पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा हैं कि अभी तक पटना सुरक्षित है, लेकिन वाण सागर से पानी छोड़ने की वजह से देर रात या सोमवार के सुबह तक गंगा के जल स्तर में वृद्धि होगी. वे बाढ़ग्रस्त 13 जिलों के डीएम, प्रमंडली आयुक्त और पुलिस अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पटना में गंगा की पानी ड्रेनेज से आ रहा था, उसे बंद करने का निर्देश दिया गया है. पूरी चौकसी बरती जा रही है. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सभी कदम उठाये जा रहे हैं.
सीएम नीतीश ने कहा कि गंगा नदी में पानी बढ़ने और तेज बहाव के कारण कई जिलों के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इसका नियमित मोनिटरिंग किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा में पानी का स्तर सोन नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण बढ़ा है. इसके पहले नेपाल में वर्षा के कारण कोसी प्रमंडल के जिलों में बाढ़ का सामना करना पड़ा है.
पटना शहर को नहीं है कोई गंगा की बाढ़ से खतरा : ललन सिंह
पटना : पटना शहर को गंगा में आये ऊफान से कोई खतरा नहीं है. धीरे-धीरे गंगा का जल स्तर घट रहा है. उक्त बातें रविवार को जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने कही. वे दीघा घाट परिसर में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने आज दीघा सहित आस-पास के क्षेत्रों में बढ़े गंगा के जल स्तर का जायजा लिया. उनके साथ विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार, इंजीनियर इन चीफ इंदूभूषण और राजेश कुमार ने भी बढ़े जल स्तर का जायजा लिया.
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि फरक्का के सभी बराज खोल दिये गये हैं. उससे 3.60 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. मध्य प्रदेश के वाण सागर छूटे पानी से भी कोई खतरा नहीं है. उसका पानी आज बिहार पहुंचेगा. उसकी रफ्तार भी कमी है. अब वह पांच-छह लाख क्यूसेक पर आ गया है. वाण सागर का यदि 11 लाख क्यूसेक पानी बिहार में पहुंचता, तो परेशानी हो सकती थी. उन्होंने कहा कि आज से गंगा औक सोन के जल स्तर में भी धीरे-धीरे कमी आयेगी. उन्होंने कहा कि गंगा के ऊफान से पटना शहर के खतरे की आशंका निर्मूल है.
बाढ़ नियंत्रण कार्य में लगाये गये9 मुख्य, सहायक व कनीय अभियंता
पटना में बाढ़ की आशंका को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने विभिन्न जिलों में काम कर रहे नौ मुख्य, सहायक और कनीय अभियंताओं को गंगा-सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल, दीघा में तैनात किया है. बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण अंचल के मुख्य अभियंता रत्नेश कुमार को बाढ़ नियंत्रण अंचल, पटना के अधीक्षण अभियंता का प्रभार दिया गया है. सभी मुख्य, सहायक और कनीय अभियंताओं को तत्काल अपना-अपना काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है.
जल संसाधन विभाग ने सिंचाई प्रमंडल संख्या-पांच के सहायक अभियंता सुनील कुमार, घोसी प्रमंडल के सहायक अभियंता अनुपम विजय, नालंदा-बिहारशरीफ के कनीय अभियंता धीरज कुमार, धनंजय कुमार, संजय कुमार, पवन कुमार, प्रेम किशोर प्रसाद और धनंजय कुमार को भी गंगा-सोन बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल, दीघा में भेजा गया है. उन्हें बाढ़ और तटबंध सुरक्षा की माॅनिटरिंग करने का दायित्व सौंपा गया है.
इससे पहले लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण गंगा शनिवार को अपना रौद्र रूप धारण करती दिखी. लगभग 22 साल बाद गंगा ने इस तरह का अपना पुराना तेवर दिखाया. गंगा का पानीशनिवारको पटना शहर में भी घुस गया. इसी तरह जल स्तर में बढ़ोतरी होती रही, तो रविवार की सुबह तक गंगा का पानी कई अन्य शहरी इलाकों में भी घुस जाने की संभावना जतायी गयी थी. शनिवार शाम तक गंगा का पानी विभिन्न घाटों की अंतिम सीढ़ी तक पहुंच गया था. दियारा क्षेत्र पूरी तरह डूब चुका है. दीघा स्थित बिंद टोली के लगभग सभी घर जलमग्न हो चुके हैं. गंगा की तेज धार में कई झोपड़ियां बह चुकी हैं.
