पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का एरियल सर्वे किया. बाढ़ से पैदा हुए खतरों के बारे में नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि गंडक और कोसी नदी नियंत्रण में है, लेकिन सोन नदी ने बड़ी समस्या खड़ी कर दी है. उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण सोन नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि इंद्रपुर बैराज से पानी छोड़ना पड़ा है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मध्यप्रदेश के बाणसागर बांध से काफी मात्रा में पानी छोडे जाने के मद्देनजर सोन और गंगा नदी के जलस्तर में फिर से वृद्धि होने की आशंका जताते हुए दियारा (नदी किनारे का इलाका) क्षेत्र के लोगों से राहत शिविरों में जाने की आज अपील की.
पटना स्थित मुख्य सचिवालय में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ की स्थिति की समीक्षा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘झारखंड एवं मध्यप्रदेश में भारी वर्षा होने के कारण सोन नदी में बार-बार उफान आ रहा है. इस कारण इन्द्रपुरी बराज से ज्यादा पानी छोडा जा रहा है. गंगा के अप स्ट्रीम में ज्यादा बहाव नहीं है लेकिन गंगा में मिलने वाली नदियों के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा है.’ उन्होंने कहा कि बाणसागर बांध से काफी मात्रा में पानी छोडा गया है जो आज रात या कल सुबह तक यहां पहुंचेगा. इससे कल हुआ जलस्तर फिर तेजी से उपर उठेगा. इसका आकलन करते हुये दियारा क्षेत्र के लोगों से अपील करता हूं कि सुरक्षित स्थानों पर लगे राहत शिविरों में आ जायें। वहां आवासन एवं भोजन की समुचित व्यवस्था रहेगी.मुख्यमंत्री ने सोन नदी पर बने बाणसागर बांध से काफी मात्रा में पानी छोडे जाने से गंगा के जलस्तर में वृद्धि की आशंका जताते हुए तटवर्ती दियारा क्षेत्रों के लोगों से अपील किया है कि वे अपने मवेशियों को साथ लेकर राहत शिविरों में पहुंचे. वहां मवेशियों के लिए भी समुचित इंतजाम किए गए हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपको आश्वासन देना चाहता हूं कि सभी सजग और सचेत हैं. स्थिति पर नजर रखी जा रही है तथा परिस्थितियों का आकलन किया जा रहा है.’ नीतीश ने कहा, ‘‘राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम लगी हुयी है. साथ ही अगर एयर लिफ्ट करने की आवश्यकता पडी तो उसकी भी तैयारी कर ली गयी है. सेना से बात की गयी है, सभी को सचेत रखा गया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘बालू ढोने वाले बडे नावों को पशु एवं लोगों को निकालने के कार्य में लगाया जा रहा है. सरकार द्वारा जो भी नाव चलाये जा रहे हैं उस पर लाल झंडा लगाया गया है. साथ ही उस पर स्पष्ट उसकी क्षमता दर्शायी गयी है. साथ ही यह भी लिखा हुआ है कि यह सेवा नि:शुल्क है.’ उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कार्य में लगाये गये निजी नावों का भुगतान तथा नाविकों की पारिश्रमिक का ससमय भुगतान कर दिया जायेगा.