बैंकिंग सेवा की जानकारी निचले तबके तक पहुंचे

बैंकों से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत कोई भी उपभोक्ता लिखित या ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं पटना : ‘समाज के निचले तबके तक बैंकिंग सेवा की जानकारी नहीं पहुंचेगी तब तक बैंकिंग का मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं होगा. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बैंकिंग सेवा से पूरी तरह नहीं जुड़ पाये हैं. इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2016 7:11 AM
बैंकों से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत कोई भी उपभोक्ता लिखित या ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं
पटना : ‘समाज के निचले तबके तक बैंकिंग सेवा की जानकारी नहीं पहुंचेगी तब तक बैंकिंग का मुख्य उद्देश्य पूरा नहीं होगा. खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बैंकिंग सेवा से पूरी तरह नहीं जुड़ पाये हैं. इस कारण वे बैंकिंग योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित हैं. निचले तबके तक बैंकिंग सेवा की जानकारी पहुंचनी जरूरी है.’ ये बातें बिहार-झारखंड के बैंकिंग लोकपाल स्मिता चंद्रमणि कुमार ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक में आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं.
उन्होंने कहा कि वित्तीय समावेशन के तहत आम लोगों को वित्तीय क्षेत्र से जुड़े योजनाओं के बारे में तकनीकी जानकारी मुहैया करने के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाता है ताकि आमलोग बैंकों के कार्यकलाप के बारे में जान सके और बैंकों द्वारा चलाये जा रहे स्कीम के बारे में जानकारी दी जाती है.
श्रीमती चंद्रमणि ने बताया कि बैंकिंग लोकपाल योजना में कोई भी उपभोक्ता बैंकों से जुड़ी किसी भी तरह के शिकायत के लिए लिखित या ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं. ऑनलाइन शिकायत www.rbi.org.in पर कर सकते हैं.
उन्होंने बताया कि बैंकिंग लोकपाल से शिकायत करने से पहले उपभोक्ता बैंक को शिकायत करें अगर बैंक शिकायत आवेदन लेने से इनकार करता है तो उन्हें निबंधित डाक द्वारा शिकायत भेजें. उसके बाद लोकपाल के पास शिकायत आवेदन पत्र के साथ निबंधित डाक विभाग का रसीद भी भेजें.
श्री कुमार ने बताया कि लोकपाल के पास सबसे अधिक शिकायतें सरकारी बैंकों से होती हैं, जबकि निजी की शिकायतों की संख्या काफी कम होती है. उन्होंने बताया कि बैंकिंग लोकपाल पटना द्वारा प्राप्त संख्या में लगातार बढ़ोतरी हाे रही है.
वर्ष 2014-15 में 4456 तथा 2015-16 में 5003 शिकायत लोकपाल के पास आयी. 2015-16 में बिहार से 3441 और झारखंड से 1284 और 278 शिकायतें अन्य स्रोतों से मिली थीं. सबसे ज्यादा शिकायतें पेंशन भुगतान, एटीएम, डेबिट तथा क्रेडिट कार्ड से संबंधित मिली थीं.
धोखाधड़ी से बैंक नहीं दूर भाग सकता : आये दिन बैंक उपभोक्ताओं के साथ हो रहे धोखाधड़ी को लेकर रिजर्व बैंक काफी सख्त है. इसे लेकर रिजर्व बैंक ने बैंकों का गाइडलाइन जारी किया है. श्रीमती चंद्रमणि ने स्वीकार किया कि बिहार में बैंक उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी का मामला बढ़ा है . खासकर ऑनलाइन सेवाओं में धोखाधड़ी की घटनाएं अधिक हो रहे हैं. इसे लेकर रिजर्व बैंक काफी चिंतित है. बैंक लगातार नजर रखे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि बैंकों को हर लेन-देन के बाद उपभोक्ताओं को एसएमएस कर लेन-देन की जानकारी देनी है, लेकिन बहुत से उपभोक्ता अपने मोबाइल नंबर की जानकारी नहीं देते हैं. इस कारण धोखाधड़ी के मामले में जानकारी देर से उपभोक्ता बैंक को देते हैं. हर तरह के बैंकिंग कार्ड के पीछे शिकायत करने के लिए टोल फ्री नंबर होता है.
उपभोक्ता के साथ किसी तरह का धोखाधड़ी के लिए बैंक जिम्मेवार है. उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी में शामिल लोगों को हिरासत में लेने का अधिकार बैंकों के पास है. श्रीमती चंद्रमणि ने बताया कि कार्ड स्वीप करते वक्त काफी सचेत रहें क्योंकि दुकानदार के पास जो कंप्यूटर होता है उसमें कार्ड का क्लोन तैयार हो जाता है.

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