंज के मामले भी सरकार की पूरी कोशिश थी कि सच को दबा दिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर मीडिया ने मामले को उजागर नहीं किया होता तो सरकार यही बताने में लगी थी कि सल्फास की गोली खाने और दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है. क्या मुख्यमंत्री सच को छुपाने में लगे लोगों पर भी कार्रवाई करेंगे?
सुशील मोदी ने कहा कि कल तक गोपालगंज के सच को झुठलाने में लगी सरकार का दावा है कि वहां शराबबंदी के बाद 667 छापेमारियां की गई थीं. फिर थाने से महज एक किमी की दूरी पर खजूरबानी कैसे बच गया? क्या इससे सरकार और प्रशासन की मिलीभगत उजागर नहीं हो रही है? क्या इससे पहले बेतिया, खगड़िया, पटना सिटी, गया, औरंगाबाद और नालंदा में मरे लोगों की बेसरा रिपोर्ट को सरकार सार्वजनिक करेगी? मोदी ने कहा कि यूं तो भाजपा इस पक्ष में है कि मानवीयता के आधार पर मरने वालों के परिजनों को चूंकि वे सभी गरीब लोग हैं को चार लाख रुपये का मुआवजा मिले मगर सरकार के नायाब शराबबंदी कानून का यह कैसा विरोधाभास है कि अगर किसी के घर से शराब की एक बोतल भी मिली तो पूरे परिवार को जेल और शराब पी कर कोई मर गया तो उसके परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा मिल जायेगा?