31 अगस्त तक मनरेगा के सभी जॉब कार्डधारी जुड़ेंगे आधार नंबर से
पटना : मनरेगा में काम करनेवाले सक्रिय जॉब कार्डधारियों का आधार नंबर को जोड़ने का निर्देश ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने सभी उप विकास आयुक्तों को दिया है. उन्होंने बताया कि राज्य में 43.47 लाख सक्रिय मनरेगा के तहत मजदूरी करनेवाले लोग हैं. इनमें से अभी तक 10.47 लाख मजदूरों के आधार […]
पटना : मनरेगा में काम करनेवाले सक्रिय जॉब कार्डधारियों का आधार नंबर को जोड़ने का निर्देश ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने सभी उप विकास आयुक्तों को दिया है. उन्होंने बताया कि राज्य में 43.47 लाख सक्रिय मनरेगा के तहत मजदूरी करनेवाले लोग हैं. इनमें से अभी तक 10.47 लाख मजदूरों के आधार कार्ड को ही जोड़ा गया है. अभी 32.99 लाख मजदूरों के आधार कार्ड को जोड़ना शेष रह गया है. सभी का आधार कार्ड जोड़ने का लक्ष्य 31 अगस्त तक निर्धारित किया गया है.
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुक्रवार को उप विकास आयुक्तों के साथ विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गयी. उनको बताया गया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह निर्णय लिया जा चुका है कि अब आधार कार्ड वाले मनरेगा मजदूरों का सीधे बैंक खाते के माध्यम से भुगतान किया जायेगा.
अभी तक महज 24 फीसदी आधार को ही मनरेगा के जॉब कार्डधारियों से जोड़ा गया है. इसमें भी आधार कार्ड के माध्यम से महज 2.3 प्रतिशत वर्कर को ही भुगतान किया गया है. उप विकास आयुक्तों को बताया गया कि नये वित्तीय वर्ष के चार माह गुजर गये हैं जबकि वित्तीय वर्ष 2015-16 के तहत मनरेगा मजदूरों के मजदूरी का बकाया भुगतान अभी 29 करोड़ रुपये बकाया है.
जिलों को सख्त निर्देश दिया गया कि 30 अगस्त तक सभी तरह के बकाये मजदूरी का भुगतान कर दिया जाये. समीक्षा में पाया गया कि 31 मार्च 2015 तक जितने भी कार्य लिये गये हैं उसे पूरा कर लिया जाना था पर जून 2016 तक 19 फीसदी कार्य पूरा नहीं हुआ है. इस वित्तीय वर्ष के दौरान 75 फीसदी मजदूरी का भुगतान बकाया है.
अपूर्ण इंदिरा आवासों को जल्द करें पूरा
समीक्षा बैठक में पाया गया कि अभी तक राज्य में आवंटित किये गये इंदिरा आवासों में करीब साढ़े 15 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया है. वित्तीय वर्ष 2012-13 से राज्य में करीब 19 लाख 31 हजार 716 आवासों की स्वीकृति मिली है. इसमें से अभी तक महज चार लाख दो हजार 877 आवासों का निर्माण कार्य ही पूर्ण कराया गया है.
बैठक में 18 जिलों को उप विकास आयुक्तों को बताया गया कि उनके जिले से भी तक दोषी लाभार्थियों को उजला व लाल नोटिस निर्गत करने संबंधित प्रतिवेदन विभाग को नहीं मिले हैं. इसमें बांका, गया, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय, मुंगेर, नालंदा, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान व सुपौल शामिल हैं. इन जिलों से अविलंब प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.