गंगा ने तोड़ा 22 साल का रिकॉर्ड
गंगा पटना में वर्ष 1994 के अपने उच्चतम जलस्तर को पार कर गयी है. शनिवार को शाम तक गंगा उच्चतम जलस्तर से गांधी घाट में मात्र कुछ मिली मीटर नीचे बह रही है. वहीं, दीघा में अपना रिकॉर्ड तोड़ चुकी है और इसका जलस्तर हर घंटे बढ़ रहा है.
इंद्रपुरी बराज का पानी पहुंचने से सोन-गंगा के जल स्तर में होगी भारीवृद्धि
इंद्रपुरी बराज का पानी पहुंचने से सोन और गंगा के जल स्तर में भारी व़ृद्धि होगी. बिंद टोली से पलायन कर रहे लोगों ने बताया कि रात दो बजे के बाद जल स्तर में एकाएक बढ़ोतरी हुई. कई लोग ऊंची चौकी पर सोये हुए थे. पानी अचानक चौकी तक पहुंच गया. इसके बाद अफरा-तफरी मच गयी. लोग सुबह होने का इंतजार कर रहे थे. तड़के सुबह ही नाव से वे पलायन शुरू कर दिये. दोपहर तक बिंद टोली की अधिकतर आबादी सुरक्षित जगहों पर शरण ले चुकी थी.
पटना के निचले इलाके में घुस सकता है गंगा का पानी
वाण सागर से 5.64 लाख क्यूसेक पानी बिहार पहुंचने में लगेंगे 36 घंटे
प्रभावित जिलों के डीएम को निर्देश
विभागीय मंत्री ने बाढ़ के खतरे को देखते हुए सभी प्रभावित जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि 24 घंटे काम में लगे रहे. राहत एवं बचाव कार्य में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाये. बचाव कार्य के लिए राशि की कोई कमी नहीं है, जिस जिले को जितनी राशि की जरूरत पड़ेगी, उसे उतनी मिलेगी. उन्होंने कहा है कि जिला अपनी जरूरत के मुताबिक अनुरोध भेजे, विभाग की तरफ से तुरंत राशि जारी कर दी जायेगी. मंत्री ने घर छोड़ने वालों से कैंप में आकर रहने का आग्रह किया है. कहा है कि कैंप में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आयेगी.
पटना में एनडीआरएफ की पांच तथा वैशाली में दो टीमों को तैनात कर दिया गया है. इसे देखते हुए राहत एवं बचाव को युद्ध स्तर पर चलाने के निर्देश दिये गये हैं. आपदा प्रबंधन विभाग ने चौबीस घंटे काम करने वाले राज्य आपदा ऑपरेशन केंद्र का गठन किया है. सीएस ने सभी संबंधित विभागों को अलर्ट रहने को कहा है.
सीएस ने निर्देश दिया कि पानी से घिरे लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थान पर ले जायें. दियारे में सुरक्षित स्थान पर शरण लिये लोगों तक सूखा राशन पैकेट पहुंचाया जाये तथा जो लोग राहत कैंपों में आना चाहते हैं, उन्हें एनडीआरएफ की मदद से निकालकर राहत कैंपों में लाया जाये. इस बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, पटना नगर निगम के आयुक्त अभिषेक सिंह, पटना डीएम संजय अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे.
बिहार में पटना समेत तमाम बाढ़ प्रभावित जिलों में सभी स्तर के पुलिस अधिकारियों और कर्मियों की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है. पुलिस मुख्यालय ने सभी संबंधित जिलों के एसपी को स्थिति के हिसाब से यह निर्देश जारी करने को कहा है. जहां-जिन जिलों में इसकी जरूरत है, वहां के पुलिसकर्मियों की छुट्टी को रद्द करने को कहा गया है.